एटा। एक चिकित्सक के नाम से प्रदेश में 15 जगह अल्ट्रासाउंड केंद्र पंजीकृत कर चलाए जा रहे थे। इसमें एक केंद्र एटा के शिकोहाबाद रोड का भी था, जो प्यारी बिटिया पोर्टल पर पकड़ में आया। जिसके बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने छापा मारकर मशीन को जब्त कर लिया और सीएमओ स्टोर में रखवाया गया है।
शिकोहाबाद रोड स्थित डॉ. ओमदेव के मकान में शांति ऑप्टीकल एंड आई केयर सेंटर पर छापा मारकर अल्ट्रासाउंड मशीन को जब्त किया गया है। नेत्र परीक्षण केंद्र पर सोमवार दोपहर बाद एएसडीएम रामनयन, अपंजीकृत चिकित्सक नोडल अधिकारी डॉ. सर्वेश कुमार, डीटीओ डॉ. राजेश शर्मा ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ छापा मारा। कार्रवाई के दौरान पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन पाई गई, जिसको टीम ने अपने कब्जा में ले लिया और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उठाकर सीएमओ दफ्तर में बने स्टोर में रखवा दिया।
बता दें कि अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कन्या भ्रूण जांच की निगरानी के लिए सरकार की ओर से प्यारी बिटिया पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल पर पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत अल्ट्रासाउंड सेंटरों के पंजीकरण के साथ ही पूरा ब्योरा अपलोड किया जाता है। इस पोर्टल पर राज्य स्तर पर जांच की गई तो डॉ. मनीष वार्ष्णेय के नाम से 15 सेंटरों का पंजीकरण पाया गया। इसको लेकर जिलाधिकारी से कार्रवाई करने के निर्देश मिले थे।
एटा। एक चिकित्सक के नाम से प्रदेश में 15 जगह अल्ट्रासाउंड केंद्र पंजीकृत कर चलाए जा रहे थे। इसमें एक केंद्र एटा के शिकोहाबाद रोड का भी था, जो प्यारी बिटिया पोर्टल पर पकड़ में आया। जिसके बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने छापा मारकर मशीन को जब्त कर लिया और सीएमओ स्टोर में रखवाया गया है।
शिकोहाबाद रोड स्थित डॉ. ओमदेव के मकान में शांति ऑप्टीकल एंड आई केयर सेंटर पर छापा मारकर अल्ट्रासाउंड मशीन को जब्त किया गया है। नेत्र परीक्षण केंद्र पर सोमवार दोपहर बाद एएसडीएम रामनयन, अपंजीकृत चिकित्सक नोडल अधिकारी डॉ. सर्वेश कुमार, डीटीओ डॉ. राजेश शर्मा ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ छापा मारा। कार्रवाई के दौरान पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन पाई गई, जिसको टीम ने अपने कब्जा में ले लिया और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उठाकर सीएमओ दफ्तर में बने स्टोर में रखवा दिया।
बता दें कि अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कन्या भ्रूण जांच की निगरानी के लिए सरकार की ओर से प्यारी बिटिया पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल पर पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत अल्ट्रासाउंड सेंटरों के पंजीकरण के साथ ही पूरा ब्योरा अपलोड किया जाता है। इस पोर्टल पर राज्य स्तर पर जांच की गई तो डॉ. मनीष वार्ष्णेय के नाम से 15 सेंटरों का पंजीकरण पाया गया। इसको लेकर जिलाधिकारी से कार्रवाई करने के निर्देश मिले थे।