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Jhansi: साइबर ठगों ने 308 म्यूल खातों में छिपा रखी 10 करोड़ रकम, तीन बैंकों के आए थे नाम, भेजे गए नोटिस
अमर उजाला नेटवर्क, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Tue, 02 Dec 2025 01:02 PM IST
सार
तीन बैंकों में पकड़े गए सैकड़ों म्यूल खातों की पड़ताल के दौरान पुलिस को कई चौंकाने वाली बात मालूम चली है। राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में सक्रिय जालसाज महज 2-3 प्रतिशत रकम देकर इन खातों को किराए पर लेते थे।
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साइबर ठगी।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
तीन बैंकों में पकड़े गए सैकड़ों म्यूल खातों की पड़ताल के दौरान पुलिस को कई चौंकाने वाली बात मालूम चली है। छानबीन में पता चला कि राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में सक्रिय साइबर जालसाज महज 2-3 प्रतिशत रकम देकर इन खातों को किराए पर लेते थे। इन खातों में ठगी की रकम वह छिपाकर रखते थे। अभी तक की पड़ताल में दस करोड़ से अधिक की धनराशि का पता चला है। पुलिस अन्य खातों की भी पड़ताल कर रही है। बैंकों को नोटिस भेजा है। सभी खातों का डिटेल आने पर इस राशि के कई गुना बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
तीन बैंकों का हुआ था भंडाफोड़
झांसी के तीन प्राइवेट बैंकों में 308 म्यूल बैंक खाते होने का भंडाफोड़ हुआ था। यह मामला आला पुलिस अफसरों तक पहुंचा। एडीजी आलोक सिंह की दखल पर पुलिस इन खातों को खंगालने में जुटी। सिविल लाइंस, ग्वालियर रोड स्थित जीवन शाह के पास की कोटेक महिंद्रा बैंक में सबसे अधिक 177 म्यूल खाते मिले। सीपरी बाजार के सुभाष मार्केट स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में 70 एवं इलाइट चौराहा के पास स्थित उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक में 58 म्यूल खाते पाए गए। एक जनवरी से 31 अगस्त के बीच ये खाते खोले गए, इनमें साइबर जालसाज पैसा भेजते थे।
पड़ताल में दस करोड़ की रकम का खुलासा
पुलिस की छानबीन में खाते खोलने में बैंक अधिकारी एवं कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आई। अभी तक डेढ़ सौ से अधिक बैंक खातों की पड़ताल की जा चुकी है, इनमें करीब दस करोड़ की रकम पाई गई। अधिकांश म्यूल खाते ग्रामीण इलाकों के आधार कार्ड एवं अन्य पहचान पत्र के जरिये खोले गए थे। इन खातों से नियमित तौर पर इनमें जमा धनराशि का दो-पांच प्रतिशत राशि भुगतान होता था।
अभी भी छानबीन जारी
साइबर पुलिस अफसरों का कहना है कि अभी तक कई म्यूल खातों के बारे में पूरी डिटेल नहीं आई है। अन्य बैंकों में भी म्यूल खातों की तलाश की जा रही है। सीओ (साइबर) रामवीर सिंह का कहना है कि साइबर जालसाज पैसों का लालच देकर खाते का संचालन अपने हाथ में रखते हैं। इनकी पड़ताल की जा रही है। बैंकों को नोटिस भेजकर डिटेल मांगा गया है। अन्य बैंकों में भी म्यूल खाते तलाशे जा रहे हैं।
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तीन बैंकों का हुआ था भंडाफोड़
झांसी के तीन प्राइवेट बैंकों में 308 म्यूल बैंक खाते होने का भंडाफोड़ हुआ था। यह मामला आला पुलिस अफसरों तक पहुंचा। एडीजी आलोक सिंह की दखल पर पुलिस इन खातों को खंगालने में जुटी। सिविल लाइंस, ग्वालियर रोड स्थित जीवन शाह के पास की कोटेक महिंद्रा बैंक में सबसे अधिक 177 म्यूल खाते मिले। सीपरी बाजार के सुभाष मार्केट स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में 70 एवं इलाइट चौराहा के पास स्थित उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक में 58 म्यूल खाते पाए गए। एक जनवरी से 31 अगस्त के बीच ये खाते खोले गए, इनमें साइबर जालसाज पैसा भेजते थे।
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पड़ताल में दस करोड़ की रकम का खुलासा
पुलिस की छानबीन में खाते खोलने में बैंक अधिकारी एवं कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आई। अभी तक डेढ़ सौ से अधिक बैंक खातों की पड़ताल की जा चुकी है, इनमें करीब दस करोड़ की रकम पाई गई। अधिकांश म्यूल खाते ग्रामीण इलाकों के आधार कार्ड एवं अन्य पहचान पत्र के जरिये खोले गए थे। इन खातों से नियमित तौर पर इनमें जमा धनराशि का दो-पांच प्रतिशत राशि भुगतान होता था।
अभी भी छानबीन जारी
साइबर पुलिस अफसरों का कहना है कि अभी तक कई म्यूल खातों के बारे में पूरी डिटेल नहीं आई है। अन्य बैंकों में भी म्यूल खातों की तलाश की जा रही है। सीओ (साइबर) रामवीर सिंह का कहना है कि साइबर जालसाज पैसों का लालच देकर खाते का संचालन अपने हाथ में रखते हैं। इनकी पड़ताल की जा रही है। बैंकों को नोटिस भेजकर डिटेल मांगा गया है। अन्य बैंकों में भी म्यूल खाते तलाशे जा रहे हैं।