UP News: बरेली के बिल्डर सोबती ने नौकर के नाम पर खरीदी अरबों की संपत्ति, ऐसे किया 'खेल'
बरेली के बिल्डर चरणपाल सिंह सोबती ने आसपास के जिलों में भी अपने नौकर छत्रपाल सिंह के नाम से संपत्तियां खरीदी हैं। सोबती बिल्डर की ओर से रामपुर जिले में काशीपुर-रुद्रपुर नेशनल हाईवे किनारे दो कॉलोनियां भी विकसित कराई जा रही हैं।
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बरेली के बिल्डर चरणपाल सिंह सोबती ने अपने नौकर छत्रपाल सिंह के नाम से बरेली, रामपुर, रुद्रपुर समेत कई जिलों में अरबों की संपत्ति बनाई। समय रहते उसने छत्रपाल को डरा-धमकाकर उसकी वसीयत भी करा ली थी। आज उसी संपत्ति में से सोबती रामपुर जिले में काशीपुर-रुद्रपुर नेशनल हाईवे पर डिबडिबा गांव के पास दो कॉलोनियां विकसित कर रहा है। इसमें सोबती ग्रीन गोल्डन और दूसरी कॉलोनी सोबती सफ्फायर के नाम से है। प्लॉटिंग के बाद अब भूखंडों की बिक्री की जा रही है।
छत्रपाल सिंह की पत्नी मनीषा सिंह ने बताया कि रामपुर जिले में काशीपुर-रुद्रपुर नेशनल हाईवे किनारे डिबडिबा गांव के पास सोबती ग्रीन गोल्डन और सोबती सफ्फायर के नाम से विकसित हो रही कॉलोनी की प्लाटिंग सुरजीत सिंह कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि चरणपाल सिंह सोबती ने प्लॉट बिक्री के लिए सुरजीत सिंह को पॉवर ऑफ अटार्नी दे रखी है। उधर, डिबडिबा के ग्रामीण सुरजीत को चरणपाल सिंह का मामा बताते हैं। चरणपाल ने इन दोनों कॉलोनियों के लिए भी आसपास के किसानों की जमीन छत्रपाल सिंह के नाम पर खरीदी थी। इसमें 100 एकड़ खेती योग्य जमीन ज्ञानी उत्तम सिंह की बताई जा रही है।
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इनका डिबडिबा में बड़ा कृषि फार्म हुआ करता था, जिसे चरणपाल सिंह ने कई वर्ष पहले ही खरीद लिया था। ऐसे ही चरण पाल सिंह ने उत्तराखंड के रुद्रपुर में भी छत्रपाल के नाम से काफी संपत्तियां खरीदी हैं। उनमें कई पर तो कॉलोनियां भी विकसित हो गई हैं। कुछ भूमि पर उसने बहुमंजिला होटल बनाए हैं।
शुरू से ही साफ नहीं थी चरणपाल की नीयत
छत्रपाल सिंह की पत्नी मनीषा सिंह के मुताबिक, उनके पति छत्रपाल बिल्डर चरणपाल सिंह सोबती के पिता हीरा सिंह के पास वर्ष 1990 से काम कर रहे थे। हालांकि, चरणपाल सिंह की नीयत शुरू से ही साफ नहीं थी। उसने उनके पति को लालच देकर न सिर्फ जमीनें खरीदीं, बल्कि बैंकों में भी संयुक्त खाता खुलवाकर करोड़ों का लेनदेन किया है।
रामपुर और रुद्रपुर की अन्य संपत्तियों का राजफाश बाकी
मनीषा सिंह ने बताया कि अभी रामपुर और रुद्रपुर जिलों में भी छत्रपाल के नाम से जो जमीनें चरणपाल ने खरीदी हैं और बैंकों में संयुक्त खातों में जो भी जमा-निकासी की है, उनके राज खुलने बाकी हैं। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की प्रारंभिक जांच में डोहरा और हरूनगला की बेनामी संपत्तियां ही प्रकाश में आई हैं।