जौनपुर के नोनरा गांव में खेत में लगाए गए करंट की चपेट में आने से वृद्धा की मौत हो गई। इसके बाद खेत के मालिकों ने शव दफना दिया। मंगलवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों की निशानदेही पर शव बरामद कर लिया। सुरेरी थाना क्षेत्र के रामपुर निष्फी गांव निवासी धर्मा देवी (70) घर पर अकेली रहती थीं।
पति विष्णु पटेल का दो वर्ष पहले निधन हो गया था। उनके चार बेटे चंद्रशेखर, मुकेश पटेल, रमेश पटेल और कमलेश पटेल गुजरात के अहमदाबाद में नौकरी करते हैं। 19 नवंबर को शाम चार बजे धर्मा देवी घर से खेत जाने के लिए निकली थी। अगले दिन दोपहर तक नहीं दिखाई दी तो पड़ोसियों ने इसकी जानकारी उनके बेटे रमेश को दी।
इस पर वह फ्लाइट से घर आया और खोजबीन में जुट गया लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद 21 नवंबर को सुरेरी थाने में गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कराया। इधर, पुलिस ने जांच-पड़ताल के दौरान मामला संदिग्ध देखकर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो सच्चाई सामने आने लगी।
थानाध्यक्ष सुरेरी राज नारायन चौरसिया ने बताया हिरासत में लिए गए नोनरा निवासी खरपत्तू पाल और रामपुर निष्फी निवासी महेंद्र ने बताया कि धर्मा देवी शौच करने के लिए निकली थी। इस दौरान उनके खेत में लगे विद्युत प्रभावित तार की चपेट में आकर मौत हो गई।
इसकी जानकारी होने पर दोनों ने शव को पास ही अरहर के खेत में छिपा दिया था। इसके बाद नोनरा गांव में स्थित बैगन के खेत में शव दफना दिया। पुलिस ने मंगलवार को उप जिलाधिकारी मड़ियाहूं अर्चना ओझा के घटनास्थल पर पहुंचने के बाद खेत में दफन वृद्धा के शव को ग्रामीणों की बाहर निकलवाया।
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जौनपुर के नोनरा गांव में खेत में लगाए गए करंट की चपेट में आने से वृद्धा की मौत हो गई। इसके बाद खेत के मालिकों ने शव दफना दिया। मंगलवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों की निशानदेही पर शव बरामद कर लिया। सुरेरी थाना क्षेत्र के रामपुर निष्फी गांव निवासी धर्मा देवी (70) घर पर अकेली रहती थीं।
पति विष्णु पटेल का दो वर्ष पहले निधन हो गया था। उनके चार बेटे चंद्रशेखर, मुकेश पटेल, रमेश पटेल और कमलेश पटेल गुजरात के अहमदाबाद में नौकरी करते हैं। 19 नवंबर को शाम चार बजे धर्मा देवी घर से खेत जाने के लिए निकली थी। अगले दिन दोपहर तक नहीं दिखाई दी तो पड़ोसियों ने इसकी जानकारी उनके बेटे रमेश को दी।
इस पर वह फ्लाइट से घर आया और खोजबीन में जुट गया लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद 21 नवंबर को सुरेरी थाने में गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कराया। इधर, पुलिस ने जांच-पड़ताल के दौरान मामला संदिग्ध देखकर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो सच्चाई सामने आने लगी।