झांसी। ग्यारह सालों से जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए भटक रहे पूंछ थाना क्षेत्र के एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हदबंदी होने के बाद भी किसान की पूरी जमीन नहीं निकल पाई थी। उसकी 17 डिसमिल जमीन पर अब भी कब्जा था, जिसे मुक्त कराने के एवज में लेखपाल और राजस्व निरीक्षक 18 हजार रुपये रिश्वत मांग रहे थे। आरोपी लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
पूंछ थाना इलाके के ग्राम फतेहपुर स्टेट निवासी रघुवीर पाल (68) लगभग नौ बीघा जमीन के काश्तकार थे। सन 1976 में चकबंदी के दौरान उनके खेत की 65 डिसमिल जमीन बगल के खेत मालिक ने दबा ली थी। करीब 11 साल पहले उसने मोंठ तहसील में प्रार्थना पत्र देकर जमीन दिलाने की मांग की थी। इसके बाद करीब सात साल तक नक्शा दुरुस्तीकरण का मुकदमा चला, जिसके जरिये जमीन का नक्शा दुरुस्त किया गया। पांच साल से हदबंदी का मुकदमा राजस्व न्यायालय में चल रहा था।
15 दिन पहले राजस्व निरीक्षक सत्यनारायण तिवारी तथा लेखपाल हेमंत राजपूत ने हदबंदी की थी। इसके बाद भी उनकी 17 डिसमिल जमीन कब्जामुक्त नहीं हो पाई थी। इस पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने 18 जून को समाधान दिवस में शिकायत दर्ज कराई थी। शनिवार को भी तहसील पहुंचे थे। आरोप है कि यहां लेखपाल ने उनसे दस हजार और राजस्व निरीक्षक ने आठ हजार रुपये की रिश्वत मांगी, जिसे वह देने की स्थिति में नहीं थे। इससे परेशान होकर रघुवीर पाल ने वहां से लौटकर गांव के किनारे एक खेत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को इसकी जानकारी रविवार की सुबह हुई। इससे कोहराम मच गया। मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उसने रिश्वत मांगे जाने का उल्लेख किया है। सुसाइड नोट में किसान ने लिखा है कि उसकी 17 डिसमिल जमीन कम है, जिससे वो आत्महत्या कर रहा है। इस पर आरोपी लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मृतक के पुत्र जियालाल ने दोनों के खिलाफ थाने में तहरीर भी दी है।
झांसी। ग्यारह सालों से जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए भटक रहे पूंछ थाना क्षेत्र के एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हदबंदी होने के बाद भी किसान की पूरी जमीन नहीं निकल पाई थी। उसकी 17 डिसमिल जमीन पर अब भी कब्जा था, जिसे मुक्त कराने के एवज में लेखपाल और राजस्व निरीक्षक 18 हजार रुपये रिश्वत मांग रहे थे। आरोपी लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
पूंछ थाना इलाके के ग्राम फतेहपुर स्टेट निवासी रघुवीर पाल (68) लगभग नौ बीघा जमीन के काश्तकार थे। सन 1976 में चकबंदी के दौरान उनके खेत की 65 डिसमिल जमीन बगल के खेत मालिक ने दबा ली थी। करीब 11 साल पहले उसने मोंठ तहसील में प्रार्थना पत्र देकर जमीन दिलाने की मांग की थी। इसके बाद करीब सात साल तक नक्शा दुरुस्तीकरण का मुकदमा चला, जिसके जरिये जमीन का नक्शा दुरुस्त किया गया। पांच साल से हदबंदी का मुकदमा राजस्व न्यायालय में चल रहा था।
15 दिन पहले राजस्व निरीक्षक सत्यनारायण तिवारी तथा लेखपाल हेमंत राजपूत ने हदबंदी की थी। इसके बाद भी उनकी 17 डिसमिल जमीन कब्जामुक्त नहीं हो पाई थी। इस पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने 18 जून को समाधान दिवस में शिकायत दर्ज कराई थी। शनिवार को भी तहसील पहुंचे थे। आरोप है कि यहां लेखपाल ने उनसे दस हजार और राजस्व निरीक्षक ने आठ हजार रुपये की रिश्वत मांगी, जिसे वह देने की स्थिति में नहीं थे। इससे परेशान होकर रघुवीर पाल ने वहां से लौटकर गांव के किनारे एक खेत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को इसकी जानकारी रविवार की सुबह हुई। इससे कोहराम मच गया। मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उसने रिश्वत मांगे जाने का उल्लेख किया है। सुसाइड नोट में किसान ने लिखा है कि उसकी 17 डिसमिल जमीन कम है, जिससे वो आत्महत्या कर रहा है। इस पर आरोपी लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मृतक के पुत्र जियालाल ने दोनों के खिलाफ थाने में तहरीर भी दी है।