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Deoria News: भागलपुर पुल से भारी वाहनों का दो साल से आवागमन बंद
संवाद न्यूज एजेंसी, देवरिया
Updated Thu, 13 Nov 2025 01:16 AM IST
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भागलपुर। पुल से भारी वाहनों का आवागमन दो साल से बंद हैं। जिससे बलिया वाराणसी की यात्रा करने वाले लोगों की सफर, दुरी, परेशानी तीनों बढ़ गई है। प्रशासन का कहना है पुल भारी वाहनों के चलने लायक नहीं है। पुल क्षतिग्रस्त हो सकता है, जिससे छोटे वाहन भी नहीं चल पाएंगे।
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि एनएच की ओर से नया पुल बनाने में तीन से चार साल लग जाएंगे शासन-प्रशासन के लोगों को चाहिए की पुल की मरम्मत कराकर भारी वाहनों का आवागमन शुरू कराएं।
बलिया-देवरिया को जोड़ने वाले सरयू नदी पर बने भागलपुर पुल के निर्माण की शुरुआत साल 1987 में राज्य सेतु निगम की ओर से 2819.44 लाख की लागत से की गई थी। दिसंबर 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने इसका उद्घाटन किया था।
उद्घाटन के 10 साल बाद ही छठवें पाएं का ज्वाइंट क्षतिग्रस्त होने लगा। करीब हर साल इसकी मरम्मत भी कराई जाती रही लेकिन मरम्मत में खानापूर्ति के चलते पुल जर्जर होता गया।
इस पुल का तकनीकी परीक्षण 2020 में मोबाइल ब्रिज इंपेक्सन यूनिट मशीन से कराया गया। यूनिट मशीन के इंजीनियरों ने मरम्मत कार्य आवश्यक बताया।
सेतु निगम ने 2021 में मुंबई की कंपनी को मरम्मत का जिम्मा सौंपा। दो साल तक मरम्मत होने के बाद ट्रायल हुआ तो भारी वाहनों के गुजरते वक्त छठवें पाए के ज्वाइंट की दरार बढ़ गई।
नवंबर 2022 में मुंबई और दिल्ली आईआईटी के इंजीनियरों ने जांच की और मरम्मत का जिम्मा भोपाल की सन् फिल्ड कंपनी को सौंपा। आठ माह तक मरम्मत के बाद जब ट्रायल किया गया तो ज्वाइंट की दरार फिर बढ़ गई।
आनन-फानन में सेतु निगम के अधिकारियों ने नवंबर 2023 में पुल के दोनों तरफ हाईट गेट बैरियर लगाकर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी, केवल छोटी वाहनों के आवागमन को मंजूरी दी। दो साल बीत जाने के बाद भी शासन प्रशासन के लोगों की लापरवाही से आज तक पुल का मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका जिससे लोगों की सफर दूरी और परेशानी तीनों बढ़ गई है।
क्षेत्र के प्रमोद सिंह, नवनाथ यादव, बृजभूषण यादव, अमरेन्द्र सिंह मिंटू, धर्मेन्द्र पांडेय, सुनील पांडेय, चंचल सिंह, राकेश सिंह आदि लोगों ने शासन प्रशासन के लोगों से पुल की मरम्मत कराने की मांग की है।
एसडीएम बरहज बिपिन कुमार द्विवेदी ने बताया कि भारी वाहन चलेंगे तो पुल टूट सकता है। पुल की भार क्षमता कम हो गई है। मरम्मत के लिए उच्च अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।
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क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि एनएच की ओर से नया पुल बनाने में तीन से चार साल लग जाएंगे शासन-प्रशासन के लोगों को चाहिए की पुल की मरम्मत कराकर भारी वाहनों का आवागमन शुरू कराएं।
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बलिया-देवरिया को जोड़ने वाले सरयू नदी पर बने भागलपुर पुल के निर्माण की शुरुआत साल 1987 में राज्य सेतु निगम की ओर से 2819.44 लाख की लागत से की गई थी। दिसंबर 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने इसका उद्घाटन किया था।
उद्घाटन के 10 साल बाद ही छठवें पाएं का ज्वाइंट क्षतिग्रस्त होने लगा। करीब हर साल इसकी मरम्मत भी कराई जाती रही लेकिन मरम्मत में खानापूर्ति के चलते पुल जर्जर होता गया।
इस पुल का तकनीकी परीक्षण 2020 में मोबाइल ब्रिज इंपेक्सन यूनिट मशीन से कराया गया। यूनिट मशीन के इंजीनियरों ने मरम्मत कार्य आवश्यक बताया।
सेतु निगम ने 2021 में मुंबई की कंपनी को मरम्मत का जिम्मा सौंपा। दो साल तक मरम्मत होने के बाद ट्रायल हुआ तो भारी वाहनों के गुजरते वक्त छठवें पाए के ज्वाइंट की दरार बढ़ गई।
नवंबर 2022 में मुंबई और दिल्ली आईआईटी के इंजीनियरों ने जांच की और मरम्मत का जिम्मा भोपाल की सन् फिल्ड कंपनी को सौंपा। आठ माह तक मरम्मत के बाद जब ट्रायल किया गया तो ज्वाइंट की दरार फिर बढ़ गई।
आनन-फानन में सेतु निगम के अधिकारियों ने नवंबर 2023 में पुल के दोनों तरफ हाईट गेट बैरियर लगाकर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी, केवल छोटी वाहनों के आवागमन को मंजूरी दी। दो साल बीत जाने के बाद भी शासन प्रशासन के लोगों की लापरवाही से आज तक पुल का मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका जिससे लोगों की सफर दूरी और परेशानी तीनों बढ़ गई है।
क्षेत्र के प्रमोद सिंह, नवनाथ यादव, बृजभूषण यादव, अमरेन्द्र सिंह मिंटू, धर्मेन्द्र पांडेय, सुनील पांडेय, चंचल सिंह, राकेश सिंह आदि लोगों ने शासन प्रशासन के लोगों से पुल की मरम्मत कराने की मांग की है।
एसडीएम बरहज बिपिन कुमार द्विवेदी ने बताया कि भारी वाहन चलेंगे तो पुल टूट सकता है। पुल की भार क्षमता कम हो गई है। मरम्मत के लिए उच्च अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।