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Gonda News: रुपईडीह ब्लॉक में 1.31 करोड़ का घोटाला उजागर
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:34 PM IST
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रुपईडीह/गोंडा। जिले के रुपईडीह ब्लॉक में स्वयं सहायता समूहों के नाम पर 1.31 करोड़ रुपये के सामूहिक घोटाले का मामला सामने आया है। जांच में पता चला कि कम पढ़ी-लिखी महिलाओं के नाम पर समूह बनाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए स्वीकृत ऋण की रकम का ग्राम संगठनों व समूहों के पदाधिकारियों ने अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट कर लिया। जांच कमेटी ने घोटाले की पुष्टि करते हुए सीडीओ को रिपोर्ट सौंप दी है।
ग्राम्य विकास आयुक्त के निर्देश पर चेक और कैश के जरिए भुगतान करने वाले समूहों व ग्राम संगठनों की जांच की गई। इसमें पता चला कि जहां नियमानुसार प्रत्येक समूह को अधिकतम 1.50 लाख रुपये का भुगतान होना था, वहीं कई समूहों में 10 से 15 लाख रुपये तक का भुगतान किया गया। इस तरह करीब 1.31 करोड़ रुपये का गबन किया गया। जांच अधिकारियों के अनुसार, यह सारा लेन-देन ग्राम संगठन के स्तर से ही चेक और नकद किया गया। करीब छह से अधिक ग्राम संगठन इस घोटाले में संदिग्ध पाए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सरकारी धन की जमकर बंदरबांट हुई है और बैंकों से भी बड़े पैमाने पर नियमों को दरकिनार करते हुए भुगतान किया गया। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में आजीविका मिशन के अधीन कार्यरत ब्लॉक व जिला स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।
सीडीओ अंकिता जैन ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिली है। इसका परीक्षण किया जा रहा है। रिपोर्ट में जो भी तथ्य और साक्ष्य सामने आएंगे, उनके आधार पर संबंधितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
एफआईआर के बाद भी जारी रहा भुगतान
जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि एक एफआईआर दर्ज होने के बावजूद फरवरी माह में भी कैश और चेक के जरिए भुगतान किया गया। यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के गहरे गठजोड़ की ओर इशारा करती है। दिसंबर 2024 में सीडीओ अंकिता जैन के निर्देश पर बीडीओ अभय कुमार सिंह ने स्वयं सहायता समूह के लगभग 49 लाख रुपये गबन के आरोप में बल्हीजोत और लोनावा दरगाह ग्राम संगठन तथा ब्लॉक मिशन प्रबंधक कुलदीप तिवारी समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद आठ अगस्त 2025 को उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास आयुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे ब्लॉक के ग्राम संगठनों व समूहों की व्यापक जांच के निर्देश दिए थे। करीब तीन माह की जांच के बाद कमेटी ने अब रिपोर्ट सौंप दी है, जिससे बड़े स्तर पर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है।
रुपईडीह ब्लॉक की वर्तमान स्थिति
अधिकारियों के अनुसार, रुपईडीह ब्लॉक में नौ से अधिक ग्राम संगठन और 54 ग्राम संगठन इकाइयां हैं। इनसे जुड़े करीब 797 स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं। वर्ष 2022 से अब तक पांच करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान विभिन्न समूहों के माध्यम से किया गया है। हालांकि लगातार उजागर हो रहे घोटालों के चलते कई स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है। ब्लॉक मिशन मैनेजर कुलदीप तिवारी की सेवा समाप्त की जा चुकी है। अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच चल रही है।
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ग्राम्य विकास आयुक्त के निर्देश पर चेक और कैश के जरिए भुगतान करने वाले समूहों व ग्राम संगठनों की जांच की गई। इसमें पता चला कि जहां नियमानुसार प्रत्येक समूह को अधिकतम 1.50 लाख रुपये का भुगतान होना था, वहीं कई समूहों में 10 से 15 लाख रुपये तक का भुगतान किया गया। इस तरह करीब 1.31 करोड़ रुपये का गबन किया गया। जांच अधिकारियों के अनुसार, यह सारा लेन-देन ग्राम संगठन के स्तर से ही चेक और नकद किया गया। करीब छह से अधिक ग्राम संगठन इस घोटाले में संदिग्ध पाए गए हैं।
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अधिकारियों ने बताया कि सरकारी धन की जमकर बंदरबांट हुई है और बैंकों से भी बड़े पैमाने पर नियमों को दरकिनार करते हुए भुगतान किया गया। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में आजीविका मिशन के अधीन कार्यरत ब्लॉक व जिला स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।
सीडीओ अंकिता जैन ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिली है। इसका परीक्षण किया जा रहा है। रिपोर्ट में जो भी तथ्य और साक्ष्य सामने आएंगे, उनके आधार पर संबंधितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
एफआईआर के बाद भी जारी रहा भुगतान
जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि एक एफआईआर दर्ज होने के बावजूद फरवरी माह में भी कैश और चेक के जरिए भुगतान किया गया। यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के गहरे गठजोड़ की ओर इशारा करती है। दिसंबर 2024 में सीडीओ अंकिता जैन के निर्देश पर बीडीओ अभय कुमार सिंह ने स्वयं सहायता समूह के लगभग 49 लाख रुपये गबन के आरोप में बल्हीजोत और लोनावा दरगाह ग्राम संगठन तथा ब्लॉक मिशन प्रबंधक कुलदीप तिवारी समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद आठ अगस्त 2025 को उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास आयुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे ब्लॉक के ग्राम संगठनों व समूहों की व्यापक जांच के निर्देश दिए थे। करीब तीन माह की जांच के बाद कमेटी ने अब रिपोर्ट सौंप दी है, जिससे बड़े स्तर पर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है।
रुपईडीह ब्लॉक की वर्तमान स्थिति
अधिकारियों के अनुसार, रुपईडीह ब्लॉक में नौ से अधिक ग्राम संगठन और 54 ग्राम संगठन इकाइयां हैं। इनसे जुड़े करीब 797 स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं। वर्ष 2022 से अब तक पांच करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान विभिन्न समूहों के माध्यम से किया गया है। हालांकि लगातार उजागर हो रहे घोटालों के चलते कई स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है। ब्लॉक मिशन मैनेजर कुलदीप तिवारी की सेवा समाप्त की जा चुकी है। अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच चल रही है।