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Kaushambi News: सौंदर्यीकरण के 23 लाख गए पानी में, फव्वारा सूखा ही रह गया
संवाद न्यूज एजेंसी, कौशांबी
Updated Tue, 02 Dec 2025 12:12 AM IST
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मंझनपुर चौराहे पर बंद पड़ा फव्वारा। संवाद
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मंझनपुर। नगर पंचायत की ओर से मंझनपुर चौराहे के सौंदर्यीकरण पर लाखों रुपये खर्च कर किए गए। दीपावली के दिन इसका उद्घाटन भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मराज मौर्य ने किया था। लेकिन इसकी स्थिति शुरु से ही सवालों के घेरे में है। चौराहे के सौंदर्यीकरण के लिए 23 लाख का बजट पास होने के बावजूद भी सूखा पड़ा फव्वारा और कलश की दरकती पट्टियां जैसे इशारा कर रही हों कि सारा बजट पानी में चला गया हो। महीने भर बाद भी फव्वारा महज शोपीस बनकर रह गया है।
सौंदर्यीकरण कार्य पूरा हुए अभी एक महीने ही हुए हैं, लेकिन बदहाली साफ दिखाई देने लगी है। चौराहे पर दरकती पट्टियां और खराब हो चुके फव्वारे ने लापरवाही की ओर इशारा किया है। फव्वारे की स्थिति चलने लायक तो दूर की बात है। स्थानीय लोगों के अनुसार फव्वारे में उपयोग किए गए यंत्र बहुत पुराने हैं, जो चलाए जाने योग्य भी नहीं हैं।
कुछ दिन पहले ही चौराहे पर मरम्मत कार्य भी कराया गया, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इतनी बड़ी धनराशि खर्च करने के बावजूद निर्माण की गुणवत्ता कितनी कमजोर थी कि एक महीने के भीतर ही मरम्मत की नौबत आ गई।
स्थानीय व्यापारियों और राहगीरों का कहना है कि ऐसा लगता ही नहीं है कि सौंदर्यीकरण के लिए कोई कार्य किया भी गया है। आए दिन यहां कुछ न कुछ टूटा ही मिलता है, जिससे ये पता चलता है कि सौंदर्यीकरण में अच्छी गुणवत्ता वाले सामानों का प्रयोग किया गया है।
सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू हुआ तो लगा अब चौराहे की सुंदरता बढ़ जाएगी, लेकिन उद्घाटन के बाद से ही आए दिन मरम्मत होती रहती है। कभी कलश में लगी पत्ती टूट जाती है तो कभी चारों तरफ बनी हुई पट्टियां। फव्वारे को चलते कभी देखा ही नहीं।-- विजय कुमार, स्थानीय व्यापारी
फव्वारा नहीं चल रहा है इसकी जानकारी नहीं है। जल्द ही जांच कराकर फव्वारे को ठीक करा दिया जाएगा।- प्रतिभा सिंह, ईओ, नगर पालिका
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सौंदर्यीकरण कार्य पूरा हुए अभी एक महीने ही हुए हैं, लेकिन बदहाली साफ दिखाई देने लगी है। चौराहे पर दरकती पट्टियां और खराब हो चुके फव्वारे ने लापरवाही की ओर इशारा किया है। फव्वारे की स्थिति चलने लायक तो दूर की बात है। स्थानीय लोगों के अनुसार फव्वारे में उपयोग किए गए यंत्र बहुत पुराने हैं, जो चलाए जाने योग्य भी नहीं हैं।
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कुछ दिन पहले ही चौराहे पर मरम्मत कार्य भी कराया गया, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इतनी बड़ी धनराशि खर्च करने के बावजूद निर्माण की गुणवत्ता कितनी कमजोर थी कि एक महीने के भीतर ही मरम्मत की नौबत आ गई।
स्थानीय व्यापारियों और राहगीरों का कहना है कि ऐसा लगता ही नहीं है कि सौंदर्यीकरण के लिए कोई कार्य किया भी गया है। आए दिन यहां कुछ न कुछ टूटा ही मिलता है, जिससे ये पता चलता है कि सौंदर्यीकरण में अच्छी गुणवत्ता वाले सामानों का प्रयोग किया गया है।
सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू हुआ तो लगा अब चौराहे की सुंदरता बढ़ जाएगी, लेकिन उद्घाटन के बाद से ही आए दिन मरम्मत होती रहती है। कभी कलश में लगी पत्ती टूट जाती है तो कभी चारों तरफ बनी हुई पट्टियां। फव्वारे को चलते कभी देखा ही नहीं।
फव्वारा नहीं चल रहा है इसकी जानकारी नहीं है। जल्द ही जांच कराकर फव्वारे को ठीक करा दिया जाएगा।- प्रतिभा सिंह, ईओ, नगर पालिका

मंझनपुर चौराहे पर बंद पड़ा फव्वारा। संवाद

मंझनपुर चौराहे पर बंद पड़ा फव्वारा। संवाद