बाराबंकी। कोल्ड स्टोरेज में आलू का भंडारण कराने के लिए किसानों में हाहाकार मचा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही आलू सड़ने लगा है। किसानों की समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कोल्ड स्टोरेज में भंडारण नहीं हुआ तो क्या करेंगे। आलू सड़ा तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इस दौरान सभी कोल्ड स्टोरेज फुल होने के करीब हैं। सोमवार तक जिले के सभी कोल्ड स्टोरेज में क्षमता का 92 प्रतिशत आलू भंडारित हो चुका था। इसके बावजूद बाहर किसान सैकड़ों ट्रॉलियों के साथ धूप में भी जमे थे।
जिले में 37 कोल्ड स्टोरेज थे मगर इस साल छह नए कोल्ड स्टोरेज बनने से कोल्ड स्टोरेजों की संख्या 43 हो गई है। इन कोल्ड स्टोरेज पर पांच लाख मीट्रिक टन से ज्यादा आलू भंडारण की क्षमता बताई जा रही है। एक अनुमान के अनुसार, इस बार जिले में साढ़े सात लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ है।
ऐसे में भंडारण के लिए आलू किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उद्यान विभाग के निर्देश पर कोल्ड स्टोरेज पर टोकन देने की प्रक्रिया शुुरू हुई थी। लेकिन सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिन्हें टोकन नहीं मिल पाया है। कुछ किसान ऐसे भी हैं जो टोकन पाने के बाद भी लाइन में लगे हैं।
पिछले एक सप्ताह से आलू भंडारण को लेकर किसान आलू लदी ट्रॉलियों के साथ कोल्ड स्टोरेज के आसपास जमे हैं। आलू सड़ने की चिंता के कारण तमाम किसानों ने कोल्ड स्टोरेज में भंडारण की उम्मीद छोड़कर बाग व अन्य स्थानों पर भंडारण करना शुरू कर दिया है। जहां आलू सड़ रहा है और उसे अलग करने की प्रक्रिया भी जारी है।
किराए का ट्रैक्टर-ट्रॉली बढ़ा रहा मुसीबत
सलारपुर के कोल्ड स्टोरेज पर आलू लदी ट्रॉली के साथ निराश खड़े नंदरासी गांव के निवासी शिवराज ने बताया कि टोकन मिला था मगर भंडारण नहीं हुआ। फिर 24 मार्च को बुलाया गया। तब से यहां पर मौजूद हूं। ट्रैक्टर किराए पर लेकर आया हूं। उसका भाड़ा भी बढ़ रहा है।
कैसे हो भंडारण जब टोकन भी नहीं मिला
बलछत के आलू किसान राधेश्याम वर्मा बताते हें कि अपने 100 बोरी आलू के भंडारण के लिए पिछले 15 दिनों से कोल्ड स्टोरेज के चक्कर काट रहा हूं। टोकन भी नहीं मिल पाया है। भंडारण न होने की दशा में इस बार उनके आलू सड़ने की संभावना हो गई है।
भंडारण न हुआ तो मेहनत पर फिरेगा पानी
समनाडीह के किसान विश्वजीत ने बताया कि 12 दिन पहले टोकन मिला था मगर अभी तक आलू का भंडारण नहीं हो सका है। आलू सड़ने लगा है। कई बार सड़ा आलू निकालकर अलग किया जा चुका है। अगर भंडारण नहीं हुआ तो मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
सड़ने लगा तो बाग में रखवाया आलू
हांसेमऊ के किसान उमेेश कुमार ने बताया कि भंडारण के लिए कई बार कोल्ड स्टोरेज के चक्कर लगा चुका हूं। करीब 700 बोरी आलू बाग में रखवाया गया है। गर्मी बढ़ने के साथ ही आलू सड़ने लगा है। सड़ा आलू अलग करने के लिए भी मजदूर लगाए गए हैं।
आलू के भंडारण की प्रक्रिया जारी है। 92 प्रतिशत भंडारण हो चुका है। किसानों ने अन्य जिलों के कोल्ड स्टोरेज पर भी आलू भंडारण कराया है। भंडारण में किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके निर्देश दिए जा चुके हैं।
-महेेश कुमार श्रीवास्तव, जिला उद्यान अधिकारी
बाराबंकी। कोल्ड स्टोरेज में आलू का भंडारण कराने के लिए किसानों में हाहाकार मचा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही आलू सड़ने लगा है। किसानों की समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कोल्ड स्टोरेज में भंडारण नहीं हुआ तो क्या करेंगे। आलू सड़ा तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इस दौरान सभी कोल्ड स्टोरेज फुल होने के करीब हैं। सोमवार तक जिले के सभी कोल्ड स्टोरेज में क्षमता का 92 प्रतिशत आलू भंडारित हो चुका था। इसके बावजूद बाहर किसान सैकड़ों ट्रॉलियों के साथ धूप में भी जमे थे।
जिले में 37 कोल्ड स्टोरेज थे मगर इस साल छह नए कोल्ड स्टोरेज बनने से कोल्ड स्टोरेजों की संख्या 43 हो गई है। इन कोल्ड स्टोरेज पर पांच लाख मीट्रिक टन से ज्यादा आलू भंडारण की क्षमता बताई जा रही है। एक अनुमान के अनुसार, इस बार जिले में साढ़े सात लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ है।
ऐसे में भंडारण के लिए आलू किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उद्यान विभाग के निर्देश पर कोल्ड स्टोरेज पर टोकन देने की प्रक्रिया शुुरू हुई थी। लेकिन सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिन्हें टोकन नहीं मिल पाया है। कुछ किसान ऐसे भी हैं जो टोकन पाने के बाद भी लाइन में लगे हैं।
पिछले एक सप्ताह से आलू भंडारण को लेकर किसान आलू लदी ट्रॉलियों के साथ कोल्ड स्टोरेज के आसपास जमे हैं। आलू सड़ने की चिंता के कारण तमाम किसानों ने कोल्ड स्टोरेज में भंडारण की उम्मीद छोड़कर बाग व अन्य स्थानों पर भंडारण करना शुरू कर दिया है। जहां आलू सड़ रहा है और उसे अलग करने की प्रक्रिया भी जारी है।
किराए का ट्रैक्टर-ट्रॉली बढ़ा रहा मुसीबत
सलारपुर के कोल्ड स्टोरेज पर आलू लदी ट्रॉली के साथ निराश खड़े नंदरासी गांव के निवासी शिवराज ने बताया कि टोकन मिला था मगर भंडारण नहीं हुआ। फिर 24 मार्च को बुलाया गया। तब से यहां पर मौजूद हूं। ट्रैक्टर किराए पर लेकर आया हूं। उसका भाड़ा भी बढ़ रहा है।
कैसे हो भंडारण जब टोकन भी नहीं मिला
बलछत के आलू किसान राधेश्याम वर्मा बताते हें कि अपने 100 बोरी आलू के भंडारण के लिए पिछले 15 दिनों से कोल्ड स्टोरेज के चक्कर काट रहा हूं। टोकन भी नहीं मिल पाया है। भंडारण न होने की दशा में इस बार उनके आलू सड़ने की संभावना हो गई है।
भंडारण न हुआ तो मेहनत पर फिरेगा पानी
समनाडीह के किसान विश्वजीत ने बताया कि 12 दिन पहले टोकन मिला था मगर अभी तक आलू का भंडारण नहीं हो सका है। आलू सड़ने लगा है। कई बार सड़ा आलू निकालकर अलग किया जा चुका है। अगर भंडारण नहीं हुआ तो मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
सड़ने लगा तो बाग में रखवाया आलू
हांसेमऊ के किसान उमेेश कुमार ने बताया कि भंडारण के लिए कई बार कोल्ड स्टोरेज के चक्कर लगा चुका हूं। करीब 700 बोरी आलू बाग में रखवाया गया है। गर्मी बढ़ने के साथ ही आलू सड़ने लगा है। सड़ा आलू अलग करने के लिए भी मजदूर लगाए गए हैं।
आलू के भंडारण की प्रक्रिया जारी है। 92 प्रतिशत भंडारण हो चुका है। किसानों ने अन्य जिलों के कोल्ड स्टोरेज पर भी आलू भंडारण कराया है। भंडारण में किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके निर्देश दिए जा चुके हैं।
-महेेश कुमार श्रीवास्तव, जिला उद्यान अधिकारी