सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Kanpur News ›   Kanpur Kanpuria dragon fruit is bigger and tastier thanks to CSA scientists success with organic farming.

UP: ड्रैगन फ्रूट का कनपुरिया अवतार...बड़ा और जायकेदार, सीएसए के वैज्ञानिकों ने जैविक खेती की मदद से पाई सफलता

शैली भल्ला, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Wed, 12 Nov 2025 10:39 AM IST
सार

Kanpur News: प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि आर्गेनिक खेती से ड्रैगन फ्रूट की मिठास 15 टीएसएस तक मापी गई, जबकि आमतौर पर यह 11-12 टीएसएस तक होती है। सामान्य ड्रैगन की गोलाई 6.17 सेमी और लंबाई 7.2 लंबाई होती है, जबकि आर्गेनिक विधि से तैयार में फल का आकार आठ सेमी और लंबाई नौ सेमी है।

विज्ञापन
Kanpur Kanpuria dragon fruit is bigger and tastier thanks to CSA scientists success with organic farming.
शोध छात्रा के साथ प्रो. विवेक कुमार त्रिपाठी - फोटो : amar ujala
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कानपुर में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के वैज्ञानिकों ने विदेशी फलों के स्वाद और गुणवत्ता को बढ़ाने में बड़ी सफलता हासिल की है। आर्गेनिक खेती की मदद से वैज्ञानिकों ने न केवल फलों की मिठास बढ़ाई बल्कि उनके आकार और वजन में भी सुधार किया है। इसकी शुरुआत ड्रैगन फ्रूट से हो गई है। वैज्ञानिकों ने ड्रैगन फ्रूट की किचन गार्डेन की पौध भी तैयार की है।

Trending Videos

कुछ सावधानियों के साथ इसे घर पर भी तैयार किया जा सकता है। सीएसए के उद्यान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वीके त्रिपाठी ने बताया कि विदेशी फल ड्रैगन फूट को कमलम नाम दिया गया है। इस पर आर्गेनिक खेती का प्रयोग किया गया है। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि कमलम की तीन प्रजातियां हाेती हैं जिसमें लाल चमड़ी सफेद गूदा, लाल चमड़ी गुलाबी गूदा और पीली चमड़ी सफेद गूदा होता है।

विज्ञापन
विज्ञापन

स्थानीय अनुकूलन की दिशा में एक बड़ी पहल
उन्होंने लाल चमड़ी गुलाबी गूदे वाले कमलम पर प्रयोग किया है। वैज्ञानिकों ने विशेष जैविक पोषक तत्वों और प्राकृतिक खाद का उपयोग किया जिससे फल का आकार बढ़ा और वजन में बढ़ोतरी दर्ज की गई। साथ ही मिठास और सुगंध में भी सुधार मिला। सीएसए के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रयोग विदेशी फलों के स्थानीय अनुकूलन की दिशा में एक बड़ी पहल है।

Kanpur Kanpuria dragon fruit is bigger and tastier thanks to CSA scientists success with organic farming.
ड्रैगन फ्रूट की वैरायटी - फोटो : amar ujala

किचन गार्डेन के लिए भी तैयार किए जा रहे हैं पौधे
अब यही प्रयोग बारबाडोस की चेरी और मलयेशिया के लाल अमरूद पर भी किया जाएगा, ताकि इन पौधों को भारतीय जलवायु में अधिक उत्पादक और स्वादिष्ट बनाया जा सके। इन फलों के पौधे अब किचन गार्डेन के लिए भी तैयार किए जा रहे हैं, ताकि आम लोग भी अपने घर के आंगन या छत पर इन पौधों को लगाकर ताजे और पोषक फलों का आनंद ले सकें।

ड्रैगन फ्रूट में आया यह फर्क
प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि आर्गेनिक खेती से ड्रैगन फ्रूट की मिठास 15 टीएसएस तक मापी गई, जबकि आमतौर पर यह 11-12 टीएसएस तक होती है। सामान्य ड्रैगन की गोलाई 6.17 सेमी और लंबाई 7.2 लंबाई होती है, जबकि आर्गेनिक विधि से तैयार में फल का आकार आठ सेमी और लंबाई नौ सेमी है। फल का वजन आर्गेनिक में जहां 300 ग्राम प्रति फल होता है जबकि सामान्य में 150 ग्राम तक वजन होता है।

Kanpur Kanpuria dragon fruit is bigger and tastier thanks to CSA scientists success with organic farming.
बारबाडोस चेरी की वैरायटी - फोटो : amar ujala

इस तरह से किचन गार्डेन में लगाएं

ड्रैगन फ्रूट को 18 इंच बड़ी नादी या गमले में लगाएं। नादी में छेद होना जरूरी है। पानी रुकना नहीं चाहिए वरना पौधा सड़ जाएगा। इसमें केवल आर्गेनिक खाद-पानी दें। पौधे को धूप वाली जगह पर लगाएं। इसमें सपोर्ट चाहिए ताकि तना ऊपर आकर इसमें लटक जाए। दूसरे साल में इसका फल मिलता है और 20-25 साल तक इस पौधे से फल प्राप्त किए जा सकते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed