UP: फिटनेस के नाम पर खेल, एआरटीओ दफ्तर से 10 किमी दूर बुलाए जा रहे वाहन; हैरान कर देगा ये मामला
Ghazipur News: एआरटीओ कार्यालय से जंगीपुर जाने वाले वाहन मालिक परेशान हो रहे हैं। वाहन फिटनेस के लिए उन्हें बुलाया जाता तो हैं लेकिन फेल कर दिया जाता है। यहां आने वालों ने अपनी समस्याएं बताई हैं।
विस्तार
आपको अपने वाहन का फिटनेस कराना है तो जंगीपुर जाना पड़ेगा। यहां साहब एसी चलाकर बोलेरो में बैठे रहते हैं और गैर तकनीकी कर्मी कभी आगे तो कभी पीछे वाहन कराकर फोटो खींचता रहता है। जरूरी खानापूर्ती के बाद ड्राइवर हार्न बजा कर वाहन स्वामी को बोलेरो के पास बुलाता है और फोटो दिखाने के लिए बोलता है।
उधर, वाहन लेकर घर पहुंचने पर पता चलता है कि कोई न कोई कमी दिखा कर वाहन का फिटनेस फेल कर दिया गया है। यह पीड़ा सुबह 11 बजे से वाहन खड़ाकर इंतजार कर रहे वाहन स्वामियों की है।अतरौली स्थित एआरटीओ कार्यालय से करीब 10 किमी दूर जंगीपुर में फिटनेस के लिए वाहनों को बुलाया जा रहा है, ऐसे में रोज छोटे-बड़े 30 वाहन खड़े रहतेहैं, लेकिन मुश्किल से छह वाहनों को ही फिटनेस बन पाता है।
खलसापुर निवासी कन्हैया यादव ने बताया कि वर्तमान समय में वाहनों के फिटनेस के लिए जितनी मुसीबत झेलनी पड़ रही है, ऐसा पूर्व में कभी नहीं होता था। फिटनेस के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराने में कभी 24 घंटे तो कभी दो से तीन दिन लग जाता है।
होती है परेशानी
शुल्क भी जमा कर दी जाती है तो पता चलता है कि वाहन करीब 10 किमी दूर जंगीपुर स्थित निर्माणाधीन एआरटीओ कार्यालय भवन के पास खाली मैदान में ले जाना है। वहां वाहन की फोटो खींचकर छोड़ दिया जाता है और कुछ देर बाद मेसेज आता है कि फेल कर दिया गया। ऐसे में फीस तो जाता ही है, वहीं पूरे दिन का समय और दो से तीन हजार रुपये खर्च भी हो जाता है।
फुल्लनपुर निवासी वाहन स्वामी दीपक ने बताया कि जंगीपुर वाहन को फिटनेस के लिए लाने के बाद एक व्यक्ति वाहनों की फोटो और वीडियो बनाता है, लेकिन जिम्मेदार स्वयं अपने आंख से नहीं देखते और वाहन में बैठकर उस व्यक्ति को हॉर्न बजाकर बुलाते हैं और जो दिशा-निर्देश देते हैं, इसके बाद पता चलता है कि फिटनेस फेल हो गया है। ऐसे में वाहन स्वामियों के जेब पर सीधा असर पड़ रहा है, लेकिन कोई जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं देने वाला है। वहीं, परिवहन विभाग के आरआई आलोक यादव ने कहा कि पारदर्शी तरीके से फिटनेस की प्रक्रिया पूरी की जाती है, सारे आरोप निराधार है।
वर्तमान समय में अतरौली स्थित एआरटीओ कार्यालय के पास खाली भूमि नहीं है। ऐसे में सड़क पर वाहन खड़े होते थे। आसपास जिनकी भूमि है वे किराया मांगते थे। विभाग उच्चाधिकारियों से बातकर आईपी एड्रेस चेंज कर अब निर्माणाधीन एआरटीओ कार्यालय भवन के खाली मैदान पर फिटनेस हो रहा है। फोटो खिंचकर फिटनेस फेल नहीं किया जाता है। पूरी पारदर्शिता के साथ वाहनों की जांचकर फिटनेस किया जा रहा है। - धनवीर यादव, एआरटीओ
साहब के छुट्टी पर जाते ही बंद हो जाती है बुकिंग
फिटनेस के लिए दौड़ रहे रमेश और सूरज ने बताया कि बीते सप्ताह साहब जब छुट्टी पर थे तो फिटनेस के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी नहीं हो पा रही थी। वजह लॉकिंग और पासवर्ड से बंद कर दिया जाता है। एक दिन में 20 वाहनों को ही स्लॉट मिल पाता है। ऐसे में काफी परेशानी होती है। गाजीपुर ही नहीं मऊ और वाराणसी से वाहन स्वामी फिटनेस के लिए लेकर पहुंचते हैं। बावजूद स्थिति जस की तस बनी रहती है।
डबल हो जाता है रेट, 600 से 800 रुपये होते हैं खर्च
वाहनों का फिटनेस कराने के लिए ऑनलाइन फीस जमा करनी पड़ती है। दस वर्ष से पुराने वाहन का एक वर्ष का फिटनेस और 5 वर्ष से पुराने का दो वर्ष का फिटनेस बनता है। ऑटो का जहां 600 रुपये, वहीं मिनी ट्रक 800, माल वाहक वाहनों का भी 800 रुपये ऑनलाइन जमा होता है। फिटनेस फेल होता है तो यह शुल्क दोगुना हो जाता है। पीड़ित धमेंद्र ने बताया कि फीस जमाकर जब वाहन का फिटनेस फेल कर दिया जाता है तो दो से तीन हजार रुपये नुकसान होता है।
वाहनों का फिटनेस अतरौलिया स्थित एआरटी कार्यालय पर नहीं होता है। यहां से आठ से दस किमी दूर नवनिर्मित एआरटीओ कार्यालय जंगीपुर में किया जाता है। यहीं नहीं सबकुछ ठीक होने के बाद फेल कर दिया जाता है। - सुधांशु तिवारी, हुसेनपुर
संविदा कर्मी वाहनों की फोटो खींचने और जांच करने का काम करता है। जो संबंधित और जिम्मेदार अधिकारी हैं, उन्हें तकनीकी स्थितियां पता होती हैं, वे वाहन में बैठे रहते हैं। बात में पता चलता है कि फिटनेस फेल कर दिया गया है। - सत्यार्थ स्वामी, चीतनाथ
फिटनेस के लिए शुल्क जमा करके वाहन लेकर जंगीपुर ले जाया जाता है। ऐसे में वाहन का फिटनेस फेल हो जाने से लगातार दौड़ लगानी पड़ती है। रोज करीब 20 से ऊपर छोटे-बड़े वाहन आते हैं, जबकि कुछ न कुछ कमी निकालकर फेल कर दिया जा रहा है। - आकाश चौधरी, बीकापुर
वर्तमान समय में वाहनों का फिटनेस कराना पहाड़ चढ़ना जैसे है। स्थिति ये है कि फोटो खींचकर फेल करने का गुणा-गणित समय में नहीं आता है। बीते सप्ताह स्लॉट बुकिंग भी बंद थी। वजह जिम्मेदार अधिकारी के पास आईडी व पासवर्ड दोनों है। - विकास खरवार, करंडा