शाहजहांपुर कचहरी में एसीजेएम ऑफिस में सोमवार सुबह 11 बजे अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह (57) की कचहरी में ही प्रैक्टिस करने वाले एक अधिवक्ता ने तमंचे से सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देकर अधिवक्ता तमंचा घटनास्थल पर छोड़कर चला गया। बाद में पुलिस ने हत्यारोपी सुरेश गुप्ता को कचहरी में उसकी सीट के पास से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की पूछताछ में हत्यारोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। हत्यारोपी के मुताबिक भूपेंद्र सिंह के लगातार उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जाने से परेशान होकर उसने वारदात को अंजाम दिया। उसे कोई पछतावा नहीं है। सूचना मिलते ही डीएम-एसपी मौके पर पहुंचे और जांच की।
मौके पर तमंचा फेंककर फरार
मूलरूप से परौर कस्बे के रहने वाले अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह अपने बड़े भाई योगेंद्र प्रताप सिंह और मां वीरमती के साथ सदर बाजार थाना क्षेत्र के बीबीजई हद्दफ मोहल्ले में रहते थे। छोटे भाई महेंद्र प्रताप सिंह बदायूं में बीएसए हैं। भूपेंद्र प्रताप सिंह अविवाहित थे। योगेंद्र ने बताया कि सुबह करीब नौ बजे भूपेंद्र घर से निकले थे। कचहरी में अपनी सीट पर उन्होंने साथी वकील से कहा कि वह एक केस के रिवीजन के लिए जा रहे हैं। कचहरी की दूसरी मंजिल पर स्थित एसीजेएम ऑफिस में भूपेंद्र पहुंचे ही थे, तभी भूपेंद्र के सिर में गोली मार कर हत्या कर दी। हत्यारा तमंचा वहीं फेंककर भाग गया। गोली की आवाज सुनकर लोग भागकर ऑफिस पहुंचे तो वहां पर भूपेंद्र का शव पड़ा हुआ था।
पुलिस ने कचहरी में किया गिरफ्तार
सूचना मिलते ही डीएम इंद्र विक्रम सिंह, एसपी एस. आनंद समेत फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। भाई योगेंद्र प्रताप ने सदर बाजार थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने तहरीर के मुताबिक जनता इंटर कॉलेज के पास महमंदगढ़ी चौराहे के निकट रहने वाले सुरेश गुप्ता उनके बेटे अंकित और गौरव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस ने सुरेश गुप्ता को कचहरी में उसकी सीट के पास से गिरफ्तार कर लिया।
चैन से सो नहीं पा रहा था
सुरेश गुप्ता ने बताया कि 1998 में भूपेंद्र उनके घर में किराये पर रहता था। मकान खाली न करने पर उन्होंने पुलिस की मदद से सन् 2000 में मकान खाली कराया था। तब से भूपेंद्र रंजिश मानने लगा था। पिछले 20 साल में उसने उस पर 24 मुकदमे दर्ज करा दिए थे। वे चैन से नहीं सो पाते थे। परेशान होकर सोमवार को उन्होंने भूपेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी।
आगे की कार्रवाई कर रही पुलिस
एसपी एस. आनंद ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में उसने वारदात किया जाना स्वीकारा है। सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी सुरेश गुप्ता नजर आया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
विस्तार
शाहजहांपुर कचहरी में एसीजेएम ऑफिस में सोमवार सुबह 11 बजे अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह (57) की कचहरी में ही प्रैक्टिस करने वाले एक अधिवक्ता ने तमंचे से सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देकर अधिवक्ता तमंचा घटनास्थल पर छोड़कर चला गया। बाद में पुलिस ने हत्यारोपी सुरेश गुप्ता को कचहरी में उसकी सीट के पास से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की पूछताछ में हत्यारोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। हत्यारोपी के मुताबिक भूपेंद्र सिंह के लगातार उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जाने से परेशान होकर उसने वारदात को अंजाम दिया। उसे कोई पछतावा नहीं है। सूचना मिलते ही डीएम-एसपी मौके पर पहुंचे और जांच की।
मौके पर तमंचा फेंककर फरार
मूलरूप से परौर कस्बे के रहने वाले अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह अपने बड़े भाई योगेंद्र प्रताप सिंह और मां वीरमती के साथ सदर बाजार थाना क्षेत्र के बीबीजई हद्दफ मोहल्ले में रहते थे। छोटे भाई महेंद्र प्रताप सिंह बदायूं में बीएसए हैं। भूपेंद्र प्रताप सिंह अविवाहित थे। योगेंद्र ने बताया कि सुबह करीब नौ बजे भूपेंद्र घर से निकले थे। कचहरी में अपनी सीट पर उन्होंने साथी वकील से कहा कि वह एक केस के रिवीजन के लिए जा रहे हैं। कचहरी की दूसरी मंजिल पर स्थित एसीजेएम ऑफिस में भूपेंद्र पहुंचे ही थे, तभी भूपेंद्र के सिर में गोली मार कर हत्या कर दी। हत्यारा तमंचा वहीं फेंककर भाग गया। गोली की आवाज सुनकर लोग भागकर ऑफिस पहुंचे तो वहां पर भूपेंद्र का शव पड़ा हुआ था।
पुलिस ने कचहरी में किया गिरफ्तार
सूचना मिलते ही डीएम इंद्र विक्रम सिंह, एसपी एस. आनंद समेत फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। भाई योगेंद्र प्रताप ने सदर बाजार थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने तहरीर के मुताबिक जनता इंटर कॉलेज के पास महमंदगढ़ी चौराहे के निकट रहने वाले सुरेश गुप्ता उनके बेटे अंकित और गौरव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस ने सुरेश गुप्ता को कचहरी में उसकी सीट के पास से गिरफ्तार कर लिया।
चैन से सो नहीं पा रहा था
सुरेश गुप्ता ने बताया कि 1998 में भूपेंद्र उनके घर में किराये पर रहता था। मकान खाली न करने पर उन्होंने पुलिस की मदद से सन् 2000 में मकान खाली कराया था। तब से भूपेंद्र रंजिश मानने लगा था। पिछले 20 साल में उसने उस पर 24 मुकदमे दर्ज करा दिए थे। वे चैन से नहीं सो पाते थे। परेशान होकर सोमवार को उन्होंने भूपेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी।
आगे की कार्रवाई कर रही पुलिस
एसपी एस. आनंद ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में उसने वारदात किया जाना स्वीकारा है। सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी सुरेश गुप्ता नजर आया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।