उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में आवास विकास की जमीन अधिग्रहण का मुद्दा एक बार फिर उठने लगा है। मंलगवार सुबह एक बार फिर आवास विकास परिषद के अधिकारी और पुलिस बल पूरी तैयारी के साथ नगला सर्की के ग्रामीणों से 20 साल पहले खरीदी गई जमीन को कब्जा मुक्त कराने पहुंचे।
अधिकारियों और पुलिस बल को साथ देखकर ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई है और दोनों पक्षों की ओर से नोक-झोंक चल रही है। इस दौरान अधिकारियों को बड़ा विवाद होने की आशंका है, इसलिए पुलिस बलों को भी साथ लाया गया है।
बता दें कि करीब 20 साल पहले आवास विकास परिषद ने नगला सर्की के ग्रामीणों की जमीन खरीदी थी। खरीद की प्रक्रिया तो पूरी हो गई, लेकिन ग्रामीणों ने जमीन को नहीं छोड़ा। वे उसपर अपना अधिकार जताते रहे। कई साल बाद कब्जा लेने की बात कही गई लेकिन उसके बाद मामला कोर्ट में चला गया। इस बीच कई बार कब्जा छुड़ाने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ नहीं हो पाया।
अब परिषद के अधिकारी एक बार फिर अपनी जमीन को ग्रामीणों के कब्जे से छुड़ाने की कोशिश में वहां पहुंचे हैं।
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में आवास विकास की जमीन अधिग्रहण का मुद्दा एक बार फिर उठने लगा है। मंलगवार सुबह एक बार फिर आवास विकास परिषद के अधिकारी और पुलिस बल पूरी तैयारी के साथ नगला सर्की के ग्रामीणों से 20 साल पहले खरीदी गई जमीन को कब्जा मुक्त कराने पहुंचे।
अधिकारियों और पुलिस बल को साथ देखकर ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई है और दोनों पक्षों की ओर से नोक-झोंक चल रही है। इस दौरान अधिकारियों को बड़ा विवाद होने की आशंका है, इसलिए पुलिस बलों को भी साथ लाया गया है।
बता दें कि करीब 20 साल पहले आवास विकास परिषद ने नगला सर्की के ग्रामीणों की जमीन खरीदी थी। खरीद की प्रक्रिया तो पूरी हो गई, लेकिन ग्रामीणों ने जमीन को नहीं छोड़ा। वे उसपर अपना अधिकार जताते रहे। कई साल बाद कब्जा लेने की बात कही गई लेकिन उसके बाद मामला कोर्ट में चला गया। इस बीच कई बार कब्जा छुड़ाने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ नहीं हो पाया।
अब परिषद के अधिकारी एक बार फिर अपनी जमीन को ग्रामीणों के कब्जे से छुड़ाने की कोशिश में वहां पहुंचे हैं।