कानपुर में एचडीएफसी की गोविंद नगर शाखा के गोल्ड लोन घोटाले के बाद एक और घोटाला सामने आया है। बैंक के लॉकर में रखे किसान के जेवर बदल दिए गए। पीड़ित ने जेवरों को गिरवी रखकर लोन लिया था। किस्त जमा न कर पाने पर बैंक की ओर से नोटिस भेजी।
बैंक पहुंचने पर उसने जेवर नकली होने का दावा किया। आरोप है कि बैंक के अफसरों से लेकर गोविंदनगर पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी। कोर्ट ने उसका पक्ष सुनने के बाद पुलिस को मामले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं।
बिल्हौर के सैबसू गांव निवासी किसान सुबोध कुमार तिवारी का एक भाई एचडीएफसी बैंक की गोविंद नगर शाखा में काम करता था। सन् 2018 में सुबोध को खेती के लिए पैसों की जरूरत पड़ी। वह भाई के साथ बैंक पहुंचा, जहां तत्कालीन गोल्ड लोन मैनेजर पारस पंत ने उनको गोल्ड लोन लेने का सुझाव दिया। इस पर उन्होंने करीब 580 ग्राम सोने के जेवर गिरवी रखकर 9.62 लाख का लोन ले लिया।
आर्थिक तंगी के चलते वह लोन की तीन-चार किस्ते ही जमा कर पाए। जनवरी 2019 में बैंक का नोटिस मिलने पर वह परिजनों के साथ बैंक पहुंचे। अफसरों से गिरवी रखे जेवरात दिखाने को कहा। पहले तो उसे मना कर दिया गया।
जिद करने बैंक के अफसरों ने लॉकर खोलकर जेवरात दिखाए तो होश उड़ गए। सुबोध के मुताबिक जेवर नकली थे। इसकी शिकायत बैंक अफसरों से की तो झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर उसे भगा दिया गया। गोविंद नगर थाने में तहरीर देने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उसने कोर्ट में अर्जी देकर न्याय की गुहार लगाई। कोर्ट ने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
ये गहने रखे थे गिरवी
चार हार 300 ग्राम, आठ कंगन 80 ग्राम, दो जंजीर 100 ग्राम, पांच अंगूठी 100 ग्राम।
दो ब्रांचों में हुआ था लाखों का घोटाला
एचडीएफसी बैंक की सिविल लाइंस और गोविंद नगर शाखा में लाखों का गोल्ड लोन घोटाला हुआ था। बैंकों के आडिट में इसका खुलासा हुआ था। इसी साल जनवरी में गोविंद नगर और कोतवाली थाने में गोल्ड लोन अफसरों, वैलुअरों और कुछ लोन लेने वालों पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
जांच में आया था कि आरोपियों ने सोने के जेवर पार करके लॉकर में पीतल के जेवर रख दिए थे। सिविल लाइंस शाखा के गोल्ड लोन मैनेजर रोहिल सक्सेना और उसके पिता जेल में हैं। वहीं, गोविंद नगर शाखा का गोल्ड लोन मैनेजर पारस पंत भी कोर्ट में सरेंडर कर चुका है।
कानपुर में एचडीएफसी की गोविंद नगर शाखा के गोल्ड लोन घोटाले के बाद एक और घोटाला सामने आया है। बैंक के लॉकर में रखे किसान के जेवर बदल दिए गए। पीड़ित ने जेवरों को गिरवी रखकर लोन लिया था। किस्त जमा न कर पाने पर बैंक की ओर से नोटिस भेजी।
बैंक पहुंचने पर उसने जेवर नकली होने का दावा किया। आरोप है कि बैंक के अफसरों से लेकर गोविंदनगर पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी। कोर्ट ने उसका पक्ष सुनने के बाद पुलिस को मामले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं।