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Chandauli News: खतौनी का झंझट खत्म, अब पासबुक से मिलेगी खाद
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कंदवा। अब समिति के सदस्य किसानों को खाद के लिए कई तरह के कागजात नहीं लगाने होंगे। समिति की ओर से सदस्यों को पासबुक जारी की जाएगी। इसी के हिसाब से उन्हें खाद दी जाएगी। पासबुक में खाद से लेकर खेत का रकबा, सब कुछ दर्ज होगा।
खेती के सीजन में खाद की खपत ज्यादा होती है। किसान को उसके खेत के रकबे के आधार पर खाद दी जाएगी। इससे खाद की कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी।
वर्ष 2024 में नई व्यवस्था अपनाई गई थी। इसमें खेत के रकबे के अनुसार समितियों पर खाद मुहैया होने की व्यवस्था बनाई गई। किसानों को पॉश मशीन से लेकर खतौनी के कागजात की अनिवार्यता कर दी गई। अब इन कागजों से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए समितियों पर सदस्य किसानों को पासबुक मुहैया कराई जाएगी। इसके बाद उन्हें खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा जिले में 83 समितियां और 18 संघ समिति वर्तमान में सक्रिय हैं। सहकारिता विभाग की ओर से इन समितियों पर सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है।
इन समितियों पर 1.50 लाख किसान पहले से ही सदस्य थे। वहीं नए आंकड़े के अनुसार 30 हजार नए सदस्य बनाए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब जिले में एक लाख 80 हजार के करीब किसान समितियों के सदस्य हो जाएंगे। सदस्यता अभियान में प्रत्येक किसान से 221 रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं पांच रुपये अतिरिक्त भी लिए जा रहे हैं।
इस पांच रुपये से प्रत्येक किसान को एक पासबुक मुहैया कराई जाएगी। किसान ने कितनी खाद ली और कितनी बाकी है, सभी बिंदु इस पासबुक में दर्ज रहेंगे। (संवाद)
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खेती के सीजन में खाद की खपत ज्यादा होती है। किसान को उसके खेत के रकबे के आधार पर खाद दी जाएगी। इससे खाद की कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी।
वर्ष 2024 में नई व्यवस्था अपनाई गई थी। इसमें खेत के रकबे के अनुसार समितियों पर खाद मुहैया होने की व्यवस्था बनाई गई। किसानों को पॉश मशीन से लेकर खतौनी के कागजात की अनिवार्यता कर दी गई। अब इन कागजों से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए समितियों पर सदस्य किसानों को पासबुक मुहैया कराई जाएगी। इसके बाद उन्हें खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा जिले में 83 समितियां और 18 संघ समिति वर्तमान में सक्रिय हैं। सहकारिता विभाग की ओर से इन समितियों पर सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है।
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इन समितियों पर 1.50 लाख किसान पहले से ही सदस्य थे। वहीं नए आंकड़े के अनुसार 30 हजार नए सदस्य बनाए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब जिले में एक लाख 80 हजार के करीब किसान समितियों के सदस्य हो जाएंगे। सदस्यता अभियान में प्रत्येक किसान से 221 रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं पांच रुपये अतिरिक्त भी लिए जा रहे हैं।
इस पांच रुपये से प्रत्येक किसान को एक पासबुक मुहैया कराई जाएगी। किसान ने कितनी खाद ली और कितनी बाकी है, सभी बिंदु इस पासबुक में दर्ज रहेंगे। (संवाद)