Budaun News: इंस्पेक्टर ने बरती घोर लापरवाही, कोर्ट ने छह माह की ट्रेनिंग कराने का दिया आदेश; जानें पूरा मामला
कोर्ट ने एसएसपी को इंस्पेक्टर को छह महीने का प्रशिक्षण देने का आदेश दिया है, जिसकी निगरानी की जिम्मेदारी सीओ सिटी को दी है। पांच दिन के अंदर आदेश पर अमल की आख्या भी मांगी गई है।
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बदायूं में कोर्ट ने वादी व भाजपा के मंडल अध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन विवेचक ने पहले से दर्ज मुकदमे ही धाराओं की बढ़ोतरी कर दी। कोर्ट ने विवेचक को लापरवाह करार दिया। उन्हें छह महीने की ट्रेनिंग पर भेजने का आदेश दिया है। मामले में वादी और गवाह अपने बयानों से मुकर गए हैं, जिसके बाद आरोपी बनाकर जेल भेजे गए लोगों की जमानत मंजूर हो गई है।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र आदर्शनगर निवासी मयंक सक्सेना के साथ 21 अक्तूबर की रात को मोहल्ले के ही लोगों से झगड़ा हो गया था। बीचबचाव करने पहुंचे भाजपा मंडल अध्यक्ष गोपाल शर्मा के साथ भी मारपीट कर दी गई। पुलिस ने दूसरे दिन मयंक की शिकायत पर आदित्य यादव, हर्षित और ऋषभ के खिलाफ जानलेवा हमला और लूट के प्रयास की धाराओं में केस दर्ज किया था। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया।
इस मामले में मयंक और गोपाल ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा कि आरोपियों ने उनके साथ यह वारदात नहीं की थी। इस पर कोर्ट ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को मयंक और गोपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। मामले की विवेचक इंस्पेक्टर क्राइम ने मुकदमा दर्ज नहीं किया और उसी मुकदमे में धाराएं बढ़ा दीं। दूसरी ओर, तीनों आरोपियों को कोर्ट से सशर्त जमानत मंजूर हो गई।
कोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी
इस मामले में अपर सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश कुमारी रिंकू ने विवेचक के आचरण पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि निरीक्षक स्तर का अधिकारी होने के बावजूद विवेचक ने न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया और विधिक प्रक्रिया के प्रति घोर उदासीनता दिखाई। आदेश के बाद भी तीन दिन तक उस पर अमल नहीं किया गया।
अदालत ने इसे कर्तव्य में लापरवाही और विधिक प्रक्रिया की अवमानना की श्रेणी में रखा। कोर्ट ने एसएसपी को इंस्पेक्टर को छह महीने का प्रशिक्षण देने का आदेश दिया है, जिसकी निगरानी की जिम्मेदारी सीओ सिटी को दी है। पांच दिन के अंदर आदेश पर अमल की आख्या भी मांगी गई है। एसएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि अभी उनके पास आदेश नहीं आया है। आदेश आने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।