कानपुर में एसओजी टीम ने फर्जी दस्तावेज के सहारे फाइनेंस पर बाइक लेने वाले एक गिरोह के चार सदस्यों को पनकी इंडस्ट्रियल एरिया से दबोच लिया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर 14 स्कूटी व दो बाइक बरामद की हैं। आरोपी बाइकों को कम दामों पर बेच देते थे।
डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर बताया कि नौबस्ता निवासी अमन गुप्ता, नजीराबाद निवासी शुभम सिंह उर्फ कुनाल, गोविंदनगर निवासी आशीष द्विवेदी व जरीब चौकी नूर मोहम्मद का हाता निवासी शिवम मौर्या को पकड़ा गया है। जालसाज बैंक कर्मियों की मिलीभगत से शोरूम पर जाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे फाइनेंस पर बाइक खरीद लिया करते थे। इसके बाद उसे कम दामों में बेच दिया करते थे।
प्राइवेट बैंकों में करते थे जॉब, मिलीभगत का शक
पकड़े गए जालसाजों में से शुभम सिंह व आशीष द्विवेदी प्राइवेट बैंकों में पहले वाहन फाइनेंस कराने का काम करते थे। शिवम मौर्या और अमन गुप्ता ग्राहकों को यह लालच देते थे कि 90 हजार रुपये की गाड़ी 70 हजार रुपये में ऑनरोड आ जाएगी।
फिर ग्राहक की आईडी को शिवम गुप्ता के कैफे व जन सेवा केंद्र से एडिट कराकर फर्जी नाम पते से कागज तैयार कर लेते थे। जिससे लोगों को यह भी नहीं पता चला था कि बाइक लोन पर ली गई है। वह पूरी रकम ग्राहक से ले लेते थे।
बैंक से वैरीफाई कराने के बाद आरोपी शुरू में ग्राहक की तीन-चार किस्तें स्वयं जमा करते थे। किस्तें न जमा करने पर जब रिकवरी होती थी तो पता गलत मिलता था। कई सालों से यह फर्जीवाडे़ का धंधा कर रहे थे। पुलिस संबंधित बैंक कर्मियों से भी पूछताछ करेगी।
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कानपुर में एसओजी टीम ने फर्जी दस्तावेज के सहारे फाइनेंस पर बाइक लेने वाले एक गिरोह के चार सदस्यों को पनकी इंडस्ट्रियल एरिया से दबोच लिया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर 14 स्कूटी व दो बाइक बरामद की हैं। आरोपी बाइकों को कम दामों पर बेच देते थे।
डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर बताया कि नौबस्ता निवासी अमन गुप्ता, नजीराबाद निवासी शुभम सिंह उर्फ कुनाल, गोविंदनगर निवासी आशीष द्विवेदी व जरीब चौकी नूर मोहम्मद का हाता निवासी शिवम मौर्या को पकड़ा गया है। जालसाज बैंक कर्मियों की मिलीभगत से शोरूम पर जाकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे फाइनेंस पर बाइक खरीद लिया करते थे। इसके बाद उसे कम दामों में बेच दिया करते थे।
प्राइवेट बैंकों में करते थे जॉब, मिलीभगत का शक
पकड़े गए जालसाजों में से शुभम सिंह व आशीष द्विवेदी प्राइवेट बैंकों में पहले वाहन फाइनेंस कराने का काम करते थे। शिवम मौर्या और अमन गुप्ता ग्राहकों को यह लालच देते थे कि 90 हजार रुपये की गाड़ी 70 हजार रुपये में ऑनरोड आ जाएगी।