Vande Bharat: वाराणसी तक विस्तार के बाद घाटे से उबरी मेरठ-लखनऊ वंदे भारत, अब लोकप्रिय ट्रेनों में हुई शुमार
मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस शुरुआती दिनों में घाटे में चल रही थी। तब यह ट्रेन मेरठ और लखनऊ के बीच ही चलती थी। इसके बाद गाड़ी को घाटे से उबारने के लिए अयोध्या होते हुए वाराणसी तक विस्तार दिया गया।
विस्तार
मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को अयोध्या होते हुए वाराणसी तक विस्तार दिए जाने के बाद यह गाड़ी घाटे से उबर गई है। देहरादून-लखनऊ वंदे भारत के मुकाबले अब मेरठ-वाराणसी वंदे भारत में ज्यादा टिकट बुकिंग हो रही है। खास मौकों पर कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा।
22490/89 मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन अगस्त 2024 में शुरू हुआ था। सप्ताह में छह दिन चलने वाली इस सेमी हाई स्पीड गाड़ी को 22546/45 देहरादून-लखनऊ वंदे भारत के मुकाबले काफी कम यात्री मिल रहे थे। एक ओर यह गाड़ी खाली दौड़ रही थी और दूसरी ओर इसी रूट की राज्यरानी एक्सप्रेस समेत अन्य गाड़ियों में कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा था।
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अक्तूबर 2024 में रेलवे ने देश भर की 60 वंदे भारत ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी जारी की तो मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस को 56वां स्थान मिला। इसके बाद गाड़ी को घाटे से उबारने के लिए अयोध्या होते हुए वाराणसी तक विस्तार दिया गया। दो माह में ही यह ट्रेन घाटे से उबर गई। ऑक्यूपेंसी के मामले में अब यह गाड़ी शीर्ष 25 ट्रेनों में शुमार हो गई है। खास मौकों पर गाड़ी की ऑक्यूपेंसी 100 तक पहुंच रही है।
अयोध्या और वाराणसी के टिकटों को होती है ज्यादा बुकिंग
मेरठ-वाराणसी के बीच यह गाड़ी 783 किमी दूरी 11 घंटे 50 मिनट में तय करती है, जबकि अन्य नियमित ट्रेनें यह दूरी तय करने में 13 से 17 घंटे तय का समय लेती हैं। वाराणसी तक विस्तार के बाद इस गाड़ी में बरेली से लखनऊ के मुकाबले अयोध्या और वाराणसी के लिए टिकटों की ज्यादा बुकिंग हो रही है। मुख्य वाणिज्य निरीक्षक इमरान ने बताया कि अयोध्या होते हुए वाराणसी तक विस्तार के बाद वंदे भारत को ज्यादा लोकप्रियता मिली है। अब यह गाड़ी घाटे में नहीं है।