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UP: बरेली में एक और शिक्षक की मौत, एसआईआर में थी सुपरवाइजर की ड्यूटी; ब्रेन हेमरेज से गई जान
संवाद न्यूज एजेंसी, बरेली
Published by: मुकेश कुमार
Updated Tue, 02 Dec 2025 06:08 PM IST
सार
बरेली में एसआईआर के कार्य में लगे एक और शिक्षक की मौत हो गई। सोमवार रात ब्रेन हेमरेज से उनकी जान चली गई। उनके बेटे ने बताया कि पिता एसआईआर के काम को लेकर टेंशन में थे। बता दें कि इनसे पूर्व शिक्षक सर्वेश कुमार गंगवार की ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
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शिक्षक अजय अग्रवाल का फाइल फोटो
- फोटो : संवाद
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विस्तार
बरेली में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के काम में लगे शिक्षक अजय अग्रवाल की मौत हो गई। वह एमबी इंटर कॉलेज के शिक्षक थे। अजय अग्रवाल की ड्यूटी एसआईआर के कार्य में सुपरवाइजर के तौर पर थी। परिजनों के मुताबिक सोमवार रात करीब दस बजे खाना खाने के बाद ब्रेन हेमरेज से उनकी मृत्यु हो गई।
अजय अग्रवाल व्यवसायिक शिक्षक के रूप में पिछले तीस वर्षों से एमबी इंटर कॉलेज में कार्यरत थे। एसआईआर में उनकी ड्यूटी सुपरवाइजर के रूप में सीबीगंज आईटीआई में थी, जहां उनके साथ विद्यालय के एक और शिक्षक अनुज कुमार सिंह की भी ड्यूटी लगाई गई है।
यह भी पढ़ें- बरेली में बीएलओ की मौत: दो माह पहले कैंसर से शिक्षक की पत्नी की गई थी जान, दो जुड़वा बच्चे हुए बेसहारा
बेटा- एसआईआर का काम बन गया जी का जंजाल
अजय के बेटे प्रखर ने बताया कि उनके पिता की उम्र 57 वर्ष थी। कीपैड वाला फोन चलाते थे। उन्हें एसआईआर कार्य के बारे में जानकारी नहीं थी और न ही ट्रेनिंग मिली। ऐसे में यह कार्य उनके लिए जी का जंजाल बन गया था। जिसे छोड़ने के लिए भी उन्होंने बात की, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। वे सुबह नौ बजे निकल जाते और रात में वापस आने का कोई समय नहीं था।
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अजय अग्रवाल व्यवसायिक शिक्षक के रूप में पिछले तीस वर्षों से एमबी इंटर कॉलेज में कार्यरत थे। एसआईआर में उनकी ड्यूटी सुपरवाइजर के रूप में सीबीगंज आईटीआई में थी, जहां उनके साथ विद्यालय के एक और शिक्षक अनुज कुमार सिंह की भी ड्यूटी लगाई गई है।
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बेटा- एसआईआर का काम बन गया जी का जंजाल
अजय के बेटे प्रखर ने बताया कि उनके पिता की उम्र 57 वर्ष थी। कीपैड वाला फोन चलाते थे। उन्हें एसआईआर कार्य के बारे में जानकारी नहीं थी और न ही ट्रेनिंग मिली। ऐसे में यह कार्य उनके लिए जी का जंजाल बन गया था। जिसे छोड़ने के लिए भी उन्होंने बात की, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। वे सुबह नौ बजे निकल जाते और रात में वापस आने का कोई समय नहीं था।
प्रखर ने बताया कि सोमवार रात पिता की खाना खाते समय एसआईआर कार्य के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये काम बहुत मुश्किल है। लोगों को फोन करते रहे लेकिन कोई फॉर्म जमा करने को तैयार नहीं है। उन्हें इसी की टेंशन थी। वे खाने के बाद सोने चले गए। कुछ देर बाद जाकर देखा तो वह बेसुध मिले। उनको न्यूरोलोजिस्ट को दिखाया। डॉक्टर ने बताया कि ब्रेन हेमरेज हुआ है, जिसके बाद दूसरे अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में दम तोड़ दिया। जबकि इससे पहले कभी ऐसा ऐसी स्थिति नहीं बनी।