अयोध्या। निर्माणाधीन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना को लेकर तकनीकी तौर पर कागजी कार्यवाही में भी तेजी आ गई है। इसकी स्थापना के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने अनापत्ति दे दी है। एयरपोर्ट स्थापना के लिए इसे बड़ा काम माना जाता है। कोशिश है कि निर्माण कार्य पूरा होते-होते एयरपोर्ट संचालन के लिए कागजी कार्यवाही पूरी कर ली जाए। अनापत्ति प्रमाणपत्र उसमें से एक आधार है।
श्रीराम मंदिर में रामलला के विराजमान होने के साथ ही अयोध्या से अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने शुरू कराने का लक्ष्य है। रामलला 2023 में अपने घर में विराजेंगे। यह घोषणा हो चुकी है। ऐसे में एयरपोर्ट के निर्माण में खासी तेजी है। अब रनवे और बिल्डिंग के साथ ही अभिलेखीय कार्यों में भी तेजी शुरू हो गई है। इसकी स्थापना के लिए एएआई ने पर्यावरण विभाग से अनापत्ति के लिए आवेदन किया था। तेजी से कार्यवाही करते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। श्रीराम एयरपोर्ट के निदेशक लालजीत राम ने भी पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त होने की बात बताई है।
सूत्रों के मुताबिक अब निर्माण कार्यों के साथ महत्वपूर्ण औपचारिकताओं को भी पूरा कराने को लेकर कार्यवाही तेज की जाएगी ताकि जमीनी स्तर पर पहले फेज के काम पूरा कर लिया जाए। पहले फेज में ज्यादातर जमीनी काम हैं, इसे दिसंबर 2022 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। बताया गया है कि रनवे का काम 30 फीसदी तो टर्मिनल बिल्डिंग का काम 18 फीसदी पूरा हो गया है। समय से निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए कार्यदायी संस्था को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।
पहले फेज में एटीआर-72 विमानों को उड़ाने के लिए जरूरत भर की जमीन पहले ही ली जा चुकी है। इस फेज के लिए लगभग 400 एकड़ जमीन की जरूरत है। प्रदेश सरकार की ओर से यह जमीन एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया को हस्तगत कराई जा चुकी है।
एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की आमद और भी बढ़ने की उम्मीद है। श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद श्रद्धालुओं की आमद में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन बेहतर यातायात व्यवस्था न होने से अब भी दूर के श्रद्धालु यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसा यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु कहते भी हैं। कम समय में यात्रा पूरी करने वालों को एयरपोर्ट संचालन का इंतजार है।
अयोध्या। निर्माणाधीन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना को लेकर तकनीकी तौर पर कागजी कार्यवाही में भी तेजी आ गई है। इसकी स्थापना के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने अनापत्ति दे दी है। एयरपोर्ट स्थापना के लिए इसे बड़ा काम माना जाता है। कोशिश है कि निर्माण कार्य पूरा होते-होते एयरपोर्ट संचालन के लिए कागजी कार्यवाही पूरी कर ली जाए। अनापत्ति प्रमाणपत्र उसमें से एक आधार है।
श्रीराम मंदिर में रामलला के विराजमान होने के साथ ही अयोध्या से अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने शुरू कराने का लक्ष्य है। रामलला 2023 में अपने घर में विराजेंगे। यह घोषणा हो चुकी है। ऐसे में एयरपोर्ट के निर्माण में खासी तेजी है। अब रनवे और बिल्डिंग के साथ ही अभिलेखीय कार्यों में भी तेजी शुरू हो गई है। इसकी स्थापना के लिए एएआई ने पर्यावरण विभाग से अनापत्ति के लिए आवेदन किया था। तेजी से कार्यवाही करते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। श्रीराम एयरपोर्ट के निदेशक लालजीत राम ने भी पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त होने की बात बताई है।
सूत्रों के मुताबिक अब निर्माण कार्यों के साथ महत्वपूर्ण औपचारिकताओं को भी पूरा कराने को लेकर कार्यवाही तेज की जाएगी ताकि जमीनी स्तर पर पहले फेज के काम पूरा कर लिया जाए। पहले फेज में ज्यादातर जमीनी काम हैं, इसे दिसंबर 2022 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। बताया गया है कि रनवे का काम 30 फीसदी तो टर्मिनल बिल्डिंग का काम 18 फीसदी पूरा हो गया है। समय से निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए कार्यदायी संस्था को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।
पहले फेज में एटीआर-72 विमानों को उड़ाने के लिए जरूरत भर की जमीन पहले ही ली जा चुकी है। इस फेज के लिए लगभग 400 एकड़ जमीन की जरूरत है। प्रदेश सरकार की ओर से यह जमीन एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया को हस्तगत कराई जा चुकी है।
एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की आमद और भी बढ़ने की उम्मीद है। श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद श्रद्धालुओं की आमद में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन बेहतर यातायात व्यवस्था न होने से अब भी दूर के श्रद्धालु यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसा यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु कहते भी हैं। कम समय में यात्रा पूरी करने वालों को एयरपोर्ट संचालन का इंतजार है।