झांसी। सरकारी तंत्र में नीचे से ऊपर तक व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल मृतक किसान रघुवीर के पास से मिले सुसाइड नोट ने खोलकर रख दी है, जिसमें किसान ने लिखा है कि लेखपाल ने उससे 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। साथ ही कहा था कि हिस्सा ऊपर भी देना होता है। ऊपर नहीं देना होता तो रिश्वत की रकम कम कर लेता।
सरकार की ओर से लगातार भ्रष्टाचार मुक्त कार्यप्रणाली के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत एकदम इतर है। आवेदन भले ही ऑनलाइन लिए जाते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में उन पर रिपोर्ट बगैर ‘आदान-प्रदान’ के नहीं लग पाती है। कमोबेश इसी स्थिति से दो-चार किसान रघुवीर को भी होना पड़ रहा था। पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के बाद किसान की समस्या के समाधान के आदेश भी हो गए थे। लेकिन, निचले स्तर पर बात अटकी हुई थी। मृतक किसान के पुत्र जियालाल ने बताया कि राजस्व निरीक्षक आठ हजार व क्षेत्रीय लेखपाल दस हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहे थे। इससे कम पर वे कतई तैयार नहीं थे। मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि लेखपाल ने उससे कहा था कि रिश्वत की रकम में से उसे हिस्सा ऊपर भी देना होता है। ऊपर हिस्सा नहीं देना होता तो रकम कम कर लेता।
पैसे नहीं थे, तहसील से पैदल लौटा किसान
झांसी। शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे किसान रघुवीर की जेब में एक पाई भी नहीं थी। किराये का इंतजाम न होने की वजह से किसान संपूर्ण समाधान दिवस से निराशा हाथ लेकर पैदल ही लगभग पंद्रह किलोमीटर दूर अपने गांव लौट आया था। वो घर नहीं गया और गांव के किनारे नंदराम के खेत पर रुक गया। यहीं उसने फांसी लगाकर जान दे दी। परिवार के लोगों का कहना है कि रघुवीर लगातार अफसरों के चक्कर काट रहा था लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी।
राजस्व निरीक्षक बोला मर जाओ और वो मर गया
झांसी। किसान की मौत ने प्रशासनिक मशीनरी में सुधार के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी है। हकीकत में जमीन पर घूसखोरी की फसल खूब पक रही है। संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे किसान ने राजस्व निरीक्षक व लेखपाल के सामने हदबंदी के लिए काफी गुहार लगाई थी। लेकिन, उनका दिल नहीं पसीजा और वे पैसे की मांग पर अड़े रहे। इस पर किसान ने कहा कि न्याय नहीं मिला तो वो आत्महत्या कर लेगा, इस पर राजस्व निरीक्षक बड़ी ही बेदर्दी के साथ बोला जाओ मर जाओ और किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक के पुत्र जियालाल ने इसकी शिकायत पुलिस से की है।
झांसी। सरकारी तंत्र में नीचे से ऊपर तक व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल मृतक किसान रघुवीर के पास से मिले सुसाइड नोट ने खोलकर रख दी है, जिसमें किसान ने लिखा है कि लेखपाल ने उससे 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। साथ ही कहा था कि हिस्सा ऊपर भी देना होता है। ऊपर नहीं देना होता तो रिश्वत की रकम कम कर लेता।
सरकार की ओर से लगातार भ्रष्टाचार मुक्त कार्यप्रणाली के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत एकदम इतर है। आवेदन भले ही ऑनलाइन लिए जाते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में उन पर रिपोर्ट बगैर ‘आदान-प्रदान’ के नहीं लग पाती है। कमोबेश इसी स्थिति से दो-चार किसान रघुवीर को भी होना पड़ रहा था। पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के बाद किसान की समस्या के समाधान के आदेश भी हो गए थे। लेकिन, निचले स्तर पर बात अटकी हुई थी। मृतक किसान के पुत्र जियालाल ने बताया कि राजस्व निरीक्षक आठ हजार व क्षेत्रीय लेखपाल दस हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहे थे। इससे कम पर वे कतई तैयार नहीं थे। मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि लेखपाल ने उससे कहा था कि रिश्वत की रकम में से उसे हिस्सा ऊपर भी देना होता है। ऊपर हिस्सा नहीं देना होता तो रकम कम कर लेता।
पैसे नहीं थे, तहसील से पैदल लौटा किसान
झांसी। शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे किसान रघुवीर की जेब में एक पाई भी नहीं थी। किराये का इंतजाम न होने की वजह से किसान संपूर्ण समाधान दिवस से निराशा हाथ लेकर पैदल ही लगभग पंद्रह किलोमीटर दूर अपने गांव लौट आया था। वो घर नहीं गया और गांव के किनारे नंदराम के खेत पर रुक गया। यहीं उसने फांसी लगाकर जान दे दी। परिवार के लोगों का कहना है कि रघुवीर लगातार अफसरों के चक्कर काट रहा था लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी।
राजस्व निरीक्षक बोला मर जाओ और वो मर गया
झांसी। किसान की मौत ने प्रशासनिक मशीनरी में सुधार के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी है। हकीकत में जमीन पर घूसखोरी की फसल खूब पक रही है। संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे किसान ने राजस्व निरीक्षक व लेखपाल के सामने हदबंदी के लिए काफी गुहार लगाई थी। लेकिन, उनका दिल नहीं पसीजा और वे पैसे की मांग पर अड़े रहे। इस पर किसान ने कहा कि न्याय नहीं मिला तो वो आत्महत्या कर लेगा, इस पर राजस्व निरीक्षक बड़ी ही बेदर्दी के साथ बोला जाओ मर जाओ और किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक के पुत्र जियालाल ने इसकी शिकायत पुलिस से की है।