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मिसाल : कोनिया के ग्रामीणों ने चंदा जुटाकर शुरू कराई सड़क की मरम्मत
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कोनिया के गंगेश्वर नाथ महादेव मंदिर की सड़क पर इंटर लाकिंग कराते ग्रामीण। स्रोत संगठन
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सीतामढ़ी। डीघ ब्लाॅक के कोनिया क्षेत्र में पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर स्थित बाबा गंगेश्वर नाथ मंदिर जाने वाली सवा सौ मीटर लंबी सड़क जर्जर हो गई है जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। ग्रामीणों की मांग पर जब जन प्रतिनिधियों ने सड़क नहीं बनवाई तो ग्रामीणों ने चंदा जुटा कर सड़क की मरम्मत शुरू कराई है। इस कार्य की स्थानीय लोगों ने सराहना की है।
ग्रामीण दीपक सिंह ने बताया कि सड़क निर्माण पर करीब 3.5 लाख रुपये खर्च होने की उम्मीद है। सड़क की मरम्मत का कार्य ग्रामीणों के सहयोग से शुरू किया गया है। बाबा गंगेश्वर नाथ महादेव मंदिर कोनिया के लोगों के आस्था का केंद्र है। यह अद्भुत व रमणीक पावन स्थल है। जो मां गंगा के पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर स्थित है।
मंदिर का निर्माण राजा काशी नरेश के सहयोग से स्थानीय लोगों ने करवाया था। मान्यता है कि मंदिर पर स्थापित त्रिशूल सावन माह में एक चक्कर घूम जाता है। इसी तरह मां गंगा हर तीसरे साल मंदिर धाम में पहुंच कर शिवलिंग का जलाभिषेक करती हैं।
इटहरा के दीपक सिंह, मनोज सिंह और राहुल सिंह ने मंदिर तक जाने वाली सड़क पर इंटरलॉकिंग कराई। उन्होंने कहा भगवान के मंदिर तक जाने वाला मार्ग अति जर्जर हो गया था। जनप्रतिनिधियों से कई बार कहा गया, महज आश्वासन ही मिला। ग्रामीणों ने खुद सड़क बनाने का कार्य शुरू किया। देखते ही देखते 116 मीटर लंबी इंटर लाकिंग सड़क का निर्माण शुरू हो गया है।
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ग्रामीण दीपक सिंह ने बताया कि सड़क निर्माण पर करीब 3.5 लाख रुपये खर्च होने की उम्मीद है। सड़क की मरम्मत का कार्य ग्रामीणों के सहयोग से शुरू किया गया है। बाबा गंगेश्वर नाथ महादेव मंदिर कोनिया के लोगों के आस्था का केंद्र है। यह अद्भुत व रमणीक पावन स्थल है। जो मां गंगा के पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर स्थित है।
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मंदिर का निर्माण राजा काशी नरेश के सहयोग से स्थानीय लोगों ने करवाया था। मान्यता है कि मंदिर पर स्थापित त्रिशूल सावन माह में एक चक्कर घूम जाता है। इसी तरह मां गंगा हर तीसरे साल मंदिर धाम में पहुंच कर शिवलिंग का जलाभिषेक करती हैं।
इटहरा के दीपक सिंह, मनोज सिंह और राहुल सिंह ने मंदिर तक जाने वाली सड़क पर इंटरलॉकिंग कराई। उन्होंने कहा भगवान के मंदिर तक जाने वाला मार्ग अति जर्जर हो गया था। जनप्रतिनिधियों से कई बार कहा गया, महज आश्वासन ही मिला। ग्रामीणों ने खुद सड़क बनाने का कार्य शुरू किया। देखते ही देखते 116 मीटर लंबी इंटर लाकिंग सड़क का निर्माण शुरू हो गया है।