बुलंदशहर/शिकारपुर। शिकारपुर रजिस्ट्री दफ्तर में रजिस्ट्री की आड़ में अवैध वसूली का खेल सामने आया है। अवैध वसूली का खुलासा स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है। वहीं, सब रजिस्ट्रार ने आरोपी को दफ्तर का कर्मचारी मानने से इंकार किया है। सवाल यह है कि जब प्राइवेट व्यक्ति दफ्तर का कर्मचारी नहीं तो दफ्तर के भीतर सरकारी कुर्सी और मेज पर बैठकर वह बैनामे पर मुहर क्यों लगा रहा था। इस पर साहब को जवाब देते नहीं बन रहा।
रविवार को सोशल साइट वाट्स-एप पर एक वीडियो प्रसारित किया गया। अमर उजाला के पास भी यह वीडियो पहुंचा। वीडियो का सच पता लगाने के लिए पड़ताल की गई। पड़ताल में सामने आया कि मामला शिकारपुर सब रजिस्ट्री कार्यालय का है। वीडियो में दिखाया गया है कि रजिस्ट्री कार्यालय में एक व्यक्ति बैठकर बैनामे पर मुहर लगा रहा है और रजिस्ट्री की एवज में अवैध वसूली भी कर रहा है। रुपये कम होने पर वह रुपये वापस लौटाता भी दिखा और मनमाफिक पैसे मिलने पर रख भी रहा था। इस संबंध में अमर उजाला ने जब शिकारपुर के सब रजिस्ट्रार प्रदीप राणा से बात की तो उन्होंने उक्त व्यक्ति को दफ्तर का कर्मचारी मानने से इंकार कर दिया। सवाल पूछा गया कि कर्मचारी नहीं था तो दफ्तर में मुहर किस हैसियत से लगा रहा था। इस पर साहब को जवाब नहीं सूझा। हालांकि शिकारपुर में काफी लोगों ने तस्दीक की है कि यह व्यक्ति सरकारी कर्मचारी की तरह काम करता है।
यह वीडियो जानबूझकर बनाया गया है। इस संबंध में डीएम और एसएसपी से भी शिकायत की गई है। दरअसल जिस व्यक्ति ने यह वीडियो बनाया है उस व्यक्ति ने लाखों रुपये के स्टांप की चोरी की थी। वसूली न हो इसलिए यह हथकंडा अपनाकर दबाव बनाने का प्रयास किया गया है। -प्रदीप राणा, सब रजिस्ट्रार, शिकारपुर
मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो गलत है। वीडियो देखेंगे। शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। -आरके सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व
बुलंदशहर/शिकारपुर। शिकारपुर रजिस्ट्री दफ्तर में रजिस्ट्री की आड़ में अवैध वसूली का खेल सामने आया है। अवैध वसूली का खुलासा स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है। वहीं, सब रजिस्ट्रार ने आरोपी को दफ्तर का कर्मचारी मानने से इंकार किया है। सवाल यह है कि जब प्राइवेट व्यक्ति दफ्तर का कर्मचारी नहीं तो दफ्तर के भीतर सरकारी कुर्सी और मेज पर बैठकर वह बैनामे पर मुहर क्यों लगा रहा था। इस पर साहब को जवाब देते नहीं बन रहा।
रविवार को सोशल साइट वाट्स-एप पर एक वीडियो प्रसारित किया गया। अमर उजाला के पास भी यह वीडियो पहुंचा। वीडियो का सच पता लगाने के लिए पड़ताल की गई। पड़ताल में सामने आया कि मामला शिकारपुर सब रजिस्ट्री कार्यालय का है। वीडियो में दिखाया गया है कि रजिस्ट्री कार्यालय में एक व्यक्ति बैठकर बैनामे पर मुहर लगा रहा है और रजिस्ट्री की एवज में अवैध वसूली भी कर रहा है। रुपये कम होने पर वह रुपये वापस लौटाता भी दिखा और मनमाफिक पैसे मिलने पर रख भी रहा था। इस संबंध में अमर उजाला ने जब शिकारपुर के सब रजिस्ट्रार प्रदीप राणा से बात की तो उन्होंने उक्त व्यक्ति को दफ्तर का कर्मचारी मानने से इंकार कर दिया। सवाल पूछा गया कि कर्मचारी नहीं था तो दफ्तर में मुहर किस हैसियत से लगा रहा था। इस पर साहब को जवाब नहीं सूझा। हालांकि शिकारपुर में काफी लोगों ने तस्दीक की है कि यह व्यक्ति सरकारी कर्मचारी की तरह काम करता है।
यह वीडियो जानबूझकर बनाया गया है। इस संबंध में डीएम और एसएसपी से भी शिकायत की गई है। दरअसल जिस व्यक्ति ने यह वीडियो बनाया है उस व्यक्ति ने लाखों रुपये के स्टांप की चोरी की थी। वसूली न हो इसलिए यह हथकंडा अपनाकर दबाव बनाने का प्रयास किया गया है। -प्रदीप राणा, सब रजिस्ट्रार, शिकारपुर
मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो गलत है। वीडियो देखेंगे। शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। -आरके सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व