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Basti News: तहसील में मुंशियों का दखल वकीलों ने किया हंगामा
संवाद न्यूज एजेंसी, बस्ती
Updated Wed, 12 Nov 2025 12:58 AM IST
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हरैया (बस्ती)। तहसील में व्याप्त अनियमितता और प्राइवेट मुंशियों की सक्रियता से नाराज अधिवक्ताओं ने मंगलवार को एसडीएम को पत्र देकर समीक्षा बैठक बुलाने की मांग की। पत्र में भ्रष्टाचार शब्द के उल्लेख पर एसडीएम ने आपत्ति जताई, जिस पर अधिवक्ताओं से बहस हो गई। इसके चलते तहसील में मंगलवार को न्यायिक कार्य बाधित रहे।
अधिवक्ताओं का कहना है कि तहसील के अधिकांश अधिकारियों के पटल पर दर्जनों प्राइवेट मुंशी काम कर रहे हैं। आरोप है कि ये मुंशी बिना दस्तूरी लिए कोई पत्रावली आगे नहीं बढ़ाते, जिससे आम जनता और अधिवक्ता दोनों परेशान हैं। कई बार इनकी करतूतों को लेकर तहसील में विवाद भी हो चुके हैं। पूर्व में भी तहसील दिवस के दौरान अधिवक्ता अजीत प्रताप ने एसडीएम के पेशकार के अधीन कार्य करने वाले मुंशियों के खिलाफ शिकायत की थी और पेशकार पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता का आरोप लगाया था।
इन्हीं कारणों से मंगलवार को बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संतोष पांडेय, पूर्व अध्यक्ष महावीर प्रसाद द्विवेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिमन्यु सिंह सहित अन्य अधिवक्ताओं ने एसडीएम को पत्र देकर सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक बुलाने की मांग की। साथ ही पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि बैठक होने तक अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। पत्र सौंपते समय एसडीएम ने भ्रष्टाचार शब्द हटाने की बात कही, जिस पर अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताई और बहस शुरू हो गई।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष उमाकांत ने कहा कि तहसील में प्राइवेट मुंशियों की गतिविधियों से अधिवक्ता और वादकारी दोनों परेशान हैं। इसी को लेकर समीक्षा बैठक की मांग की गई है। बहस नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन समस्या गंभीर है। वहीं एसडीएम सतेंद्र सिंह ने कहा कि बार और बेंच के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखने के लिए मासिक समीक्षा बैठक होती रहती है। अधिवक्ताओं का पत्र मिला है, जल्द ही बैठक में संबंधित समस्याओं पर चर्चा कर समाधान का प्रयास किया जाएगा। बहस जैसी कोई बात नहीं हुई है।
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अधिवक्ताओं का कहना है कि तहसील के अधिकांश अधिकारियों के पटल पर दर्जनों प्राइवेट मुंशी काम कर रहे हैं। आरोप है कि ये मुंशी बिना दस्तूरी लिए कोई पत्रावली आगे नहीं बढ़ाते, जिससे आम जनता और अधिवक्ता दोनों परेशान हैं। कई बार इनकी करतूतों को लेकर तहसील में विवाद भी हो चुके हैं। पूर्व में भी तहसील दिवस के दौरान अधिवक्ता अजीत प्रताप ने एसडीएम के पेशकार के अधीन कार्य करने वाले मुंशियों के खिलाफ शिकायत की थी और पेशकार पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता का आरोप लगाया था।
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इन्हीं कारणों से मंगलवार को बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संतोष पांडेय, पूर्व अध्यक्ष महावीर प्रसाद द्विवेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिमन्यु सिंह सहित अन्य अधिवक्ताओं ने एसडीएम को पत्र देकर सभी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक बुलाने की मांग की। साथ ही पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि बैठक होने तक अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। पत्र सौंपते समय एसडीएम ने भ्रष्टाचार शब्द हटाने की बात कही, जिस पर अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताई और बहस शुरू हो गई।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष उमाकांत ने कहा कि तहसील में प्राइवेट मुंशियों की गतिविधियों से अधिवक्ता और वादकारी दोनों परेशान हैं। इसी को लेकर समीक्षा बैठक की मांग की गई है। बहस नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन समस्या गंभीर है। वहीं एसडीएम सतेंद्र सिंह ने कहा कि बार और बेंच के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखने के लिए मासिक समीक्षा बैठक होती रहती है। अधिवक्ताओं का पत्र मिला है, जल्द ही बैठक में संबंधित समस्याओं पर चर्चा कर समाधान का प्रयास किया जाएगा। बहस जैसी कोई बात नहीं हुई है।