जौनपुर। एनआरएलएम के तहत बने महिला समूह अब दूध से निर्मित पदार्थों को बेचकर आत्मनिर्भर बनेगी। इसके लिए, जिम्मेदारों की ओर से तैयारी भी शुुरू कर गई है। प्राथमिकता के तौर पर पहले 84 महिला समूहों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इन महिला समूहों की ओर से पराग कंपनी के निर्मित दूध के पदार्थों को जगह-जगह स्टाल लगाकर और दुकान खोलकर बेचने का कार्य किया जाएगा। जिम्मेदारों की ओर से इस कार्य के करने की इच्छुक महिला समूहों की सूची तैयार कर पराग कंपनी को भेज दी गई है, जिससे शीघ्र ही महिला समूह इस कार्य को परवान चढ़ा सके।
महिलाएं रोजगार के सहारे आत्मनिर्भर हो सके और अपना आर्थिक आय कर सकें। इसके मद्देनजर सरकार की ओर से एनआरएलएम योजना का संचालन किया गया है। इसके तहत, महिलाओं का समूह बनाकर उनको रोजगारी बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में, जिले में कुल नौ हजार 923 महिला समूहों का चयन किया गया है। इसमें से कुल छह हजार 150 महिला समूहों को रोजगारी बनाया गया है। इस दौरान साढ़े तीन हजार महिला समूहों ने स्वयं का रोजगार कर रही है। वहीं 2650 महिला समूह,सामुदायिक शौचालय, कोटे की दुकान, बिजली मीटर रीडिंग, आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण करने, मनरेगा मेठ आदि कई कार्य कर रोजगारी बन आत्म निर्भर बन चुकी है, लेकिन शेष बची तीन हजार 773 समूह की महिलाओं को भी रोजगारी बनाने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें से 84 महिला समूहों को दूध से निर्मित पदार्थो को बेचने की जिम्मेदारी सौपी जा रही है। इन महिला समूहों का चयन कर सूची पराग कंपनी को भेजा जा चुका है। वहां से हरी झंडी मिलते ही चयनित महिला समूह को पराग कंपनी के निर्मित दूध के सामानों की विक्री शुरू कर देंगी।
इन पदार्थों को बेचेंगी समूह की महिलाएं
जौनपुर। महिला समूहों की ओर से पराग कंपनी की निर्मित इन दूध पदार्थों को बेचने का कार्य किया जाएगा। इसमें दूध, दही, लस्सी, छांछ, पेड़ा और रसगुल्ला आदि पदार्थ है, जिनको महिला समूहों की ओर से जगह-जगह स्टाल लगाकर या फिर दुकान खोलकर बेचा जाएगा।
मैं बहुत खुश हूं। अब मुझे दूसरे पर निर्भर नहीं रहना होगा। अपना और अपने परिवार का खर्च खुद संभाल पाऊंगी। वहीं, आवश्यकताओं को पूरा कर पाऊंगी। दुकान खोलकर दूध से निर्मित पदार्थों की बिक्री करने का कार्य करूंगी, जिससे पदार्थों की बिक्री करने में आसानी होगी और आर्थिक लाभ भी होगा। - शमशीदा बेगम, सुरक्षा स्वयं सहायता समूह मुजार
अकेले पति कमा रहे थे, जिससे घर का खर्च चलना दूभर हो जा रहा था। लेकिन अब मैं भी घर का काम निपटाने के बाद अपनी आर्थिक उन्नति कर पाऊंगी। इससे परिवार की परवरिश करने में आ रही दिक्कत समाप्त हो जाएगी। परिवार की आवश्यकताएं भी पूरी हो पाएगी। हमें किसी के आगे हाथ फैलाना नहीं पड़ेगा। - आशा देवी, हरि ओम स्वयं सहायता समूह महुआरी
वर्जन
महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए लगाकर उनको रोजगारी बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में 84 महिला समूहों को पराग कंपनी के दूध से निर्मित सामानों की बिक्री कराने का कार्य किया जाएगा, इसके लिए इन महिला समूहों का चयन कर सूची पराग कंपनी को भेजी जा चुकी है। शीघ्र ही महिला समूह इस कार्य को परवान चढ़ा सके। जिले में अभी तक बनाए गए नौ हजार 923 महिला समूहों के सापेक्ष अब तक छह हजार 150 महिला समूहों को रोजगारी बनाया जा चुका है। - ओपी यादव, उपायुक्त एनआरएलएम
जौनपुर। एनआरएलएम के तहत बने महिला समूह अब दूध से निर्मित पदार्थों को बेचकर आत्मनिर्भर बनेगी। इसके लिए, जिम्मेदारों की ओर से तैयारी भी शुुरू कर गई है। प्राथमिकता के तौर पर पहले 84 महिला समूहों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इन महिला समूहों की ओर से पराग कंपनी के निर्मित दूध के पदार्थों को जगह-जगह स्टाल लगाकर और दुकान खोलकर बेचने का कार्य किया जाएगा। जिम्मेदारों की ओर से इस कार्य के करने की इच्छुक महिला समूहों की सूची तैयार कर पराग कंपनी को भेज दी गई है, जिससे शीघ्र ही महिला समूह इस कार्य को परवान चढ़ा सके।
महिलाएं रोजगार के सहारे आत्मनिर्भर हो सके और अपना आर्थिक आय कर सकें। इसके मद्देनजर सरकार की ओर से एनआरएलएम योजना का संचालन किया गया है। इसके तहत, महिलाओं का समूह बनाकर उनको रोजगारी बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में, जिले में कुल नौ हजार 923 महिला समूहों का चयन किया गया है। इसमें से कुल छह हजार 150 महिला समूहों को रोजगारी बनाया गया है। इस दौरान साढ़े तीन हजार महिला समूहों ने स्वयं का रोजगार कर रही है। वहीं 2650 महिला समूह,सामुदायिक शौचालय, कोटे की दुकान, बिजली मीटर रीडिंग, आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण करने, मनरेगा मेठ आदि कई कार्य कर रोजगारी बन आत्म निर्भर बन चुकी है, लेकिन शेष बची तीन हजार 773 समूह की महिलाओं को भी रोजगारी बनाने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें से 84 महिला समूहों को दूध से निर्मित पदार्थो को बेचने की जिम्मेदारी सौपी जा रही है। इन महिला समूहों का चयन कर सूची पराग कंपनी को भेजा जा चुका है। वहां से हरी झंडी मिलते ही चयनित महिला समूह को पराग कंपनी के निर्मित दूध के सामानों की विक्री शुरू कर देंगी।
इन पदार्थों को बेचेंगी समूह की महिलाएं
जौनपुर। महिला समूहों की ओर से पराग कंपनी की निर्मित इन दूध पदार्थों को बेचने का कार्य किया जाएगा। इसमें दूध, दही, लस्सी, छांछ, पेड़ा और रसगुल्ला आदि पदार्थ है, जिनको महिला समूहों की ओर से जगह-जगह स्टाल लगाकर या फिर दुकान खोलकर बेचा जाएगा।
मैं बहुत खुश हूं। अब मुझे दूसरे पर निर्भर नहीं रहना होगा। अपना और अपने परिवार का खर्च खुद संभाल पाऊंगी। वहीं, आवश्यकताओं को पूरा कर पाऊंगी। दुकान खोलकर दूध से निर्मित पदार्थों की बिक्री करने का कार्य करूंगी, जिससे पदार्थों की बिक्री करने में आसानी होगी और आर्थिक लाभ भी होगा। - शमशीदा बेगम, सुरक्षा स्वयं सहायता समूह मुजार
अकेले पति कमा रहे थे, जिससे घर का खर्च चलना दूभर हो जा रहा था। लेकिन अब मैं भी घर का काम निपटाने के बाद अपनी आर्थिक उन्नति कर पाऊंगी। इससे परिवार की परवरिश करने में आ रही दिक्कत समाप्त हो जाएगी। परिवार की आवश्यकताएं भी पूरी हो पाएगी। हमें किसी के आगे हाथ फैलाना नहीं पड़ेगा। - आशा देवी, हरि ओम स्वयं सहायता समूह महुआरी
वर्जन
महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए लगाकर उनको रोजगारी बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में 84 महिला समूहों को पराग कंपनी के दूध से निर्मित सामानों की बिक्री कराने का कार्य किया जाएगा, इसके लिए इन महिला समूहों का चयन कर सूची पराग कंपनी को भेजी जा चुकी है। शीघ्र ही महिला समूह इस कार्य को परवान चढ़ा सके। जिले में अभी तक बनाए गए नौ हजार 923 महिला समूहों के सापेक्ष अब तक छह हजार 150 महिला समूहों को रोजगारी बनाया जा चुका है। - ओपी यादव, उपायुक्त एनआरएलएम