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Hapur News: 38 किलो हाइड्रोफ्लोरिक एसिड और गंधक सल्फर पाउडर के साथ तीन गिरफ्तार
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पिलखुवा। पिलखुवा पुलिस ने बुधवार को दो अलग अलग स्थानों से 38 किलोग्राम हाइड्रोफ्लोरिक एसिड और 2.5 किलोग्राम गंधक व सल्फर पाउडर के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली में विस्फोट के बाद पुलिस के सघन चेकिंग अभियान के दौरान यह कार्रवाई की गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच तेज कर दी है।
पिलखुवा पुलिस के अनुसार बुधवार दोपहर थाना प्रभारी श्यौपाल सिंह पुलिस टीम के साथ हिंडालपुर बंबे की पुलिया पर गश्त पर थे। दोपहर दो बजे पुलिया के पास एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा, जिसके हाथ में प्लास्टिक की कैन थी। पास जाकर जांच की तो कैन में हाइड्रोफ्लोरिक एसिड था। पूछताछ में पता चला कि आरोपी जिला मुरादाबाद के थाना कांठ के गांव उमरी कलां निवासी शोएब है।
पूछताछ में शोएब ने बताया कि उसने 38 किलोग्राम एसिड कुछ देर पहले ही अज्ञात व्यक्ति से खरीदा था। इसके बाद वह यहां से जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। पुलिस ने शोएब को उत्तर प्रदेश सरकार की 2015 की विष नियंत्रण नियमावली के तहत अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) दिखाने को कहा, लेकिन वह नहीं दिखा पाया। थाना प्रभारी ने बताया कि हाइड्रोफ्लोरिक एसिड को 2014 की विष (एसिड) सूची में क्रमांक छह पर प्रतिबंधित रसायन के रूप में चिह्नित किया गया है।
उन्होंने बताया कि अन्य मामले में पिलखुवा पुलिस ने परतापुर चौराहे से दो युवकों को करीब 2.5 किलोग्राम विस्फोटक गंधक और सल्फर पाउडर के साथ गिरफ्तार किया। इसका इस्तेमाल खेतों में आवारा पशुओं को भगाने के लिए धमाके करने में किया जाता है। आरोपियों के पास इसका कोई वैध लाइसेंस नहीं था। दोनोें आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की पहचान जिला सीतापुर के थाना पिसवा क्षेत्र के गांव कपसा निवासी शोभित कुमार व विजेंद्र सिंह के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह विस्फोटक सामग्री हरियाणा के हिसार स्थित कंपनी से लाई गई थी। जो खेतों में पशुओं को भगाने के लिए धमाके बनाने में इस्तेमाल होती है। शोभित के पास से 1.5 किलोग्राम और विजेंद्र के थैले से एक किलोग्राम गंधक मिला है।
क्षेत्र में खुलेआम हो रही खतरनाक रसायन की बिक्री
दिल्ली में बम विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियां अपने अपने स्तर से जांच में जुटी हैं। ऐसे माहौल में हापुड़ में इस प्रकार की प्रतिबंधित और खतरनाक रसायन मिलना कई सवाल खड़े करता है। हाइड्रोफ्लोरिक एसिड अत्यंत खतरनाक रसायन है, जो त्वचा को जला सकता है। हालांकि इसका उपयोग शीशा काटने आदि में होता है, लेकिन यह बेहद खतरनाक है। ऐसे में इसका अवैध व्यापार अक्सर अवैध विस्फोटक निर्माण या अन्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा हो सकता है। जबकि गंधक सल्फर पाउडर की भारी मात्रा नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में पुलिस को इस पूरे मामले की जांच पूरी गंभीरता के साथ करनी होगी।
एसपी ज्ञानंजय सिंह का कहना है कि पूरे मामले की जांच गंभीरता के साथ की जा रही है। हालांकि गंधक और सल्फर ले जाने वाले युवक किसान हैं और वे इसके धमाके का प्रयोग जंगली जानवरों को भगाने के लिए करते थे, लेकिन फिर भी दोनों मामले में इन पदार्थों की उपलब्धता की पूरी गंभीरता से छानबीन की जा रही है।
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पिलखुवा पुलिस के अनुसार बुधवार दोपहर थाना प्रभारी श्यौपाल सिंह पुलिस टीम के साथ हिंडालपुर बंबे की पुलिया पर गश्त पर थे। दोपहर दो बजे पुलिया के पास एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा, जिसके हाथ में प्लास्टिक की कैन थी। पास जाकर जांच की तो कैन में हाइड्रोफ्लोरिक एसिड था। पूछताछ में पता चला कि आरोपी जिला मुरादाबाद के थाना कांठ के गांव उमरी कलां निवासी शोएब है।
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पूछताछ में शोएब ने बताया कि उसने 38 किलोग्राम एसिड कुछ देर पहले ही अज्ञात व्यक्ति से खरीदा था। इसके बाद वह यहां से जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। पुलिस ने शोएब को उत्तर प्रदेश सरकार की 2015 की विष नियंत्रण नियमावली के तहत अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) दिखाने को कहा, लेकिन वह नहीं दिखा पाया। थाना प्रभारी ने बताया कि हाइड्रोफ्लोरिक एसिड को 2014 की विष (एसिड) सूची में क्रमांक छह पर प्रतिबंधित रसायन के रूप में चिह्नित किया गया है।
उन्होंने बताया कि अन्य मामले में पिलखुवा पुलिस ने परतापुर चौराहे से दो युवकों को करीब 2.5 किलोग्राम विस्फोटक गंधक और सल्फर पाउडर के साथ गिरफ्तार किया। इसका इस्तेमाल खेतों में आवारा पशुओं को भगाने के लिए धमाके करने में किया जाता है। आरोपियों के पास इसका कोई वैध लाइसेंस नहीं था। दोनोें आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की पहचान जिला सीतापुर के थाना पिसवा क्षेत्र के गांव कपसा निवासी शोभित कुमार व विजेंद्र सिंह के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह विस्फोटक सामग्री हरियाणा के हिसार स्थित कंपनी से लाई गई थी। जो खेतों में पशुओं को भगाने के लिए धमाके बनाने में इस्तेमाल होती है। शोभित के पास से 1.5 किलोग्राम और विजेंद्र के थैले से एक किलोग्राम गंधक मिला है।
क्षेत्र में खुलेआम हो रही खतरनाक रसायन की बिक्री
दिल्ली में बम विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियां अपने अपने स्तर से जांच में जुटी हैं। ऐसे माहौल में हापुड़ में इस प्रकार की प्रतिबंधित और खतरनाक रसायन मिलना कई सवाल खड़े करता है। हाइड्रोफ्लोरिक एसिड अत्यंत खतरनाक रसायन है, जो त्वचा को जला सकता है। हालांकि इसका उपयोग शीशा काटने आदि में होता है, लेकिन यह बेहद खतरनाक है। ऐसे में इसका अवैध व्यापार अक्सर अवैध विस्फोटक निर्माण या अन्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा हो सकता है। जबकि गंधक सल्फर पाउडर की भारी मात्रा नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में पुलिस को इस पूरे मामले की जांच पूरी गंभीरता के साथ करनी होगी।
एसपी ज्ञानंजय सिंह का कहना है कि पूरे मामले की जांच गंभीरता के साथ की जा रही है। हालांकि गंधक और सल्फर ले जाने वाले युवक किसान हैं और वे इसके धमाके का प्रयोग जंगली जानवरों को भगाने के लिए करते थे, लेकिन फिर भी दोनों मामले में इन पदार्थों की उपलब्धता की पूरी गंभीरता से छानबीन की जा रही है।