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Farrukhabad News: 27 साल बाद डकैती व सामूहिक दुष्कर्म में दोषी करार
संवाद न्यूज एजेंसी, फर्रूखाबाद
Updated Wed, 12 Nov 2025 12:54 AM IST
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फर्रुखाबाद। 27 साल पुराने डकैती और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एडीजे पंचम रितिका त्यागी ने बदमाश अतिराज को दोषी पाया। अब उसे 15 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी।
यह वारदात वर्ष 1998 में जनपद शाहजहांपुर के थाना मिर्जापुर क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। तब मिर्जापुर थाना जनपद फर्रुखाबाद में शामिल था। सुनवाई के दौरान एक की मौत हो गई थी।
जनपद शाहजहांपुर के थाना मिर्जापुर क्षेत्र के एक गांव निवासी ग्रामीण ने 25 जनवरी 1998 की रात करीब 12 बजे अपने घर हुई डकैती और पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखाई थी। इसमें कहा था कि वह रात में परिवार सहित घर में सो रहा था, तभी कई बदमाश घुस आए, दरवाजे खुले थे और लालटेन जल रही थी।
बदमाशों ने घर का सामान लूटना शुरू कर दिया। विरोध करने पर उसकी पत्नी और पुत्र को पीटा। इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों को एक कमरे में बंद कर दिया। उसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया।
बदमाश घर में रखी सोने की चेन, सोने की चार चूड़ियां, कुंडल, नकदी, घोड़ी और अन्य कीमती सामान लूट ले गए। फायरिंग करते हुए भागे बदमाशों में गांव के भट्ठे पर काम करने वाले हरि सिंह ठाकुर, इस्माइलपुर निवासी भंवर पाल यादव और अतिराज को उसकी पत्नी ने पहचान लिया, इसके अलावा चार अज्ञात भी थे।
मामले में नामजद आरोपी हरिसिंह ठाकुर, भंवरपाल यादव और अतिराज के खिलाफ पुलिस ने जांच की। विवेचना में भंवर पाल यादव के खिलाफ साक्ष्य न मिलने पर उसका नाम निकाल दिया। हरि सिंह व अतिराज के खिलाफ डकैती व सामूहिक दुष्कर्म में न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान हरि सिंह की मौत हो गई।
एडीजे पंचम रितिका त्यागी ने गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी अतिराज को डकैती और सामूहिक दुष्कर्म के अपराध में दोषी ठहराया। उन्होंने 15 नवंबर को सजा सुनाने के आदेश दिए।
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यह वारदात वर्ष 1998 में जनपद शाहजहांपुर के थाना मिर्जापुर क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। तब मिर्जापुर थाना जनपद फर्रुखाबाद में शामिल था। सुनवाई के दौरान एक की मौत हो गई थी।
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जनपद शाहजहांपुर के थाना मिर्जापुर क्षेत्र के एक गांव निवासी ग्रामीण ने 25 जनवरी 1998 की रात करीब 12 बजे अपने घर हुई डकैती और पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखाई थी। इसमें कहा था कि वह रात में परिवार सहित घर में सो रहा था, तभी कई बदमाश घुस आए, दरवाजे खुले थे और लालटेन जल रही थी।
बदमाशों ने घर का सामान लूटना शुरू कर दिया। विरोध करने पर उसकी पत्नी और पुत्र को पीटा। इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों को एक कमरे में बंद कर दिया। उसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया।
बदमाश घर में रखी सोने की चेन, सोने की चार चूड़ियां, कुंडल, नकदी, घोड़ी और अन्य कीमती सामान लूट ले गए। फायरिंग करते हुए भागे बदमाशों में गांव के भट्ठे पर काम करने वाले हरि सिंह ठाकुर, इस्माइलपुर निवासी भंवर पाल यादव और अतिराज को उसकी पत्नी ने पहचान लिया, इसके अलावा चार अज्ञात भी थे।
मामले में नामजद आरोपी हरिसिंह ठाकुर, भंवरपाल यादव और अतिराज के खिलाफ पुलिस ने जांच की। विवेचना में भंवर पाल यादव के खिलाफ साक्ष्य न मिलने पर उसका नाम निकाल दिया। हरि सिंह व अतिराज के खिलाफ डकैती व सामूहिक दुष्कर्म में न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान हरि सिंह की मौत हो गई।
एडीजे पंचम रितिका त्यागी ने गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी अतिराज को डकैती और सामूहिक दुष्कर्म के अपराध में दोषी ठहराया। उन्होंने 15 नवंबर को सजा सुनाने के आदेश दिए।