सिकंदरा। बेहमई गांव में सोमवार सुबह घर के अंदर खेल रहे डेढ़ वर्षीय बच्चे की पानी भरे नांद में गिरने से डूबकर मौत हो गई। वह मां के साथ ननिहाल आया था। मां कपड़े धोने के बाद छत पर फैलाने चली गई थी।
मंगलपुर के लऊवा गांव के सुनील कुमार पाल की पत्नी शीलम राजपुर के बेहमई गांव स्थित मायके गई थी। उसके साथ इकलौता डेढ़ वर्षीय बेटा हार्दिक भी था। सोमवार सुबह शीलम कपड़े धो रही थी। घर में पानी रखने के लिए सीमेंट की नांद बनी है। उसी के पास हार्दिक खेल रहा था। शीलम कपड़े फैलाने छत पर चली गई। इस बीच हार्दिक पानी भरे नांद में गिर गया। वह लौट कर आई तो बेटा नहीं दिखाई दिया। नांद के पास जाकर देखा तो सिर के बल पानी में पड़ा था। ये देख उसकी चीख निकल गई। शीलम के पिता करन पाल व अन्य परिजन आ गए। उसे लेकर सीएचसी सिकंदरा पहुंचे। वहां डॉ. दीपक गुप्ता ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इकलौते बेटे की मौत से घर का चिराग बुझ गया। वहीं, मृतक की मां शीलम बुरी तरह से बिलखती रही। परिजनों ने पुलिस को बिना बताए शव का अंतिम संस्कार कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि सीएचसी लाने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई थी।
सिकंदरा। बेहमई गांव में सोमवार सुबह घर के अंदर खेल रहे डेढ़ वर्षीय बच्चे की पानी भरे नांद में गिरने से डूबकर मौत हो गई। वह मां के साथ ननिहाल आया था। मां कपड़े धोने के बाद छत पर फैलाने चली गई थी।
मंगलपुर के लऊवा गांव के सुनील कुमार पाल की पत्नी शीलम राजपुर के बेहमई गांव स्थित मायके गई थी। उसके साथ इकलौता डेढ़ वर्षीय बेटा हार्दिक भी था। सोमवार सुबह शीलम कपड़े धो रही थी। घर में पानी रखने के लिए सीमेंट की नांद बनी है। उसी के पास हार्दिक खेल रहा था। शीलम कपड़े फैलाने छत पर चली गई। इस बीच हार्दिक पानी भरे नांद में गिर गया। वह लौट कर आई तो बेटा नहीं दिखाई दिया। नांद के पास जाकर देखा तो सिर के बल पानी में पड़ा था। ये देख उसकी चीख निकल गई। शीलम के पिता करन पाल व अन्य परिजन आ गए। उसे लेकर सीएचसी सिकंदरा पहुंचे। वहां डॉ. दीपक गुप्ता ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इकलौते बेटे की मौत से घर का चिराग बुझ गया। वहीं, मृतक की मां शीलम बुरी तरह से बिलखती रही। परिजनों ने पुलिस को बिना बताए शव का अंतिम संस्कार कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि सीएचसी लाने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई थी।