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Hapur News: वायरल के साथ बढ़ रहा टाइफाइड, रोज मिल रहे आठ से दस मरीज
संवाद न्यूज एजेंसी, हापुड़
Updated Mon, 08 Dec 2025 10:51 PM IST
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हापुड़। बदलते मौसम में वायरल के साथ ही टाइफाइड के मरीज बढ़ रहे हैं। सीएचसी और जिला अस्पताल की ओपीडी में हर रोज आठ से दस मरीज आ रहे हैं। अब तक इनकी संख्या दो से तीन ही थी। राहत की बात यह है कि अब डेंगू का असर नहीं है।
मौसम में हो रहे परिवर्तन से सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज अधिक मिल रहे हैं। सीएचसी और जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 800 से 900 मरीज आ रहे हैं। फिजिशयन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि संक्रमित भोजन करने और दूषित पेय पदार्थ से टाइफाइड की समस्या हो रही है। ऐसे में स्वच्छता पर ध्यान देकर बचाव किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि टाइफाइड एक जीवाणु संक्रमण है। यह सिर्फ एक अंग को नहीं बल्कि शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है। रक्त प्रवाह में पहुंचने के बाद बैक्टीरिया यकृत, प्लीहा और मांसपेशियों पर हमला करते हैं। कभी-कभी यकृत और प्लीहा भी सूज जाते हैं। रक्त के माध्यम से बैक्टीरिया पित्ताशय की थैली, फेफड़े और गुर्दे तक भी पहुंच सकते हैं। यदि समय से उपचार नहीं मिला तो पीडि़त की मौत भी हो सकती है।
लक्षण : दस्त होना, पेट में दर्द होना, सिरदर्द में दर्द होना, कमजोरी महसूस करना, बुखार रहना, भूख में कमी आना।
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कारण : दूषित जल स्रोत से भोजन खाना, बिना हाथ धोए भोजन को छूना, टाइफाइड के मरीज के हाथ से वस्तु का सेवन करना, दूषित कच्ची सब्जियां खाना।
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बचाव के उपाय : हाथों को साफ रखें, स्ट्रीट फूड से परहेज करें, बर्तनों को स्वच्छ पानी से साफ करें, घर का बना ताजा और गर्म खाना खाएं, कच्ची सब्जी, फल खाने और दूषित पानी पीने से बचें।
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मौसम में हो रहे परिवर्तन से सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज अधिक मिल रहे हैं। सीएचसी और जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 800 से 900 मरीज आ रहे हैं। फिजिशयन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि संक्रमित भोजन करने और दूषित पेय पदार्थ से टाइफाइड की समस्या हो रही है। ऐसे में स्वच्छता पर ध्यान देकर बचाव किया जा सकता है।
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उन्होंने बताया कि टाइफाइड एक जीवाणु संक्रमण है। यह सिर्फ एक अंग को नहीं बल्कि शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है। रक्त प्रवाह में पहुंचने के बाद बैक्टीरिया यकृत, प्लीहा और मांसपेशियों पर हमला करते हैं। कभी-कभी यकृत और प्लीहा भी सूज जाते हैं। रक्त के माध्यम से बैक्टीरिया पित्ताशय की थैली, फेफड़े और गुर्दे तक भी पहुंच सकते हैं। यदि समय से उपचार नहीं मिला तो पीडि़त की मौत भी हो सकती है।
लक्षण : दस्त होना, पेट में दर्द होना, सिरदर्द में दर्द होना, कमजोरी महसूस करना, बुखार रहना, भूख में कमी आना।
कारण : दूषित जल स्रोत से भोजन खाना, बिना हाथ धोए भोजन को छूना, टाइफाइड के मरीज के हाथ से वस्तु का सेवन करना, दूषित कच्ची सब्जियां खाना।
बचाव के उपाय : हाथों को साफ रखें, स्ट्रीट फूड से परहेज करें, बर्तनों को स्वच्छ पानी से साफ करें, घर का बना ताजा और गर्म खाना खाएं, कच्ची सब्जी, फल खाने और दूषित पानी पीने से बचें।