झांसी। रेलवे के वैगन मरम्मत कार्यशाला में कार्यरत जूनियर इंजीनियर अशोक गुप्ता के भीतर कार्य स्थल को सफाई करने की ऐसी लगन जगी कि उन्होंने कार्यस्थल में बिखरे पड़े स्क्रैप को प्रेम की खूबसूरत इमारत ताजमहल की हू-ब-हू प्रतिकृति में तब्दील कर दिया। काम की तारीफ मिली तो हौसला बढ़ा। उसके बाद अभी तक वह वर्कशाप के अंदर स्क्रैप की मदद से दर्जनों ऐतिहासिक इमारतों की प्रतिकृति तैयार कर चुके हैं। अशोक की मेहनत और लगन देखकर उनके साथियों ने उनको स्क्रैप मैन के नाम से पुकारना शुरू कर दिया है।
रेलवे वर्कशाप में मालगाड़ियों की मरम्मत होती है। यहां काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि मरम्मत का काम होने से बड़ी मात्रा में लोहे का छीलन, ईएम पैड, लॉकिंग प्लेट, सिग्नल पाइप समेत अन्य स्क्रैप निकलता है। कई साल से यह स्क्रैप एक जगह एकत्र हो रहा था। इस वजह से यहां स्क्रैप का पहाड़ खड़ा हो गया। अशोक बताते हैं दो साल पहले मुख्य कारखाना प्रबंधक आरडी मौर्या ने उनको इस काम के लिए प्रोत्साहित किया। शुरू में उन्होंने इसे अनसुना किया, लेकिन बाद में उनको लगा इससे जहां वह लोग काम करते हैं वह भी साफ-सुथरा हो जाएगा। बस फिर क्या था। वह स्क्रैप के इस्तेमाल की डिजाइन बनाने में जुट गए।
उन्होंने इससे ताजमहल बनाने की ठानी। नेट से डिजाइन इस्तेमाल करके काम शुरू किया। बेकार पड़े ईएम पैड, लॉकिंग प्लेट आदि के इस्तेमाल से करीब तीन महीने में उन्होंने 15 फुट ऊंचा ताजमहल बनाकर खड़ा कर दिया। इसमें करीब पंद्रह टन स्क्रैप का इस्तेमाल हुआ। जिसने भी यह ताजमहल देखा, उसने दांतों तले उंगली दबा ली। अशोक बताते हैं कि वर्कशाप का काम खत्म करने के बाद वह यह काम करते थे। इस काम के बाद उनका हौसला बढ़ा।
उसके बाद उन्होंने इंडिया गेट, गेट वे ऑफ इंडिया, शहीद स्तंभ, लौह अश्व भी बनाए। करीब पचास टन स्क्रैप का इसमें इस्तेमाल हुआ। यह अब वर्कशाप के अंदर लगाए गए हैं। उनके इस काम से काफी स्क्रैप को खत्म करने में मदद मिली। अब वर्कशाप के दूसरे कर्मचारी भी अशोक से सीखकर कुछ अलग काम करना चाहते हैं।
संसद भवन की इमारत बनाने की योजना
इंजीनियर अशोक गुप्ता बताते हैं कि इसके बाद अब वर्कशाप परिसर के भीतर ही संसद भवन की प्रतिकृति बनाने की योजना है। इसके लिए डिजाइन आदि तैयार की जा रही है। इसके अलावा एक विशाल ग्लोब भी बनाने का काम चल रहा है।
रेलमंत्री कर चुके पुरस्कृत
अशोक को विशेष कार्य के लिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने जून महीने में उनको पुरस्कृत भी किया था। अशोक इसके अलावा वर्कशाप के लिए भी कई मशीनें बना चुके हैं। इनका उपयोग वर्कशाप में किया जाता है।
झांसी। रेलवे के वैगन मरम्मत कार्यशाला में कार्यरत जूनियर इंजीनियर अशोक गुप्ता के भीतर कार्य स्थल को सफाई करने की ऐसी लगन जगी कि उन्होंने कार्यस्थल में बिखरे पड़े स्क्रैप को प्रेम की खूबसूरत इमारत ताजमहल की हू-ब-हू प्रतिकृति में तब्दील कर दिया। काम की तारीफ मिली तो हौसला बढ़ा। उसके बाद अभी तक वह वर्कशाप के अंदर स्क्रैप की मदद से दर्जनों ऐतिहासिक इमारतों की प्रतिकृति तैयार कर चुके हैं। अशोक की मेहनत और लगन देखकर उनके साथियों ने उनको स्क्रैप मैन के नाम से पुकारना शुरू कर दिया है।
रेलवे वर्कशाप में मालगाड़ियों की मरम्मत होती है। यहां काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि मरम्मत का काम होने से बड़ी मात्रा में लोहे का छीलन, ईएम पैड, लॉकिंग प्लेट, सिग्नल पाइप समेत अन्य स्क्रैप निकलता है। कई साल से यह स्क्रैप एक जगह एकत्र हो रहा था। इस वजह से यहां स्क्रैप का पहाड़ खड़ा हो गया। अशोक बताते हैं दो साल पहले मुख्य कारखाना प्रबंधक आरडी मौर्या ने उनको इस काम के लिए प्रोत्साहित किया। शुरू में उन्होंने इसे अनसुना किया, लेकिन बाद में उनको लगा इससे जहां वह लोग काम करते हैं वह भी साफ-सुथरा हो जाएगा। बस फिर क्या था। वह स्क्रैप के इस्तेमाल की डिजाइन बनाने में जुट गए।
उन्होंने इससे ताजमहल बनाने की ठानी। नेट से डिजाइन इस्तेमाल करके काम शुरू किया। बेकार पड़े ईएम पैड, लॉकिंग प्लेट आदि के इस्तेमाल से करीब तीन महीने में उन्होंने 15 फुट ऊंचा ताजमहल बनाकर खड़ा कर दिया। इसमें करीब पंद्रह टन स्क्रैप का इस्तेमाल हुआ। जिसने भी यह ताजमहल देखा, उसने दांतों तले उंगली दबा ली। अशोक बताते हैं कि वर्कशाप का काम खत्म करने के बाद वह यह काम करते थे। इस काम के बाद उनका हौसला बढ़ा।
उसके बाद उन्होंने इंडिया गेट, गेट वे ऑफ इंडिया, शहीद स्तंभ, लौह अश्व भी बनाए। करीब पचास टन स्क्रैप का इसमें इस्तेमाल हुआ। यह अब वर्कशाप के अंदर लगाए गए हैं। उनके इस काम से काफी स्क्रैप को खत्म करने में मदद मिली। अब वर्कशाप के दूसरे कर्मचारी भी अशोक से सीखकर कुछ अलग काम करना चाहते हैं।
संसद भवन की इमारत बनाने की योजना
इंजीनियर अशोक गुप्ता बताते हैं कि इसके बाद अब वर्कशाप परिसर के भीतर ही संसद भवन की प्रतिकृति बनाने की योजना है। इसके लिए डिजाइन आदि तैयार की जा रही है। इसके अलावा एक विशाल ग्लोब भी बनाने का काम चल रहा है।
रेलमंत्री कर चुके पुरस्कृत
अशोक को विशेष कार्य के लिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने जून महीने में उनको पुरस्कृत भी किया था। अशोक इसके अलावा वर्कशाप के लिए भी कई मशीनें बना चुके हैं। इनका उपयोग वर्कशाप में किया जाता है।