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Barabanki News: लेखपाल, लिपिक समेत तीन मिले डेंगू पॉजिटिव
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Fri, 14 Nov 2025 12:19 AM IST
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बाराबंकी। रामनगर में तैनात एक लेखपाल, उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात एक लिपिक समेत तीन लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि होने और हालत बिगड़ने पर परिजनों ने तीनों को उपचार के लिए निजी अस्पतालों में भर्ती कराया है। जिले में डेंगू के मरीज फिर से मिलने लगे हैं, लेकिन अस्पतालों में इससे निपटने के इंतजाम नाकाफी दिखाई पड़ रहे हैं।
रामनगर में तैनात लेखपाल रमेश मिश्रा, पल्हरी स्थित उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात लिपिक गोविंद और शहर के आवास विकास निवासी राम प्रवेश पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे।परिजनों ने बताया कि निजी चिकित्सक से इलाज कराया जा रहा था, लेकिन कोई सुधार न होने पर चिकित्सक की सलाह पर जांच कराई गई, जिसमें ये तीनों डेंगू पॉजिटिव निकले। इसके बाद परिजनों ने उन्हें उपचार के लिए निजी अस्पतालों में भर्ती कराया है।
जिले में डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसकी जानकारी देने के बजाय आंकड़ों को छिपाने में ज्यादा रुचि दिखा रहा है। साथ ही अस्पतालों में भी इससे निपटने के कोई खास इंतजाम नहीं हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. डीके श्रीवास्तव का कहना है कि डेंगू मरीज मिलने की जानकारी मिली है, जिसकी जांच कराई जाएगी।
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बाक्स
फोटो: 26
इलाज को भटके मरीज, कई बिना इलाज लौटे
जिला अस्पताल में भीड़ के चलते इलाज कराने पहुंचे मरीज इधर-उधर भटकते नजर आए। वहीं, कई मरीज तो परचा न बन पाने की वजह से निराश होकर वापस लौट गए। जबसे परचा काउंटर पर कार्य करने वाले निजी कर्मियों को हटाया गया है तभी से व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई है।
बृहस्पतिवार को इलाज के लिए पहुंचे हैदर, सलमान, पीतांबर ने बताया कि ज्यादातर मरीजों को हाथ से परचे बनाकर दिए गए इससे काफी समय तक हम लोगों को इंतजार करना पड़ा। कहा बीमार व्यक्ति को यदि काफी देर तक खड़ा कर दिया जाए तो उसकी हालत और खराब हो जाती है। इस वजह से कई मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट गए। सीएमएस डॉ. जेपी मौर्य का कहना है कि व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया जा रहा है।
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रामनगर में तैनात लेखपाल रमेश मिश्रा, पल्हरी स्थित उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात लिपिक गोविंद और शहर के आवास विकास निवासी राम प्रवेश पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे।परिजनों ने बताया कि निजी चिकित्सक से इलाज कराया जा रहा था, लेकिन कोई सुधार न होने पर चिकित्सक की सलाह पर जांच कराई गई, जिसमें ये तीनों डेंगू पॉजिटिव निकले। इसके बाद परिजनों ने उन्हें उपचार के लिए निजी अस्पतालों में भर्ती कराया है।
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जिले में डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसकी जानकारी देने के बजाय आंकड़ों को छिपाने में ज्यादा रुचि दिखा रहा है। साथ ही अस्पतालों में भी इससे निपटने के कोई खास इंतजाम नहीं हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. डीके श्रीवास्तव का कहना है कि डेंगू मरीज मिलने की जानकारी मिली है, जिसकी जांच कराई जाएगी।
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इलाज को भटके मरीज, कई बिना इलाज लौटे
जिला अस्पताल में भीड़ के चलते इलाज कराने पहुंचे मरीज इधर-उधर भटकते नजर आए। वहीं, कई मरीज तो परचा न बन पाने की वजह से निराश होकर वापस लौट गए। जबसे परचा काउंटर पर कार्य करने वाले निजी कर्मियों को हटाया गया है तभी से व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई है।
बृहस्पतिवार को इलाज के लिए पहुंचे हैदर, सलमान, पीतांबर ने बताया कि ज्यादातर मरीजों को हाथ से परचे बनाकर दिए गए इससे काफी समय तक हम लोगों को इंतजार करना पड़ा। कहा बीमार व्यक्ति को यदि काफी देर तक खड़ा कर दिया जाए तो उसकी हालत और खराब हो जाती है। इस वजह से कई मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट गए। सीएमएस डॉ. जेपी मौर्य का कहना है कि व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया जा रहा है।