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Chandauli News: तीन ब्लॉक के एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि
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सामुदायिक शौचालयों के संचालन में लापरवाही पर जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) ने बुधवार को शहाबगंज, चकिया और बरहनी के एडीओ (सहायक विकास अधिकारी पंचायत) को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की। सचिवों के भी निलंबन की बात कही।
अमर उजाला ने 27 अक्टूबर के अंक में सामुदायिक शौचालयों के बंद होने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जिसके बाद कार्रवाई हुई है। चंदौली में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत गांवों में बनाए गए 40 से ज्यादा सामुदायिक शौचालय अब शो पीस बनकर रह गए हैं।
लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए इन शौचालयों पर ताले जंग खा रहे हैं, जबकि उनकी सफाई और रखरखाव के लिए हर महीने प्रति शौचालय 6 हजार रुपये स्वयं सहायता समूह को खाते में दिए जाते हैं।
40 शौचालयों की भी बात करें तो हर महीने 2 लाख 40 हजार रुपये का भुगतान हो रहा है लेकिन सफाई कुछ नहीं हो रही है। चकिया, बरहनी, शहाबगंज ब्लॉक के कई गांवों में सामुदायिक शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि ग्रामीण आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
इस खबर को अमर उजाला ने 27 अक्टूबर के अंक में 40 से ज्यादा सामुदायिक शौचालयाें में ताले शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद डीपीआरओ नीरज सिन्हा ने बुधवार को बरहनी ब्लॉक के एडीओ पंचायत प्रेमचंद, शहाबगंज विकासखंड के एडीओ अरविंद कुमार सिंह और चकिया के एडीओ पंचायत नारायण दत्त तिवारी को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी किया।
साथ ही उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार से शहाबगंज विकासखंड में इंजीनियरों की टीम की ओर से सौ फीसदी सर्च अभियान चलाया जाएगा। जिसमें सामुदायिक शौचालयों की जांच की जाएगी।
वहीं जांच में लापरवाही और कमियां मिलने पर संबंधित ग्राम सचिव को निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी। किसी भी हाल में सामुदायिक शौचालयों का संचालन शुरू होना है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अमर उजाला ने 27 अक्टूबर के अंक में सामुदायिक शौचालयों के बंद होने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जिसके बाद कार्रवाई हुई है। चंदौली में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत गांवों में बनाए गए 40 से ज्यादा सामुदायिक शौचालय अब शो पीस बनकर रह गए हैं।
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लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए इन शौचालयों पर ताले जंग खा रहे हैं, जबकि उनकी सफाई और रखरखाव के लिए हर महीने प्रति शौचालय 6 हजार रुपये स्वयं सहायता समूह को खाते में दिए जाते हैं।
40 शौचालयों की भी बात करें तो हर महीने 2 लाख 40 हजार रुपये का भुगतान हो रहा है लेकिन सफाई कुछ नहीं हो रही है। चकिया, बरहनी, शहाबगंज ब्लॉक के कई गांवों में सामुदायिक शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि ग्रामीण आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
इस खबर को अमर उजाला ने 27 अक्टूबर के अंक में 40 से ज्यादा सामुदायिक शौचालयाें में ताले शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद डीपीआरओ नीरज सिन्हा ने बुधवार को बरहनी ब्लॉक के एडीओ पंचायत प्रेमचंद, शहाबगंज विकासखंड के एडीओ अरविंद कुमार सिंह और चकिया के एडीओ पंचायत नारायण दत्त तिवारी को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी किया।
साथ ही उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार से शहाबगंज विकासखंड में इंजीनियरों की टीम की ओर से सौ फीसदी सर्च अभियान चलाया जाएगा। जिसमें सामुदायिक शौचालयों की जांच की जाएगी।
वहीं जांच में लापरवाही और कमियां मिलने पर संबंधित ग्राम सचिव को निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी। किसी भी हाल में सामुदायिक शौचालयों का संचालन शुरू होना है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।