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मोबाइल गेमिंग: तेरह साल के इकलौते बेटे की लत से परेशान मां ने दी जान, सुसाइड से पहले पति से बयां किया दर्द
अमर उजाला नेटवर्क, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Wed, 12 Nov 2025 10:03 PM IST
सार
मंगलवार रात सुसाइड से पहले शीला ने पति के ड्यूटी से लौटने पर बेटे पर भी ध्यान देने की बात कही। शीला ने कहा कि ध्यान न देने पर वह बर्बाद हो जाएगा, वही हमारी पूंजी है। मां की मौत के बाद बेटा बिलखता रहा। बार-बार अपनी मां को पुकारता रहा।
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मृतक शीला, फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
रक्सा के आरएस रेजीडेंसी कॉलोनी निवासी शीला देवी (38) ने आठवीं में पढ़ने वाले इकलौते बेटे की गेमिंग की लत से परेशान होकर खुदकुशी कर ली। बुधवार आधी रात उसे फंदे से लटका देख पति ने फंदे से उतारकर मेडिकल अस्पताल पहुंचाया। यहां कुछ देर बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पोस्टमार्टम कराने पर सुसाइड की पुष्टि हुई है। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
गेम न खेलने देने पर रोने लगता था
मूल रूप से चित्रकूट के हरदौली गांव निवासी शीला देवी आरएस रेजीडेंसी में पति रविंद्र सिंह के साथ रहती थीं। पति रविंद्र एचडीबी फाइनेंसियल सर्विस में सेल्स मैनेजर पद पर तैनात हैं। परिजनों का कहना है कि दंपती को 13 साल का एक बेटा है। वह एक नामी प्राइवेट स्कूल में 8वीं का छात्र है। उसकी पढ़ाई में परेशानी न आए इसके लिए उन लोगों ने रक्सा स्थित आवासीय कॉलोनी को चुना था। कुछ साल से उसे मोबाइल में गेम खेलने की लत लग गई। पिता रविंद्र के सुबह ऑफिस जाने के बाद बेटा ऑनलाइन गेम खेलने लगता था। पिता का कहना है बेटा दोस्तों के साथ ऑन लाइन पबजी गेम खेलता था। पढ़ाई से ज्यादा उसका ध्यान गेमिंग में था। घंटों वह मोबाइल पर गेम खेलता था। गेम न खेलने देने पर रोने लगता था। उस पर समझाने का भी कोई असर नहीं होता था।
पति से बोली- ध्यान दो यही हमारी पूंजी
बेटे के गेम खेलने की लत से शीला बहुत चिंतित रहती थी। मंगलवार रात पति के ड्यूटी से लौटने पर उनसे भी ध्यान देने की बात कही। शीला ने कहा कि ध्यान न देने पर वह बर्बाद हो जाएगा, वही हमारी पूंजी है। पति का कहना है कि रात करीब 11 बजे तक दोनों जाग रहे थे। इसके बाद रविंद और बेटा सो गए। रात करीब दो बजे नींद टूटने पर शीला कमरे में नहीं मिली। दूसरे कमरे में देखने पर वह पंखे पर गमछे से फंदा बनाकर लटकी थी। रविंद्र उसे नीचे उतारकर मेडिकल कॉलेज ले आया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सीओ सदर रामवीर सिंह का कहना है कि प्रारंभिक छानबीन में बेटे की मोबाइल गेमिंग की लत की वजह से परेशान होकर सुसाइड की बात सामने आई है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
मां की मौत के बाद बिलखता रहा बेटा
मां की मौत के बाद बेटा बिलखता रहा। उसके बाबा समेत अन्य परिजन उसे किसी तरह उसे संभालने की कोशिश कर रहे थे लेकिन, बेटा बार-बार अपनी मां को पुकारते हुए रो रहा था। शीला के सुसाइड करने की सूचना पर चित्रकूट से भी उसके परिवार के अन्य सदस्य भी यहां आ गए। पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन शव लेकर चित्रकूट रवाना हो गए।
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गेम न खेलने देने पर रोने लगता था
मूल रूप से चित्रकूट के हरदौली गांव निवासी शीला देवी आरएस रेजीडेंसी में पति रविंद्र सिंह के साथ रहती थीं। पति रविंद्र एचडीबी फाइनेंसियल सर्विस में सेल्स मैनेजर पद पर तैनात हैं। परिजनों का कहना है कि दंपती को 13 साल का एक बेटा है। वह एक नामी प्राइवेट स्कूल में 8वीं का छात्र है। उसकी पढ़ाई में परेशानी न आए इसके लिए उन लोगों ने रक्सा स्थित आवासीय कॉलोनी को चुना था। कुछ साल से उसे मोबाइल में गेम खेलने की लत लग गई। पिता रविंद्र के सुबह ऑफिस जाने के बाद बेटा ऑनलाइन गेम खेलने लगता था। पिता का कहना है बेटा दोस्तों के साथ ऑन लाइन पबजी गेम खेलता था। पढ़ाई से ज्यादा उसका ध्यान गेमिंग में था। घंटों वह मोबाइल पर गेम खेलता था। गेम न खेलने देने पर रोने लगता था। उस पर समझाने का भी कोई असर नहीं होता था।
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पति से बोली- ध्यान दो यही हमारी पूंजी
बेटे के गेम खेलने की लत से शीला बहुत चिंतित रहती थी। मंगलवार रात पति के ड्यूटी से लौटने पर उनसे भी ध्यान देने की बात कही। शीला ने कहा कि ध्यान न देने पर वह बर्बाद हो जाएगा, वही हमारी पूंजी है। पति का कहना है कि रात करीब 11 बजे तक दोनों जाग रहे थे। इसके बाद रविंद और बेटा सो गए। रात करीब दो बजे नींद टूटने पर शीला कमरे में नहीं मिली। दूसरे कमरे में देखने पर वह पंखे पर गमछे से फंदा बनाकर लटकी थी। रविंद्र उसे नीचे उतारकर मेडिकल कॉलेज ले आया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सीओ सदर रामवीर सिंह का कहना है कि प्रारंभिक छानबीन में बेटे की मोबाइल गेमिंग की लत की वजह से परेशान होकर सुसाइड की बात सामने आई है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
मां की मौत के बाद बिलखता रहा बेटा
मां की मौत के बाद बेटा बिलखता रहा। उसके बाबा समेत अन्य परिजन उसे किसी तरह उसे संभालने की कोशिश कर रहे थे लेकिन, बेटा बार-बार अपनी मां को पुकारते हुए रो रहा था। शीला के सुसाइड करने की सूचना पर चित्रकूट से भी उसके परिवार के अन्य सदस्य भी यहां आ गए। पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजन शव लेकर चित्रकूट रवाना हो गए।