उत्तर प्रदेश में जीका वायरस के बीच डेंगू का बुखार भी जानें ले रहा है। मंगलवार को हरदोई में एक डॉक्टर की डेंगू से मौत हो गई वहीं औरैया में एक मासूम ने दम तोड़ दिया। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि जांच के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है।
हरदोई की बिलग्राम सीएचसी में तैनात महिला चिकित्साधिकारी की मंगलवार सुबह लखनऊ के एक प्राइवेट अस्पताल में डेंगू से मौत हो गई। बिलग्राम सीएचसी में तीन साल से तैनात डॉ. सबा (32) को पिछले बुधवार को बुखार आ गया था। पांच नवंबर को सीएचसी में हुई जांच में वह डेंगू से पीड़ित मिली थीं। उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सोमवार दोपहर बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी। मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई। कोरोना संक्रमण के दौरान डॉ. सबा ने बेहतरीन कार्य किया था। लखनऊ के बख्शी का तालाब में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान शुरुआत में ही बनाए गए कोविड-एल2 अस्पताल में उन्होंने सबसे पहले ड्यूटी की थी। तब वह कोरोना संक्रमित भी हो गईं थीं। उनके निधन की जानकारी से शोक की लहर दौड़ गई।
जांच के नाम पर भी खिलवाड़
बावन निवासी मोहम्मद नफीस को पिछले कुछ दिन से बुखार आ रहा था। उन्होंने प्राइवेट चिकित्सक से इलाज शुरू कराया। चिकित्सक ने प्लेटलेट काउंट के लिए लिख दिया तो नफीस सीएचसी बावन पहुंचा और जांच कराई। यहां उसकी प्लेटलेट महज तीन हजार बता दी गईं। जांच रिपोर्ट हाथ में आते ही नफीस घबरा गया और आनन फानन ही हरदोई में एक प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच कराई, तो उसकी प्लेटलेट एक लाख 35 हजार निकलीं। तब जाकर नफीस की जान में जान आई।
औरैया जिले में डेंगू कहर बरपा रहा है। गांवों में लोग बुखार से तड़प रहे हैं। जिनका घरों में इलाज हो रहा है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग को सैफई मेडिकल कालेज में एक पांच वर्षीय बालक की मौत व एक डेंगू संक्रमित होने की रिपोर्ट मिली। जिसके बाद से महकमे हड़कंप मचा है।
एक महीने से जिले के 50 से अधिक गांवों में लोग बुखार से पीड़ित हैं। कई गांवों में लगातार बीमार मिल रहे हैं। मंगलवार को अयाना के दासपुर और बरमूपुर में बीमारी की सूचना मिली। जिस पर स्वास्थ्य टीमें गांव पहुंचीं। दोनों ही गांव में लगभग एक सैकड़ा से अधिक मरीजों का टीम ने इलाज किया। जिसमें से कुछ मरीजों के मलेरिया, डेंगू व कोरोना संक्रमण की जांच की गई। सीएमओ डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को सैफई मेडिकल कालेज से जो रिपोर्ट मिली है।
उसमें भीखमपुर निवासी रामदत्त के पुत्र शिवम (5) की डेंगू से मौत होने की जानकारी मिली। उसे चार नवंबर से लगातार बुखार आ रहा था। जिसकी जांच कराए जाने पर रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई। इलाज के दौरान ही उसकी सैफई में मौत हुई है। इधर दासपुर आयाना में एक 30 वर्षीय युवक डेंगू संक्रमित मिला है। सीएमओ ने बताया कि दोनों गांव में स्वास्थ्य टीम भेजी गई है। इसके साथ ही सभी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को बीमारी को देखते हुए अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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उत्तर प्रदेश में जीका वायरस के बीच डेंगू का बुखार भी जानें ले रहा है। मंगलवार को हरदोई में एक डॉक्टर की डेंगू से मौत हो गई वहीं औरैया में एक मासूम ने दम तोड़ दिया। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि जांच के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है।
हरदोई की बिलग्राम सीएचसी में तैनात महिला चिकित्साधिकारी की मंगलवार सुबह लखनऊ के एक प्राइवेट अस्पताल में डेंगू से मौत हो गई। बिलग्राम सीएचसी में तीन साल से तैनात डॉ. सबा (32) को पिछले बुधवार को बुखार आ गया था। पांच नवंबर को सीएचसी में हुई जांच में वह डेंगू से पीड़ित मिली थीं। उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सोमवार दोपहर बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी। मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई। कोरोना संक्रमण के दौरान डॉ. सबा ने बेहतरीन कार्य किया था। लखनऊ के बख्शी का तालाब में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान शुरुआत में ही बनाए गए कोविड-एल2 अस्पताल में उन्होंने सबसे पहले ड्यूटी की थी। तब वह कोरोना संक्रमित भी हो गईं थीं। उनके निधन की जानकारी से शोक की लहर दौड़ गई।
जांच के नाम पर भी खिलवाड़
बावन निवासी मोहम्मद नफीस को पिछले कुछ दिन से बुखार आ रहा था। उन्होंने प्राइवेट चिकित्सक से इलाज शुरू कराया। चिकित्सक ने प्लेटलेट काउंट के लिए लिख दिया तो नफीस सीएचसी बावन पहुंचा और जांच कराई। यहां उसकी प्लेटलेट महज तीन हजार बता दी गईं। जांच रिपोर्ट हाथ में आते ही नफीस घबरा गया और आनन फानन ही हरदोई में एक प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच कराई, तो उसकी प्लेटलेट एक लाख 35 हजार निकलीं। तब जाकर नफीस की जान में जान आई।