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Etah News: प्रशिक्षु आईएएस अफसरों ने समझी पीतल उत्पाद बनाने की प्रक्रिया
संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Updated Wed, 12 Nov 2025 09:29 PM IST
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जलेसर में पीतल उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया समझते प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी। संवाद
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एटा/जलेसर। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के 100वें फाउंडेशन कोर्स के 12 प्रशिक्षु आईएएस यहां क्षेत्र अध्ययन एवं अनुसंधान कार्यक्रम पर भेजे गए हैं। चौथे दिन उन्होंने अवागढ़ का किला, पटना पक्षी विहार का भ्रमण किया। वहीं जलेसर में पीतल उत्पाद बनाने की प्रक्रिया समझी।
अवागढ़ किले के निर्माण काल, स्थापत्य शैली, संस्थापक राजा एवं उससे जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी प्राप्त की। स्थानीय अधिकारियों, वास्तु एवं इतिहास प्रेमियों ने किले के संरक्षण एवं पर्यटन विकास की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। पटना पक्षी विहार में विभिन्न प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों, उनके आवागमन के मौसम, संरक्षण उपायों एवं पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी प्राप्त की। पक्षियों के प्राकृतिक आवास, प्रवास काल एवं संरक्षण उपायों पर भी चर्चा की।
जलेसर में स्थित प्रसिद्ध घुंघरू घंटी निर्माण उद्योग इकाइयों के भ्रमण पर पहुंचे। उद्योगपति विकास मित्तल के कारखाने का भ्रमण कर वहां निर्मित घंटा, घुंघरू, मूर्तियां एवं अन्य कलात्मक उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया को देखा। यह भी जाना कि किस प्रकार से पीतल से निर्मित उत्पादों का स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में विपणन किया जाता है। इस दौरान एएसडीएम पीयूष रावत, श्वेता सिंह, तहसीलदार संदीप सिंह, नायब तहसीलदार शाश्वत अग्रवाल, क्षेत्रीय वन अधिकारी मनीषा कुकरेती, बीडीओ अवागढ़ पीएस आनंत आदि अधिकारी मौजूद रहे।
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जलेसर में स्थित प्रसिद्ध घुंघरू घंटी निर्माण उद्योग इकाइयों के भ्रमण पर पहुंचे। उद्योगपति विकास मित्तल के कारखाने का भ्रमण कर वहां निर्मित घंटा, घुंघरू, मूर्तियां एवं अन्य कलात्मक उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया को देखा। यह भी जाना कि किस प्रकार से पीतल से निर्मित उत्पादों का स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में विपणन किया जाता है। इस दौरान एएसडीएम पीयूष रावत, श्वेता सिंह, तहसीलदार संदीप सिंह, नायब तहसीलदार शाश्वत अग्रवाल, क्षेत्रीय वन अधिकारी मनीषा कुकरेती, बीडीओ अवागढ़ पीएस आनंत आदि अधिकारी मौजूद रहे।