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Budaun News: बहुत भयावह था मंजर, हर तरफ बिखरे हुए थे शवों के टुकड़े
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ब्रजेश सिंह चौहान
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कुंवरगांव (बदायूं)। लाल किले के बाहर हुए धमाके से इलाके में चीख-पुकार मच गई। धमाका इतनी तेज था कि लोगों की आंखें बंद हो गईं। कुछ देर तक किसी को समझ ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या...। घटना के बाद सड़क पर धुआं फैल गया और कई वाहनों में आग लग गई।फोन पर हुई वार्ता में मंगलवार को चश्मदीद ऑटो चालक बृजेश सिंह चौहान ने बताया कि धमाके के बाद जब आंख खुली तो चारों तरफ धुएं का गुबार था। गाड़ियों का मलबा और शरीर के टुकड़े और सड़क पर खून बह रहा था। कुछ लोग घायल अवस्था में सड़क पर पड़े दिखे।
बृजेश सिंह चौहान ने बताया कि वह एक निजी कंपनी का ऑटो चलाते हैं। सोमवार की शाम 6 बजकर 50 मिनट पर लाल किले के मुख्य द्वार के पास अपने ऑटो में ग्राहक का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान तेज रोशनी के साथ धमाका हुआ। चारों तरफ धुआं फैल गया। धुआं छंटने पर देखा तो दिल दहल गया, चारों तरफ खून ही खून था। हर तरफ टूटे शीशे और शरीर के टुकड़े फैले दिखे।
हवा में जलने की तेज दुर्गंध थी। हर ओर लोगों के जूते-चप्पल और खून बिखरा हुआ था। धमाके से उनके ऑटो का होर्डिंग भी फटकर उड़ गया। धमाके के दौरान सिर ऑटो में लगा, जिससे गुम चोट सिर में लगी है। धमाका और चीख-पुकार सुनकर घबराहट हो गई। अब भी थोड़ी थोड़ी देर बाद धमाके के बाद का मंजर आंखों के सामने आ जाता है और घबराहट के साथ रूह कांप जाती है।
कैली गांव के रहने वाले हैं बृजेश
बृजेश सिंह चौहान मूल रूप से कुंवरगांव थानाक्षेत्र के कैली गांव के निवासी है। वह वर्ष 1999 से अपने परिवार के साथ दिल्ली में रह रहे हैंं। बीते आठ साल से वह फरीदाबाद में रह रहे हैं। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे व दो बेटियां है। दीपावली पर अपने मूल निवास कैली गांव परिवार के साथ गए थे। दीपावली के बाद वह वापस फरीदाबाद लौट गए।
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बृजेश सिंह चौहान ने बताया कि वह एक निजी कंपनी का ऑटो चलाते हैं। सोमवार की शाम 6 बजकर 50 मिनट पर लाल किले के मुख्य द्वार के पास अपने ऑटो में ग्राहक का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान तेज रोशनी के साथ धमाका हुआ। चारों तरफ धुआं फैल गया। धुआं छंटने पर देखा तो दिल दहल गया, चारों तरफ खून ही खून था। हर तरफ टूटे शीशे और शरीर के टुकड़े फैले दिखे।
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हवा में जलने की तेज दुर्गंध थी। हर ओर लोगों के जूते-चप्पल और खून बिखरा हुआ था। धमाके से उनके ऑटो का होर्डिंग भी फटकर उड़ गया। धमाके के दौरान सिर ऑटो में लगा, जिससे गुम चोट सिर में लगी है। धमाका और चीख-पुकार सुनकर घबराहट हो गई। अब भी थोड़ी थोड़ी देर बाद धमाके के बाद का मंजर आंखों के सामने आ जाता है और घबराहट के साथ रूह कांप जाती है।
कैली गांव के रहने वाले हैं बृजेश
बृजेश सिंह चौहान मूल रूप से कुंवरगांव थानाक्षेत्र के कैली गांव के निवासी है। वह वर्ष 1999 से अपने परिवार के साथ दिल्ली में रह रहे हैंं। बीते आठ साल से वह फरीदाबाद में रह रहे हैं। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे व दो बेटियां है। दीपावली पर अपने मूल निवास कैली गांव परिवार के साथ गए थे। दीपावली के बाद वह वापस फरीदाबाद लौट गए।