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झांसी मेडिकल कॉलेज: नहीं थम रही रैगिंग...रात 9 बजे बुलाकर दो घंटे खड़े रखा, कहा- सोशल मीडिया पर फॉलो करो
अमर उजाला नेटवर्क, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Fri, 14 Nov 2025 11:37 AM IST
सार
कॉलेज के नए छात्रों ने 2023 बैच के सीनियर्स पर दबंगई और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं। नई दिल्ली स्थित एंटी रैगिंग सेल को ई-मेल भेजकर कहा कि दो दिन पहले रात में पूरे बैच को बुलाया। सोशल मीडिया पर फॉलो करने की बात कही।
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रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी में रैगिंग का मामला
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हजारों रुपये का जुर्माना लगा, कक्षाओं से निलंबन हुआ फिर भी महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले थम नहीं रहे हैं। कभी नाम न बता पाने तो कभी रस्साकसी में हार से गुस्साकर सीनियर्स अपने जूनियर्स की पिटाई कर चुके हैं। वैसे तो मेडिकल कॉलेज में हर साल रैगिंग के मामले सामने आते हैं मगर पिछले वर्षों में कई बड़ी घटनाएं भी यहां हो चुकी हैं। अब रैगिंग का नया मामला सामने आने के बाद पुरानी घटनाएं फिर ताजा हो गई हैं।
नई दिल्ली स्थित एंटी रैगिंग सेल को ई-मेल भेजकर शिकायत
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग की घटना ने अनुशासन की नब्ज कमजोर कर दी है। कॉलेज के नए छात्रों ने 2023 बैच के वरिष्ठों पर दबंगई और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं। नई दिल्ली स्थित एंटी रैगिंग सेल को ई-मेल भेजकर शिकायत की है कि वरिष्ठों ने दो दिन पहले रात में पूरे बैच को परिचय के लिए बुलाया। सोशल मीडिया पर वरिष्ठों को खोजकर फॉलो करने और आंख मिलाकर बात न करने की शर्त रखी। वरिष्ठों का नाम याद न रखने पर गाली-गलौज की धमकी भी दी।
रात 9 बजे बुलाया- दो घंटे खड़े रखा, कहा- सोशल मीडिया पर फॉलो करो
मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें हैं। दो चरणों की काउंसिलिंग के बाद 146 सीटों पर प्रवेश हो चुके हैं। तीसरे चरण की काउंसिलिंग अभी चल रही है। इसी बीच हाल ही में प्रवेश पाने वाले एक एमबीबीएस छात्र ने एंटी रैगिंग सेल में नए बैच के छात्रों के साथ रैगिंग के आरोप जड़ दिए हैं। शिकायत में बताया कि दो दिन पहले रात आठ से नौ बजे के बीच 2023 बैच के वरिष्ठों ने 2025 बैच के छात्रों को बातचीत सत्र के लिए बुलाया। ये सत्र परिचय के बजाये उनके लिए मानसिक और शारीरिक रूप से कष्टदायक हो गया। उन्हें दो घंटे खड़ा रखा गया। सिर्फ शुद्ध हिंदी में बात करने के लिए कहा गया। ये भी बोला गया कि अपने शहर के वरिष्ठों को सोशल मीडिया पर खोजकर फॉलो करो। यह माहौल नए बैच के कई विद्यार्थियों में भय, सिरदर्द और मानसिक तनाव पैदा कर रहा है।
नए बैच के छात्रों में डर
नए बैच के विद्यार्थी छात्रावास की गतिविधियों में खुलकर शामिल होने से डरने लगे हैं। शिकायत करने वाले एमबीबीएस छात्र ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की बात कही है। जांच कराकर प्रथम वर्ष के एमबीबीएस विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की रैगिंग या धमकी से बचाने की मांग की है। शिकायत मिलने के बाद नई दिल्ली स्थित एंटी रैगिंग सेल ने जांच शुरू करते हुए इसकी जानकारी नवाबाद थाने को भी दी है। मेडिकल कॉलेज के प्रमुख अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि शिकायत मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
केस 1- जूनियर्स का नाम पूछा... मुर्गा बनाया और पीटने लगे
मेडिकल कॉलेज में अक्तूबर 2023 में पांच महीने के अंदर ही रैगिंग की दूसरी घटना सामने आई थी। कॉलेज हॉस्टल में पहले जूनियर्स का नाम पूछा, फिर मुर्गा बनाया और पीटने लगे। मौके से गुजर रहे जूनियर्स के तीन साथियों ने विरोध किया तो ईंट और लोहे की रॉड से उन पर भी हमला बोल दिया। शिकायत मिलने पर एंटी रैगिंग कमेटी ने दो सीनियर्स को छह महीने के लिए कक्षाओं से निष्कासित कर दिया था।
केस 2- हार के बाद हॉस्टल में जूनियरों के साथ की थी मारपीट
यह मामला फरवरी 2022 का है। दो फरवरी को कॉलेज के खेल मैदान में रस्साकसी का मैच हुआ था। इसमें 2016 और 2018 बैच के सीनियर्स के साथ 2019 के छात्रों ने मैच खेला था। 2019 बैच के छात्र जीत गए थे। इससे नाराज होकर 2016 और 2018 बैच के पांच-छह छात्रों ने हॉस्टल में घुसकर 2019 बैच के जूनियर्स को पीटा था। इससे जूनियर छात्रों को चोटें आई थीं।
केस 3- इंटर्न छात्रा से रैगिंग
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में कार और स्कूटी सामने आने पर हुए जूनियर डॉक्टर और इंटर्न छात्रा के बीच नौ अक्तूबर 2021 को विवाद हो गया था। कार सवार पैथोलॉजी विभाग के जूनियर डॉक्टर ने अभद्र टिप्पणी कर दी थी। इंटर्न के विरोध करने पर गाली-गलौज भी की थी। छात्रा के साथ रैगिंग की पुष्टि होने पर एंटी रैगिंग कमेटी ने पैथोलॉजी विभाग के जूनियर डॉक्टर को छह महीने के लिए निलंबित और हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया है। साथ ही एक लाख का जुर्माना भी ठोका था। सहयोगी जूनियर डॉक्टर पर भी 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया था।
जूनियर नाम नहीं बता पाया तो सीनियर ने पीट दिया
अक्तूबर 2022 में 2019 बैच के सीनियर छात्र ने 2020 बैच के मॉनीटर को पेन ड्राइव देने के लिए हॉस्टल में बुलाया। मॉनीटर के साथ एक और छात्र था। इस दौरान एक सीनियर ने साथ आए छात्र से पूछा कि वह उसका नाम बताए। जब जूनियर नाम नहीं बता पाया तो सीनियर ने उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद पीड़ित छात्र ने मामले की शिकायत एंटी रैगिंग कमेटी से की थी।
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नई दिल्ली स्थित एंटी रैगिंग सेल को ई-मेल भेजकर शिकायत
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर रैगिंग की घटना ने अनुशासन की नब्ज कमजोर कर दी है। कॉलेज के नए छात्रों ने 2023 बैच के वरिष्ठों पर दबंगई और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं। नई दिल्ली स्थित एंटी रैगिंग सेल को ई-मेल भेजकर शिकायत की है कि वरिष्ठों ने दो दिन पहले रात में पूरे बैच को परिचय के लिए बुलाया। सोशल मीडिया पर वरिष्ठों को खोजकर फॉलो करने और आंख मिलाकर बात न करने की शर्त रखी। वरिष्ठों का नाम याद न रखने पर गाली-गलौज की धमकी भी दी।
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रात 9 बजे बुलाया- दो घंटे खड़े रखा, कहा- सोशल मीडिया पर फॉलो करो
मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें हैं। दो चरणों की काउंसिलिंग के बाद 146 सीटों पर प्रवेश हो चुके हैं। तीसरे चरण की काउंसिलिंग अभी चल रही है। इसी बीच हाल ही में प्रवेश पाने वाले एक एमबीबीएस छात्र ने एंटी रैगिंग सेल में नए बैच के छात्रों के साथ रैगिंग के आरोप जड़ दिए हैं। शिकायत में बताया कि दो दिन पहले रात आठ से नौ बजे के बीच 2023 बैच के वरिष्ठों ने 2025 बैच के छात्रों को बातचीत सत्र के लिए बुलाया। ये सत्र परिचय के बजाये उनके लिए मानसिक और शारीरिक रूप से कष्टदायक हो गया। उन्हें दो घंटे खड़ा रखा गया। सिर्फ शुद्ध हिंदी में बात करने के लिए कहा गया। ये भी बोला गया कि अपने शहर के वरिष्ठों को सोशल मीडिया पर खोजकर फॉलो करो। यह माहौल नए बैच के कई विद्यार्थियों में भय, सिरदर्द और मानसिक तनाव पैदा कर रहा है।
नए बैच के छात्रों में डर
नए बैच के विद्यार्थी छात्रावास की गतिविधियों में खुलकर शामिल होने से डरने लगे हैं। शिकायत करने वाले एमबीबीएस छात्र ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की बात कही है। जांच कराकर प्रथम वर्ष के एमबीबीएस विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की रैगिंग या धमकी से बचाने की मांग की है। शिकायत मिलने के बाद नई दिल्ली स्थित एंटी रैगिंग सेल ने जांच शुरू करते हुए इसकी जानकारी नवाबाद थाने को भी दी है। मेडिकल कॉलेज के प्रमुख अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि शिकायत मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
केस 1- जूनियर्स का नाम पूछा... मुर्गा बनाया और पीटने लगे
मेडिकल कॉलेज में अक्तूबर 2023 में पांच महीने के अंदर ही रैगिंग की दूसरी घटना सामने आई थी। कॉलेज हॉस्टल में पहले जूनियर्स का नाम पूछा, फिर मुर्गा बनाया और पीटने लगे। मौके से गुजर रहे जूनियर्स के तीन साथियों ने विरोध किया तो ईंट और लोहे की रॉड से उन पर भी हमला बोल दिया। शिकायत मिलने पर एंटी रैगिंग कमेटी ने दो सीनियर्स को छह महीने के लिए कक्षाओं से निष्कासित कर दिया था।
केस 2- हार के बाद हॉस्टल में जूनियरों के साथ की थी मारपीट
यह मामला फरवरी 2022 का है। दो फरवरी को कॉलेज के खेल मैदान में रस्साकसी का मैच हुआ था। इसमें 2016 और 2018 बैच के सीनियर्स के साथ 2019 के छात्रों ने मैच खेला था। 2019 बैच के छात्र जीत गए थे। इससे नाराज होकर 2016 और 2018 बैच के पांच-छह छात्रों ने हॉस्टल में घुसकर 2019 बैच के जूनियर्स को पीटा था। इससे जूनियर छात्रों को चोटें आई थीं।
केस 3- इंटर्न छात्रा से रैगिंग
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में कार और स्कूटी सामने आने पर हुए जूनियर डॉक्टर और इंटर्न छात्रा के बीच नौ अक्तूबर 2021 को विवाद हो गया था। कार सवार पैथोलॉजी विभाग के जूनियर डॉक्टर ने अभद्र टिप्पणी कर दी थी। इंटर्न के विरोध करने पर गाली-गलौज भी की थी। छात्रा के साथ रैगिंग की पुष्टि होने पर एंटी रैगिंग कमेटी ने पैथोलॉजी विभाग के जूनियर डॉक्टर को छह महीने के लिए निलंबित और हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया है। साथ ही एक लाख का जुर्माना भी ठोका था। सहयोगी जूनियर डॉक्टर पर भी 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया था।
जूनियर नाम नहीं बता पाया तो सीनियर ने पीट दिया
अक्तूबर 2022 में 2019 बैच के सीनियर छात्र ने 2020 बैच के मॉनीटर को पेन ड्राइव देने के लिए हॉस्टल में बुलाया। मॉनीटर के साथ एक और छात्र था। इस दौरान एक सीनियर ने साथ आए छात्र से पूछा कि वह उसका नाम बताए। जब जूनियर नाम नहीं बता पाया तो सीनियर ने उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद पीड़ित छात्र ने मामले की शिकायत एंटी रैगिंग कमेटी से की थी।