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Barabanki News: महंगे हुए ताजे फूल, शादी-ब्याह में बढ़ा कृत्रिम फूलों का चलन
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Wed, 12 Nov 2025 12:48 AM IST
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बाराबंकी। शादी-ब्याह का सीजन शुरू होते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है। रिंग सेरेमनी (सगाई), जयमाल, गोदभराई से लेकर कार और डोली की सजावट तक, हर रस्म में अब परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। सजावट के बिना कोई भी उत्सव अधूरा लगता है, लेकिन सहालग के चलते फूलों की मांग और खपत दोनों बढ़ जाने से इनकी कीमतें भी आसमान छू रही हैं। यही वजह है कि लोगों का रुझान अब तेजी से आर्टीफिशियल (कृत्रिम) फूलों की ओर बढ़ रहा है।
समारोह में ताजे फूलों की महक भले ही सजावट में चार चांद लगाती हो, लेकिन इस सीजन में गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा और ऑर्किड जैसे फूलों की अधिक मांग के कारण महंगाई ने इनकी खुशबू फीकी कर दी है। आयोजन स्थलों, घरों और वाहनों की सजावट में अब कृत्रिम फूलों का चलन तेजी से बढ़ गया है। आर्टीफिशियल फूलों के व्यापारी जाबिर का कहना है कि शादी को यादगार बनाने के लिए लोग नई थीम और सजावट की मांग करते हैं। कृत्रिम फूलों से थीम और रंग संयोजन को मनचाहे रूप में तैयार करना आसान होता है। जाबिर बताते हैं कि अब तो ज्यादातर कृत्रिम फूल दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों से मंगाए जाते हैं। उनकी गुणवत्ता (क्वालिटी) इतनी शानदार होती है कि देखने से असली फूलों का आभास होता है। ऐसे में आर्टिफिशियल फूल सबसे बेहतर और बजट-अनुकूल विकल्प बनते जा रहे हैं।
प्राकृतिक फूलों के व्यवसायी राहुल सैनी का कहना है कि सहालग के चलते ताजे फूलों की मांग बढ़ी है, लेकिन आपूर्ति सीमित है। हाल ही में मौसम के उतार-चढ़ाव से फूलों की पैदावार प्रभावित हुई है, जिसके कारण कीमतें बढ़ गई हैं। लिली का एक पीस 130 रुपये का हो गया है। गुलाब 150 रुपये से बढ़कर 250 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। बावजूद इसके, कई लोग पारंपरिकता को महत्व देते हुए असली फूलों से ही सजावट करवाना पसंद करते हैं।
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समारोह में ताजे फूलों की महक भले ही सजावट में चार चांद लगाती हो, लेकिन इस सीजन में गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा और ऑर्किड जैसे फूलों की अधिक मांग के कारण महंगाई ने इनकी खुशबू फीकी कर दी है। आयोजन स्थलों, घरों और वाहनों की सजावट में अब कृत्रिम फूलों का चलन तेजी से बढ़ गया है। आर्टीफिशियल फूलों के व्यापारी जाबिर का कहना है कि शादी को यादगार बनाने के लिए लोग नई थीम और सजावट की मांग करते हैं। कृत्रिम फूलों से थीम और रंग संयोजन को मनचाहे रूप में तैयार करना आसान होता है। जाबिर बताते हैं कि अब तो ज्यादातर कृत्रिम फूल दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों से मंगाए जाते हैं। उनकी गुणवत्ता (क्वालिटी) इतनी शानदार होती है कि देखने से असली फूलों का आभास होता है। ऐसे में आर्टिफिशियल फूल सबसे बेहतर और बजट-अनुकूल विकल्प बनते जा रहे हैं।
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प्राकृतिक फूलों के व्यवसायी राहुल सैनी का कहना है कि सहालग के चलते ताजे फूलों की मांग बढ़ी है, लेकिन आपूर्ति सीमित है। हाल ही में मौसम के उतार-चढ़ाव से फूलों की पैदावार प्रभावित हुई है, जिसके कारण कीमतें बढ़ गई हैं। लिली का एक पीस 130 रुपये का हो गया है। गुलाब 150 रुपये से बढ़कर 250 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। बावजूद इसके, कई लोग पारंपरिकता को महत्व देते हुए असली फूलों से ही सजावट करवाना पसंद करते हैं।