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Bulandshahar News: व्यापारी के अपहरण में चार को उम्रकैद
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बुलंदशहर। औरंगाबाद थाना क्षेत्र के गांव अलावा रहीमपुर निवासी मिठाई व्यापारी अशोक कुमार का अपहरण कर 80 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाली महिला समेत चार आरोपियों को एडीजे एफटीसी तृतीय शिवानंद के न्यायालय ने दोषी करार दिया है। न्यायालय ने चारों दोषियों को आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया गया है। इस मामले में दो आरोपियों की पूर्व में ही मुकदमा विचारण के दौरान मृत्यु हो चुकी है। जबकि, एक अन्य को न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।
तीन नवंबर 2014 को वादी मुकदमा पंकज निवासी गांव अलावा रहीमपुर ने थाना औरंगाबाद में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके पिता अशोक कुमार, जो मिष्ठान विक्रेता हैं, शाम को औरंगाबाद में स्थित अपनी दुकान बंद कर घर के लिए साइकिल से चले थे, लेकिन घर नहीं पहुंचे। उनका मोबाइल फोन बंद जा रहा है। खोजबीन करने पर गांव वाली सड़क के किनारे खाई में दूध के खाली डिब्बे पड़े मिले, जबकि पिता का कोई सुराग नहीं मिल सका है।
थाना पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए छह नवंबर को एक कार सवार महिला रिंकू समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनकी शिनाख्त आरोपी दीपक त्यागी निवासी गांव खड़खड़ी थाना कोतवाली देहात (हापुड़), गुड्डू उर्फ धर्मेंद्र, रिंकू पत्नी गुड्डू निवासी गांव पवला थाना पिलखुवा (हापुड़) और मनोज कुमार शर्मा निवासी मोहल्ला बजरंगपुरी कला थाना पिलखुवा (हापुड़), भूरा व राजकुमार के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया था कि दो नवंबर 2014 को उन्होंने अशोक कुमार का अपहरण कर उसे बंदी बनाकर दीपक त्यागी के ट्यूबवेल पर रखा है। जिसकी रखवाली उनका एक अन्य साथी चंद्रपाल कर रहा है। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर मौके पर पहुंचकर ट्यूबवेल पर बंधक बनाकर रखे गए अशोक कुमार को बरामद किया, लेकिन पुलिस को देखकर आरोपी चंद्रपाल मौके से भाग निकला था।
पुलिस ने बताया था कि आरोपियों ने उसे छोड़ने की एवज में 80 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इस मामले में पुलिस ने सभी छह आरोपियों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया और 25 दिसंबर 2014 को न्यायालय में सभी सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित कर दिया गया। वहीं, मामले में विचारण के दौरान आरोपी भूरा व राजकुमार की मृत्यु हो चुकी है।
साथ ही न्यायालय ने अब दोनों पक्षों के गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर आरोपी दीपक, गुड्डू उर्फ धर्मेंद्र, रिंकू और मनोज को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने चारों अभियुक्तों को उम्रकैद और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि, न्यायालय ने चंद्रपाल को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।
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तीन नवंबर 2014 को वादी मुकदमा पंकज निवासी गांव अलावा रहीमपुर ने थाना औरंगाबाद में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके पिता अशोक कुमार, जो मिष्ठान विक्रेता हैं, शाम को औरंगाबाद में स्थित अपनी दुकान बंद कर घर के लिए साइकिल से चले थे, लेकिन घर नहीं पहुंचे। उनका मोबाइल फोन बंद जा रहा है। खोजबीन करने पर गांव वाली सड़क के किनारे खाई में दूध के खाली डिब्बे पड़े मिले, जबकि पिता का कोई सुराग नहीं मिल सका है।
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थाना पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए छह नवंबर को एक कार सवार महिला रिंकू समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनकी शिनाख्त आरोपी दीपक त्यागी निवासी गांव खड़खड़ी थाना कोतवाली देहात (हापुड़), गुड्डू उर्फ धर्मेंद्र, रिंकू पत्नी गुड्डू निवासी गांव पवला थाना पिलखुवा (हापुड़) और मनोज कुमार शर्मा निवासी मोहल्ला बजरंगपुरी कला थाना पिलखुवा (हापुड़), भूरा व राजकुमार के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया था कि दो नवंबर 2014 को उन्होंने अशोक कुमार का अपहरण कर उसे बंदी बनाकर दीपक त्यागी के ट्यूबवेल पर रखा है। जिसकी रखवाली उनका एक अन्य साथी चंद्रपाल कर रहा है। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर मौके पर पहुंचकर ट्यूबवेल पर बंधक बनाकर रखे गए अशोक कुमार को बरामद किया, लेकिन पुलिस को देखकर आरोपी चंद्रपाल मौके से भाग निकला था।
पुलिस ने बताया था कि आरोपियों ने उसे छोड़ने की एवज में 80 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इस मामले में पुलिस ने सभी छह आरोपियों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया और 25 दिसंबर 2014 को न्यायालय में सभी सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित कर दिया गया। वहीं, मामले में विचारण के दौरान आरोपी भूरा व राजकुमार की मृत्यु हो चुकी है।
साथ ही न्यायालय ने अब दोनों पक्षों के गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर आरोपी दीपक, गुड्डू उर्फ धर्मेंद्र, रिंकू और मनोज को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने चारों अभियुक्तों को उम्रकैद और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि, न्यायालय ने चंद्रपाल को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।