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UP News: रक्त से होगी कैंसर की पहचान, छह घंटे में मिलेगा परिणाम, आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने बनाई किट

अजीत प्रताप सिंह, अमर उजाला ब्यूरो, बरेली Published by: मुकेश कुमार Updated Tue, 09 Dec 2025 09:52 AM IST
सार

Bareilly News: आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। वैज्ञानिकों ने ऐसी किट विकसित की है, जिससे खून के सैंपल से कैंसर की पहचान हो सकेगी। इस किट से जांच से छह घंटे में परिणाम मिलेगा। श्वानों पर इसका प्रयोग सफल रहा है। 

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IVRI scientists have developed a kit to detect cancer from blood samples in Bareilly
डॉ. सोनल श्रीवास्तव, डॉ. समीर श्रीवास्तव - फोटो : अमर उजाला
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बरेली के इज्जतनगर स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के वैज्ञानिकों ने रक्त के नमूने से कैंसर की पहचान के लिए मल्टीपल एलाइजा किट विकसित की है। श्वानों पर इसका परीक्षण सफल रहा। यह किट शुरुआती स्टेज में ही कैंसर की पहचान करने में सक्षम है। यह छह घंटे में परिणाम देती है। वैज्ञानिकों ने वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ. आरके चितलांगिया के सहयोग से मानव रक्त के सौ नमूनों का भी इस किट से परीक्षण किया। परिणाम सकारात्मक रहे। डॉ. चितलांगिया ने शोध का दायरा बढ़ाते हुए डेढ़ से दो हजार लोगों के सैंपल की जांच का सुझाव दिया है।
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आईवीआरआई के इम्युनोलॉजी विभाग की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सोनल, डॉ. समीर श्रीवास्तव और उनकी टीम ने सात वर्ष तक चले शोध के बाद किट विकसित करने में सफलता पाई। डॉ. सोनल के मुताबिक, कैंसर से मृत्यु दर कम करने के लिए समय पर इसकी पहचान और निदान बेहद जरूरी है। इसी दिशा में सात वर्ष पूर्व शोध शुरू किया गया था।
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डॉ. सोनल ने बताया कि विकसित मल्टीपल एंटीजन एलाइजा किट श्वानों में कैंसर की पहचान में सक्षम है। यह किट कैंसर संबंधी कई बायोमार्कर को एक साथ पहचानने के लिए डिजाइन की गई है। यह रक्त के नमूने की जांच से ही कैंसर की शुरुआत की आशंका दर्शाती है।

जितनी जल्दी होगी पहचान, इलाज भी होगा प्रभावी
विकसित किट का इस्तेमाल रूटीन स्क्रीनिंग में भी कर सकते हैं। जितनी जल्दी कैंसर की पहचान होगी, इलाज उतना ही प्रभावी होगा। डॉ. सोनल के मुताबिक, प्रयोगशाला में कैंसर वैक्सीन और टारगेटेड थेरेपी के विकास पर भी शोध चल रहा है। कैनाइन मैमरी कैंसर की कई सेल लाइनों के विकास में भी सफलता हासिल की है। ये भविष्य में इलाज और अनुसंधान में अहम साबित होंगी।

प्रदूषण, कीटनाशक से श्वानों में कैंसर की आशंका
डॉ. सोनल के मुताबिक, हाल के वर्षों में कुत्तों में कैंसर तेजी से बढ़ा है। लंबे समय तक प्रदूषण और हानिकारक रसायनों के संपर्क में रहने, उम्र बढ़ने पर प्रतिरोधक क्षमता कम होने, मिलावटी और असंतुलित आहार के सेवन और अनुवांशिक परिवर्तन इसकी अहम वजहें हैं।
 
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