झांसी। रेलवे ने जब से ट्रेनों में बिना आरक्षण सफर की व्यवस्था शुरू की है। तब से आरक्षण कराकर सफर करने वाले यात्रियों की दिक्कत बढ़ गई है। सीट होने के बाद भी यात्रियों को खड़े होकर सफर करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि आरक्षित कोचों में पहले से बिना टिकट या सामान्य श्रेणी की टिकट के यात्री बैठ जाते हैं। जब रिर्जवेशन के यात्री पहुंचते हैं, तो उनमें सीट खाली कराने को लेकर बहस होती है। यात्रियोें का आरोप है कि ट्रेन में टिकट चेक करने के लिए स्टाफ भी नहीं आता। इसे लेकर शिकायतें लगातार रेलवे अफसरों तक पहुंच रही हैं।
रेलवे ने कोरोना काल में ट्रेनों में रिर्जवेशन कराने के बाद ही यात्रा करने का नियम कर दिया था। ऐसे में सामान्य श्रेणी में यात्री सफर नहीं कर पा रहे थे। बीते 27 जून से झांसी मंडल से गुजरने वाली कई ट्रेनों में सामान्य टिकट पर यात्रा शुरू करा दी गई है। इसका खामियाजा अब रिर्जवेशन कराकर सफर करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
शनिवार को गोरखपुर से चलकर यशवंतपुर जाने वाली गाड़ी संख्या 12591 गोरखपुर यशवंतपुर एक्सप्रेस का बुरा हाल रहा। यात्री अभिषेक ने शिकायत की कि एस 4 कोच इस कदर भरा है कि इसमें सांस लेने की जगह तक नहीं बची। यात्री ने कई बार शिकायत की। इसके साथ ही यात्री आनंद भाई शास्त्री ने शिकायत की। उनकी एस 5 कोच में पांच सीटें थीं। जब वह परिवार के साथ ट्रेन में पहुंचे तो सारी सीटों पर सामान्य श्रेणी के यात्री लेटे थे। उन्होंने ट्विटर पर दोपहर 12 बजे शिकायत की कि मेरी बर्थ खाली करा दीजिए, लेकिन रात 10 बजे तक कोई नहीं पहुंचा। एक और यात्री गिरिजेश शुक्ल ने भी इसी तरह की शिकायत की। यात्रियों का कहना है कि भीड़ के चलते टिकट चेकिंग स्टाफ और आरपीएफ भी कोच को चेक करने नहीं आते। वहीं अनावश्यक भीड़ होने के चलते यात्रियों को सामान और खुद की सुरक्षा का डर सताता है।
रातभर जागकर की सामान की सुरक्षा
इसके साथ ही शनिवार को गाड़ी संख्या 22181 जबलपुर सुपरफास्ट स्पेशल में सफर कर रहे यात्री तरुण माहेश्वरी ने भी कोच में बिना टिकट यात्री और भीड़ का वीडियो फोटो शेयर किया। उन्होंने बताया कि ट्रेन में उनकी चार सीटें थीं। भीड़ की वजह से दो सीटें तो खाली ही गईं। हालात यह रहे कि पूरी रात जागकर सामान की सुरक्षा की।
ट्रेनों में टिकट चेकिंग स्टाफ चेकिंग करता है। अगर किसी ट्रेन में स्टाफ नहीं पहुंच रहा है, तो इसे दिखवाया जाएगा। ट्विटर मिलने वाली शिकायतों का प्रमुखता से निस्तारण किया जाता है। आरपीएफ भी निरीक्षण करती है। - मनोज कुमार सिंह, पीआरओ
झांसी। रेलवे ने जब से ट्रेनों में बिना आरक्षण सफर की व्यवस्था शुरू की है। तब से आरक्षण कराकर सफर करने वाले यात्रियों की दिक्कत बढ़ गई है। सीट होने के बाद भी यात्रियों को खड़े होकर सफर करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि आरक्षित कोचों में पहले से बिना टिकट या सामान्य श्रेणी की टिकट के यात्री बैठ जाते हैं। जब रिर्जवेशन के यात्री पहुंचते हैं, तो उनमें सीट खाली कराने को लेकर बहस होती है। यात्रियोें का आरोप है कि ट्रेन में टिकट चेक करने के लिए स्टाफ भी नहीं आता। इसे लेकर शिकायतें लगातार रेलवे अफसरों तक पहुंच रही हैं।
रेलवे ने कोरोना काल में ट्रेनों में रिर्जवेशन कराने के बाद ही यात्रा करने का नियम कर दिया था। ऐसे में सामान्य श्रेणी में यात्री सफर नहीं कर पा रहे थे। बीते 27 जून से झांसी मंडल से गुजरने वाली कई ट्रेनों में सामान्य टिकट पर यात्रा शुरू करा दी गई है। इसका खामियाजा अब रिर्जवेशन कराकर सफर करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
शनिवार को गोरखपुर से चलकर यशवंतपुर जाने वाली गाड़ी संख्या 12591 गोरखपुर यशवंतपुर एक्सप्रेस का बुरा हाल रहा। यात्री अभिषेक ने शिकायत की कि एस 4 कोच इस कदर भरा है कि इसमें सांस लेने की जगह तक नहीं बची। यात्री ने कई बार शिकायत की। इसके साथ ही यात्री आनंद भाई शास्त्री ने शिकायत की। उनकी एस 5 कोच में पांच सीटें थीं। जब वह परिवार के साथ ट्रेन में पहुंचे तो सारी सीटों पर सामान्य श्रेणी के यात्री लेटे थे। उन्होंने ट्विटर पर दोपहर 12 बजे शिकायत की कि मेरी बर्थ खाली करा दीजिए, लेकिन रात 10 बजे तक कोई नहीं पहुंचा। एक और यात्री गिरिजेश शुक्ल ने भी इसी तरह की शिकायत की। यात्रियों का कहना है कि भीड़ के चलते टिकट चेकिंग स्टाफ और आरपीएफ भी कोच को चेक करने नहीं आते। वहीं अनावश्यक भीड़ होने के चलते यात्रियों को सामान और खुद की सुरक्षा का डर सताता है।
रातभर जागकर की सामान की सुरक्षा
इसके साथ ही शनिवार को गाड़ी संख्या 22181 जबलपुर सुपरफास्ट स्पेशल में सफर कर रहे यात्री तरुण माहेश्वरी ने भी कोच में बिना टिकट यात्री और भीड़ का वीडियो फोटो शेयर किया। उन्होंने बताया कि ट्रेन में उनकी चार सीटें थीं। भीड़ की वजह से दो सीटें तो खाली ही गईं। हालात यह रहे कि पूरी रात जागकर सामान की सुरक्षा की।
ट्रेनों में टिकट चेकिंग स्टाफ चेकिंग करता है। अगर किसी ट्रेन में स्टाफ नहीं पहुंच रहा है, तो इसे दिखवाया जाएगा। ट्विटर मिलने वाली शिकायतों का प्रमुखता से निस्तारण किया जाता है। आरपीएफ भी निरीक्षण करती है। - मनोज कुमार सिंह, पीआरओ