फतेहपुर। रविवार सुबह से बादल और भाष्कर के बीच में आंख मिचौली चलती रही। इस कारण से पारा में कुछ उछाल आया है, लेकिन ठंड से लोगों को राहत नहीं मिली है। तापमान न्यूनतम आठ डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 18 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। शनिवार सुबह से बूंदाबांदी शुरू होकर दोपहर तक जारी रहीं। इस कारण से ठिठुरन बढ़ी रही। रविवार सुबह से बादल छाए रहे।
दोपहर के बाद भगवान भाष्कर के दर्शन हुए, लेकिन ठंड से खास असर नहीं हुआ। गर्म व ऊनी कपड़े पहनने के बाद भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिल सकी।
लोगों ने घरों में हीटर, गैस बर्नर, अंगीठी, लकड़ी, उपले आदि जलाकर ठंड से बचाव का प्रयास किया। कड़ाके की ठंड के चलते लोग घरों में ही कैद रहने के लिए मजबूर रहे।
जरूरी कामों से ही लोग बाहर निकले। शाम को सर्द हवाएं चलने लगी, जिससे लोग कांपते हुए दिखाई दिए। वहीं मौसम के मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
आलू, सरसों की फसलों के अलावा गेहूं की फसलों में भी बारिश का असर दिखाई देने लगा है। उधर, मौसम विभाग ने अभी दो दिन जिले में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है।
ठंड में घरेलू उपाय से सर्दी, जुकाम के मरीज पाए राहत
फतेहपुर। इनदिनों लोग ठंड से बेहाल हैं। ऐसे में जुकाम, खांसी और कई तरह की परेशानी बढ़ जाती है। खासतौर से जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन्हें बीमारियां जल्दी घेर लेती हैं।
ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। वैद्य महानंद चौबे के अनुसार सर्दी और शीत लहर से खुद को बचाने के इन बातों का ध्यान रखें।
चिकित्सकों की सलाह
- ठंड में जब बहुत ही जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। घर से बाहर जाएं तो शरीर को पूरी तरह से गर्म कपड़ों से ढक लें। खासकर कान, गला, नाक और हाथ-पैर को कवर कर लें। मास्क पहनकर घर से निकलें।
- सर्दी में प्यास कम लगती है। इसलिए लोग कम पानी पीते हैं. लेकिन सर्दियों में दिनभर गर्म पानी पीएं।
- शरीर को गर्म रखने के लिए लैमन टी, ग्रीन टी, ब्लैक टी या सूप का सेवन करें, इससे गले का इंफेक्शन दूर होगा और जुकाम-खांसी में आराम मिलेगा।
- ठंड से बचने के लिए विटामिन सी का सेवन करें। इससे इम्युनिटी मजबूत होती है और ठंड का असर भी कम होता है। डाइट में संतरा, नींबू, मौसमी और आंवला शामिल करें।
- सर्द हवा से हाथ-पैर ज्यादा ठंडे हो गए हैं तो रगड़ने के बजाय पैरों को थोड़ी देर गर्म पानी में रखें लें। अगर हाथ-पैरों का रंग काला हो गया है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- सर्दियों भर हल्दी वाला गर्म दूध पिएं और रोज रात में च्वनप्राश खाएं। इससे तुरंत शरीर में गर्मी आती है और इम्युनिटी भी मजबूत होती है।
- शरीर में गर्माहट लाने के लिए तुलसी, लौंग, अदरक और काली मिर्च से बनी चाय पीएं। इससे शरीर में तुरंत गर्मी आएगी और सर्दी जुकाम भी दूर रहेगा।
हफ्ता भर और कंपाएगी ठंड
मौसम विशेषज्ञ वसीम खान ने बताया कि सोमवार तक जिले में बारिश होने की संभावना है। इसके बाद ठंड बढ़ेगी। अधिकतम पारा 15 और न्यूनतम पारा तीन डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। ऐसे में सभी लोग ठंड से बचाव करें। पशुपालक मवेशी बाड़ा में बोरे के पर्दा लगा दें। ताकि मवेशियों को ठंड से बचा सकें।
ठंड से फसलों को बचाने के लिए करें धुआं
खागा। अत्यधिक ठंड से चना, मटर, मसूर, गोभी, बैगन, टमाटर और मिर्च की फसलों को धुआं से बचाया जा सकता है। वैज्ञानिक जगदीश किशोर ने बताया कि पाला फसलों को बचाने के लिए शाम को खेत के चारो ओर धुआं करने से असर कम होगा।
धुएं से वातावरण में एक कैनओपी बन जाती है, जिससे नीचे का तापमान ऊपर नहीं जाता है और ऊपर का ठंडा तापमान नीचे नहीं आता है। ऐसे में फसलें सुरक्षित हो जाती हैं। यदि ज्यादा जरूरत पड़े तो प्रति बीघा दो किलो जिंक का छिड़काव किया जा सकता है।
रेलवे स्टेशन में ठंड से ठिठुरते यात्री। संवाद- फोटो : FATEHPUR
फतेहपुर। रविवार सुबह से बादल और भाष्कर के बीच में आंख मिचौली चलती रही। इस कारण से पारा में कुछ उछाल आया है, लेकिन ठंड से लोगों को राहत नहीं मिली है। तापमान न्यूनतम आठ डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 18 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। शनिवार सुबह से बूंदाबांदी शुरू होकर दोपहर तक जारी रहीं। इस कारण से ठिठुरन बढ़ी रही। रविवार सुबह से बादल छाए रहे।
दोपहर के बाद भगवान भाष्कर के दर्शन हुए, लेकिन ठंड से खास असर नहीं हुआ। गर्म व ऊनी कपड़े पहनने के बाद भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिल सकी।
लोगों ने घरों में हीटर, गैस बर्नर, अंगीठी, लकड़ी, उपले आदि जलाकर ठंड से बचाव का प्रयास किया। कड़ाके की ठंड के चलते लोग घरों में ही कैद रहने के लिए मजबूर रहे।
जरूरी कामों से ही लोग बाहर निकले। शाम को सर्द हवाएं चलने लगी, जिससे लोग कांपते हुए दिखाई दिए। वहीं मौसम के मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
आलू, सरसों की फसलों के अलावा गेहूं की फसलों में भी बारिश का असर दिखाई देने लगा है। उधर, मौसम विभाग ने अभी दो दिन जिले में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है।
ठंड में घरेलू उपाय से सर्दी, जुकाम के मरीज पाए राहत
फतेहपुर। इनदिनों लोग ठंड से बेहाल हैं। ऐसे में जुकाम, खांसी और कई तरह की परेशानी बढ़ जाती है। खासतौर से जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन्हें बीमारियां जल्दी घेर लेती हैं।
ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। वैद्य महानंद चौबे के अनुसार सर्दी और शीत लहर से खुद को बचाने के इन बातों का ध्यान रखें।
चिकित्सकों की सलाह
- ठंड में जब बहुत ही जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। घर से बाहर जाएं तो शरीर को पूरी तरह से गर्म कपड़ों से ढक लें। खासकर कान, गला, नाक और हाथ-पैर को कवर कर लें। मास्क पहनकर घर से निकलें।
- सर्दी में प्यास कम लगती है। इसलिए लोग कम पानी पीते हैं. लेकिन सर्दियों में दिनभर गर्म पानी पीएं।
- शरीर को गर्म रखने के लिए लैमन टी, ग्रीन टी, ब्लैक टी या सूप का सेवन करें, इससे गले का इंफेक्शन दूर होगा और जुकाम-खांसी में आराम मिलेगा।
- ठंड से बचने के लिए विटामिन सी का सेवन करें। इससे इम्युनिटी मजबूत होती है और ठंड का असर भी कम होता है। डाइट में संतरा, नींबू, मौसमी और आंवला शामिल करें।
- सर्द हवा से हाथ-पैर ज्यादा ठंडे हो गए हैं तो रगड़ने के बजाय पैरों को थोड़ी देर गर्म पानी में रखें लें। अगर हाथ-पैरों का रंग काला हो गया है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- सर्दियों भर हल्दी वाला गर्म दूध पिएं और रोज रात में च्वनप्राश खाएं। इससे तुरंत शरीर में गर्मी आती है और इम्युनिटी भी मजबूत होती है।
- शरीर में गर्माहट लाने के लिए तुलसी, लौंग, अदरक और काली मिर्च से बनी चाय पीएं। इससे शरीर में तुरंत गर्मी आएगी और सर्दी जुकाम भी दूर रहेगा।
हफ्ता भर और कंपाएगी ठंड
मौसम विशेषज्ञ वसीम खान ने बताया कि सोमवार तक जिले में बारिश होने की संभावना है। इसके बाद ठंड बढ़ेगी। अधिकतम पारा 15 और न्यूनतम पारा तीन डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। ऐसे में सभी लोग ठंड से बचाव करें। पशुपालक मवेशी बाड़ा में बोरे के पर्दा लगा दें। ताकि मवेशियों को ठंड से बचा सकें।
ठंड से फसलों को बचाने के लिए करें धुआं
खागा। अत्यधिक ठंड से चना, मटर, मसूर, गोभी, बैगन, टमाटर और मिर्च की फसलों को धुआं से बचाया जा सकता है। वैज्ञानिक जगदीश किशोर ने बताया कि पाला फसलों को बचाने के लिए शाम को खेत के चारो ओर धुआं करने से असर कम होगा।
धुएं से वातावरण में एक कैनओपी बन जाती है, जिससे नीचे का तापमान ऊपर नहीं जाता है और ऊपर का ठंडा तापमान नीचे नहीं आता है। ऐसे में फसलें सुरक्षित हो जाती हैं। यदि ज्यादा जरूरत पड़े तो प्रति बीघा दो किलो जिंक का छिड़काव किया जा सकता है।

रेलवे स्टेशन में ठंड से ठिठुरते यात्री। संवाद- फोटो : FATEHPUR