अयोध्या। कोरोना वायरस की तीसरी लहर का प्रकोप तेजी से चल रहा है। करीब 20 दिन में 1110 लोग संक्रमित मिल चुके हैं। कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन की जांच के लिए इसमें से सिर्फ 20 लोगों के नमूने केजीएमयू लखनऊ भेजे गये हैं।
इसमें से भी सिर्फ दो संक्रमितों की रिपोर्ट अब तक प्राप्त हुई है, शेष लंबित है। अब प्रयोगशाला पर अधिक बोझ होने का हवाला देते हुए नमूने भेजने पर रोक भी लगा दी गई है।
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का प्रकोप दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ हुआ है। कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच के लिए राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज गंजा में वीएसएल-टू लैब बनाई गई है।
वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन की जांच की व्यवस्था जनपद स्तर पर नहीं है। इसके लिए नमूने केजीएमयू लखनऊ की लैब में भेजे जाते हैं। शुरुआती दौर में संक्रमित पाए गए दो विदेश यात्रियों में ओमिक्रॉन की पुष्टि के लिए नमूने भेजे गये थे।
जिसकी सप्ताह भर बाद रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई थी। इसके बाद मेडिकल कॉलेज की लैब से 18 और संक्रमितों में ओमिक्रॉन की पुष्टि के लिए नमूने भेजे गये। जिसकी रिपोर्ट अभी तक लंबित है।
वहीं, लखनऊ में इलाज करा रहे देवकाली निवासी एक कोरोना संक्रमित में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई थी, लेकिन उसकी भी रिपोर्ट स्वस्थ होने के सप्ताह भर बाद आई थी। इधर, केजीएमयू द्वारा प्रयोगशाला में अधिक भार होने के कारण नमूने भेजने पर रोक लगा दी गई है।
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. स्नेहांशु शुक्ला ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में आरटी-पीसीआर की जांच की व्यवस्था तो है, लेकिन कोरोना के नए स्वरूप की जांच के लिए नमूने केजीएमयू भेजे जाते हैं।
अब तक 20 नमूने यहां से जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनमें दो की रिपोर्ट ही प्राप्त हुई है। गुरुवार को नमूने अग्रिम निर्देशों तक न भेजने के लिए कहा गया है।
अयोध्या। कोरोना वायरस की तीसरी लहर का प्रकोप तेजी से चल रहा है। करीब 20 दिन में 1110 लोग संक्रमित मिल चुके हैं। कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन की जांच के लिए इसमें से सिर्फ 20 लोगों के नमूने केजीएमयू लखनऊ भेजे गये हैं।
इसमें से भी सिर्फ दो संक्रमितों की रिपोर्ट अब तक प्राप्त हुई है, शेष लंबित है। अब प्रयोगशाला पर अधिक बोझ होने का हवाला देते हुए नमूने भेजने पर रोक भी लगा दी गई है।
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का प्रकोप दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ हुआ है। कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच के लिए राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज गंजा में वीएसएल-टू लैब बनाई गई है।
वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन की जांच की व्यवस्था जनपद स्तर पर नहीं है। इसके लिए नमूने केजीएमयू लखनऊ की लैब में भेजे जाते हैं। शुरुआती दौर में संक्रमित पाए गए दो विदेश यात्रियों में ओमिक्रॉन की पुष्टि के लिए नमूने भेजे गये थे।
जिसकी सप्ताह भर बाद रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई थी। इसके बाद मेडिकल कॉलेज की लैब से 18 और संक्रमितों में ओमिक्रॉन की पुष्टि के लिए नमूने भेजे गये। जिसकी रिपोर्ट अभी तक लंबित है।
वहीं, लखनऊ में इलाज करा रहे देवकाली निवासी एक कोरोना संक्रमित में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई थी, लेकिन उसकी भी रिपोर्ट स्वस्थ होने के सप्ताह भर बाद आई थी। इधर, केजीएमयू द्वारा प्रयोगशाला में अधिक भार होने के कारण नमूने भेजने पर रोक लगा दी गई है।
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. स्नेहांशु शुक्ला ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में आरटी-पीसीआर की जांच की व्यवस्था तो है, लेकिन कोरोना के नए स्वरूप की जांच के लिए नमूने केजीएमयू भेजे जाते हैं।
अब तक 20 नमूने यहां से जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनमें दो की रिपोर्ट ही प्राप्त हुई है। गुरुवार को नमूने अग्रिम निर्देशों तक न भेजने के लिए कहा गया है।