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Kaushambi News: क्षमता से अधिक छात्र संख्या का आवंटन बन सकता है मुसीबत

संवाद न्यूज एजेंसी, कौशांबी Updated Tue, 02 Dec 2025 12:19 AM IST
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Allocating more students than the capacity can become a problem.
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मंझनपुर। बोर्ड परीक्षा के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर सूची जारी कर दी है। इस सूची में जिले के 62 स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इस बार कई विद्यालयों में क्षमता से अधिक छात्र संख्या का आवंटन कर परिषद ने स्कूलों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। ऐसे में परीक्षा केंद्र को लेकर आपत्तियों की भरमार आने की संभावना है। विद्यालय चार दिसंबर तक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम से शिकायत देनी होगी।
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यूपी बोर्ड परीक्षा 18 फरवरी से आरंभ होकर 12 मार्च को समाप्त होगी। इस परीक्षा के लिए जिले में 62 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकृत हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के 44,244 नियमित और करीब 1,400 प्राइवेट परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा की तैयारी जिले स्तर पर लगभग पूरी हो चुकी है। स्कूलों के डेटा अपलोड होने के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षा केंद्रों की सूची जारी कर दी। इस सूची में कई खामियां बताई जा रही हैं। कई विद्यालय ऐसे हैं जो पूर्व में परीक्षा केंद्र बनते आ रहे थे, लेकिन इस बार उन्हें केंद्र नहीं बनाया गया है। ऐसे स्कूलों की संख्या करीब 20 है। इसी प्रकार, दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जहां उनकी क्षमता से अधिक छात्र संख्या का आवंटन कर दिया गया है, जबकि स्कूलों में इन छात्रों की परीक्षा सकुशल संपन्न कराने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार आपत्तियों की भरमार होगी।
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दर्ज करा सकते हैं शिकायत
डीआईओएस राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिन स्कूलों को परीक्षा केंद्र को लेकर किसी प्रकार की शिकायत है, ऐसे विद्यालय चार दिसंबर तक माध्यमिक शिक्षा परिषद की साइट पर आपत्ति दर्ज कराकर इसकी जानकारी कार्यालय में दे दें। इसके बाद उनकी आपत्ति को लेकर बोर्ड से पत्राचार किया जाएगा।
राजकीय स्कूलों में नहीं है व्यवस्था
बोर्ड की ओर से ऑनलाइन जारी परीक्षा केंद्रों की सूची में राजकीय स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया है, जबकि यहां परीक्षा संपन्न कराने की पर्याप्त सुविधा नहीं है। दो विद्यालयों को छोड़ दें तो अन्य में न तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही इनके पास इतने कमरे हैं कि यहां परीक्षा कराई जा सके। डीआईओएस ने बताया कि कड़ा व सिराथू पूर्व से परीक्षा केंद्र बनते आ रहे हैं, ऐसे में यहां परीक्षा कराने को लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जबकि, राजकीय हाईस्कूल लौधना, पिंड्रासहावनपुर, पल्हाना कछार, महाराज का पुरा, शेरगढ़ में तीन से चार कमरे ही हैं। यहां न तो सीसीटीवी की सुविधा है और न परीक्षा संपन्न कराने को लेकर पर्याप्त व्यवस्था। इन स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने की संभावना कम है। अंतिम फैसला डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी।
इन विद्यालयों में हुआ क्षमता से अधिक छात्रों का आवंटन
बोर्ड परीक्षा में आमतौर पर जहां स्कूलों में तीन से चार सौ की छात्र संख्या रहती है। वहीं, जिले के आधा दर्जन से अधिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां पांच सौ से लेकर एक हजार से अधिक छात्रों का आवंटन किया गया है। ऐसे में इन स्कूलों की ओर से आपत्ति दर्ज कराने की तैयारी है। डीआईओएस ने बताया कि आदर्श इंटर कॉलेज सरायअकिल में 694, कस्तूरबा गांधी गर्ल्स इंटर कॉलेज भरवारी में 717, शिवाजी इंटर कॉलेज नेवादा में 1099, श्री दुर्गा देवी इंटर कॉलेज ओसा में 1090, महेश्वरी प्रसाद इंटर कॉलेज आलमचंद में 821, श्री देशबंधु इंटर कॉलेज बैशकाटी में 609, तिलक इंटर कॉलेज कनैली में 597, जिला पंचायत इंटर कॉलेज पश्चिमशरीरा में 447, श्री दिलीप सिंह इंटर कॉलेज बाकरगंज में 522 छात्रों का आवंटन हुआ है। इन सभी स्कूलों में छात्र संख्या का आवंटन क्षमता से अधिक बताया जा रहा है। श्री दिलीप सिंह इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अवधेश सिंह ने बताया कि यहां 522 छात्रों का आवंटन किया गया है जबकि अधिकतम तीन से साढ़े तीन सौ छात्रों का आवंटन होना चाहिए। वहीं, श्री दुर्गा देवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य चुन्नीलाल ने कहा कि यहां 1090 छात्रों का आवंटन क्षमता से अधिक है, इसे चार से पांच सौ के करीब करने की मांग की जाएगी।

नहीं बने परीक्षा केंद्र, दर्ज की जाएगी मांग
जिले में इस साल बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या 44,244 नियमित व करीब 1,400 निजी परीक्षार्थियों की है। पूर्व में इतने छात्रों के लिए करीब 85 परीक्षा केंद्र बनते रहे हैं, जबकि इस बार ऑनलाइन प्रक्रिया में केवल 62 स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। ऐसे में करीब 20 स्कूल परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग करेंगे। डीआईओएस ने बताया कि यह सूची अंतिम नहीं है। अभी जिला शिक्षा समिति की बैठक में कई बदलाव होने की संभावना है। इतने कम केंद्रों में परीक्षा कराना मुश्किल होगा।
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