जौनपुर। पछुआ हवाओं के चलते सोमवार को भी गलन से लोगों को राहत नहीं मिली। आसमान में दिन भर बादलों को जमावड़ा रहा। इसके चलते ठंड से लोग ठिठुरते रहे। बाजार में भी सन्नाटा रहा। ठंड के चलते सुबह दुकानें भी देर से खुलीं।
रेलवे स्टेशन और बस पड़ाव पर भी यात्री भी ठिठुरते देखे गए। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति काफी कम रही। अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन में धूप नहीं निकलने के कारण गलन और बढ़ गई। शाम होते ही बाजारों में सन्नाटा पसर गया। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों की बाजारों में भी कम लोग दिखे। ठंड के चलते रेल और सड़क यातायात भी प्रभावित रहा। दो दिन पहले हुई बारिश के चलते शीतलहर और गलन में आम आदमी को काफी परेशानी उठानी पड़ी। सर्दी से बचने के लिए लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा। कृषि वैज्ञानिक डा. पंकज जायसवाल की माने तो आसमान में बादल रहने के कारण आलू की फसल झुलसा की चपेट में आने लगी हैं। सरसों की फसल के प्रभावित हो सकती है। यदि मौसम इसी तरह से बना रहा तो सरसों की फसल चौपट हो जाएगी।
जौनपुर। पछुआ हवाओं के चलते सोमवार को भी गलन से लोगों को राहत नहीं मिली। आसमान में दिन भर बादलों को जमावड़ा रहा। इसके चलते ठंड से लोग ठिठुरते रहे। बाजार में भी सन्नाटा रहा। ठंड के चलते सुबह दुकानें भी देर से खुलीं।
रेलवे स्टेशन और बस पड़ाव पर भी यात्री भी ठिठुरते देखे गए। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति काफी कम रही। अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन में धूप नहीं निकलने के कारण गलन और बढ़ गई। शाम होते ही बाजारों में सन्नाटा पसर गया। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों की बाजारों में भी कम लोग दिखे। ठंड के चलते रेल और सड़क यातायात भी प्रभावित रहा। दो दिन पहले हुई बारिश के चलते शीतलहर और गलन में आम आदमी को काफी परेशानी उठानी पड़ी। सर्दी से बचने के लिए लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा। कृषि वैज्ञानिक डा. पंकज जायसवाल की माने तो आसमान में बादल रहने के कारण आलू की फसल झुलसा की चपेट में आने लगी हैं। सरसों की फसल के प्रभावित हो सकती है। यदि मौसम इसी तरह से बना रहा तो सरसों की फसल चौपट हो जाएगी।