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मां की तरह भक्तों की रक्षा करते हैं भगवान : नीरज
संवाद न्यूज एजेंसी, देवरिया
Updated Tue, 02 Dec 2025 03:00 AM IST
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खुखुंदू। क्षेत्र के ग्राम पंचायत परसिया मिश्र स्थित प्राचीन शिव मंदिर परिसर में चल रहें श्रीमद भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के विश्राम दिवस की कथा सोमवार को रुक्मणि विवाह और सुदामा चरित्र की कथा का कथा व्यास नीरज कृष्ण ने श्रोताओं को श्रवण कराया। कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि कहा कि रुक्मिणी ने श्रीकृष्ण को संदेश भिजवाया और ठान लिया कि वह विवाह सिर्फ श्रीकृष्ण से ही करेंगी नहीं तो अपने प्राण त्याग देगी। रुक्मिणी ने भगवान श्रीकृष्ण को भेजें संदेश में कहलवाया कि वह उनसे प्रेम करती हैं और उसका विवाह शिशुपाल से तय हो गया है। अगर उसकी शादी कृष्ण से नहीं होगी तो वह प्राण त्याग देंगी। जैसे ही कृष्ण के पास संदेश पहुंचा, वह चकित रह गए। द्वारिकाधीश ने भी रुक्मिणी की सुंदरता और बुद्धिमता के बारे में बहुत सुन रखा था।
संदेश मिलते ही श्रीकृष्ण विदर्भ पहुंच गए। जब शिशुपाल विवाह के लिए द्वार पर आया तभी कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर लिया। जब रुक्मिणी के भाई रुक्म को पता चला तो वह अपने सैनिकों के साथ कृष्ण के पीछे गया। फिर श्रीकृष्ण और रुक्म के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें द्वारिकाधीश विजयी हुए। इस अवसर पर कथा संयोजक पं. गिरजेश मिश्र मंटू, परमार्थ मिश्र, ब्रजेन्द्र कुमार, डा. शिल्पा सिंह, डा. सचिस प्रकाश, सुनील गिरि, सत्येंद्र गिरि, बद्री गिरि, रबी गिरि, शिवम गिरि, सीताराम मिश्र आदि उपस्थित रहे।
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संदेश मिलते ही श्रीकृष्ण विदर्भ पहुंच गए। जब शिशुपाल विवाह के लिए द्वार पर आया तभी कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर लिया। जब रुक्मिणी के भाई रुक्म को पता चला तो वह अपने सैनिकों के साथ कृष्ण के पीछे गया। फिर श्रीकृष्ण और रुक्म के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें द्वारिकाधीश विजयी हुए। इस अवसर पर कथा संयोजक पं. गिरजेश मिश्र मंटू, परमार्थ मिश्र, ब्रजेन्द्र कुमार, डा. शिल्पा सिंह, डा. सचिस प्रकाश, सुनील गिरि, सत्येंद्र गिरि, बद्री गिरि, रबी गिरि, शिवम गिरि, सीताराम मिश्र आदि उपस्थित रहे।
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