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Kushinagar News: एसआईआर में उलझे लेखपाल, तहसीलों में प्रमाण पत्र डंप
संवाद न्यूज एजेंसी, कुशीनगर
Updated Tue, 02 Dec 2025 01:29 AM IST
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तमकुहीराज तहसील परिसर में राजस्वकर्मियों के इंजतार में बैठे लोग। संवाद
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कुशीनगर। एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) को लेकर शहर से गांव तक कर्मचारियों को लगा दिया गया है। लेखपालों की इसमें व्यस्तता के कारण तहसील से जारी होने वाले जाति, आय, निवास प्रमाण पत्रों के साथ धान बेचने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले किसानों के सत्यापन में भी देरी हो रही है। जिले में करीब दस हजार से अधिक लोगों का प्रमाण पत्र और तीन हजार से अधिक किसानों का सत्यापन तय समय के अंदर जारी नहीं हो सका है।
इसको लेकर लोग तहसीलों में भटकने को मजबूर हैं। इसके चलते धान की खरीद भी जिले में सुस्त पड़ी है। पडरौना तहसील में करीब 500 से अधिक ऐसे आवेदन हैं जो तय समय के अंदर जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सके हैं। हाटा प्रतिनिधि के अनुसार तहसील के सरकारी दफ्तरों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में पहुंचने वाले लोग उम्मीद करते हैं कि उनके प्रार्थना पत्रों पर जल्द निस्तारण हो, लेकिन लेखपालों की अतिरिक्त व्यस्तता प्रशासनिक मशीनरी की गति को धीमा कर रही है।
हालत यह है कि संपूर्ण समाधान दिवस और जनता दर्शन में आए प्रार्थना पत्रों की जांच भी समय पर नहीं हो पा रही। इसके अलावा भूलेख से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य भी प्रभावित हैं। कर्मचारियों का कहना है कि पहले भी अतिरिक्त ड्यूटियां दी जाती थीं, लेकिन इस बार काम का दायरा और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गए हैं। रोजाना की रिपोर्टिंग, मौके पर जाकर सत्यापन और अचानक निरीक्षणों की वजह से लेखपालों के पास कार्यालय के कार्यों के लिए पर्याप्त समय नहीं बच पा रहा।
राजस्व विभाग में भूलेख से जुड़े कार्य सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। भूमि सीमांकन, खतौनी संशोधन, नक्शा सुधार जैसे कार्य लेखपालों की रिपोर्ट के बिना संभव नहीं होते। सहज जन सेवा केंद्र संचालित करने वाले राजकुमार ने बताया कि प्रमाण पत्र में रिपोर्ट लगने में पहले से देरी हो रही है, जिससे आवेदकों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
हाटा तहसील के लेखपाल रामेंद्र तिवारी ने बताया कि एसआईआर में लेखपालों की ड्यूटी लगाई है। इससे हम लोगों का मूल कार्य काफी हद तक प्रभावित हो रहा है। कसया प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में पूरा दिन लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार समेत एसडीएम स्वयं एसआईआर की समीक्षा और ससमय पूरा कराने को लेकर काफी जोर रहे हैं तो वहीं तहसील में लोग राजस्व से संबंधित कार्यों के लिए चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं।
तहसील में सोमवार को पड़ताल किया गया तो राजस्व कर्मचारी और अधिकारी सभी लोग क्षेत्र में एसआईआर का सत्यापन कराने में जुटे हुए थे। तहसील में एक सप्ताह के अंदर जाति 698 और आय के लिए 753 आवेदन लंबित पड़े हैं। निवास प्रमाण पत्र के लिए 853 आवेदन लंबित हैं। किसानों के धान विक्रय के लिए किए गए आवेदन में केवल दो लंबित पड़े हुए हैं।
तमकुहीराज प्रतिनिधि के अनुसार तहसील स्तर पर कार्य को गति देने के लिए तमकुहीराज तहसील में तैनात करीब 60 लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई, जो रिसीव फार्म के डिजिटल कार्य के अलावा प्रगति रिपोर्ट की निगरानी भी कर रहे हैं। तहसील में आए सेवरही निवासी अमित सिंह ने बताया चार दिन पूर्व आय-निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन राजस्वकर्मियों के व्यस्त होने के कारण अभी तक प्रमाण पत्र नहीं मिल सका है। सरया निवासी आशुतोष पांडेय ने बताया धारा 24 के तहत जमीन की पैमाइश के लिए एसडीएम कोर्ट से आदेश हुआ है लेकिन हल्का लेखपाल एसआईआर के कार्य में व्यस्तता का हवाला दे रहे हैं।
कोट
पोर्टल की निगरानी होती है। सीएम डैश बोर्ड की समीक्षा भी होती है, इसमें राजस्वकर्मियों को तय समय के अंदर प्रमाण पत्रों को जारी करने और प्राथमिकता के आधार पर धान खरीद का सत्यापन के लिए निर्देश दिया गया है। आवेदनों का निस्तारण तय समय के अंदर करा दिया जाएगा।
-वैभव मिश्रा, एडीएम प्रशासन
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इसको लेकर लोग तहसीलों में भटकने को मजबूर हैं। इसके चलते धान की खरीद भी जिले में सुस्त पड़ी है। पडरौना तहसील में करीब 500 से अधिक ऐसे आवेदन हैं जो तय समय के अंदर जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सके हैं। हाटा प्रतिनिधि के अनुसार तहसील के सरकारी दफ्तरों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में पहुंचने वाले लोग उम्मीद करते हैं कि उनके प्रार्थना पत्रों पर जल्द निस्तारण हो, लेकिन लेखपालों की अतिरिक्त व्यस्तता प्रशासनिक मशीनरी की गति को धीमा कर रही है।
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हालत यह है कि संपूर्ण समाधान दिवस और जनता दर्शन में आए प्रार्थना पत्रों की जांच भी समय पर नहीं हो पा रही। इसके अलावा भूलेख से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य भी प्रभावित हैं। कर्मचारियों का कहना है कि पहले भी अतिरिक्त ड्यूटियां दी जाती थीं, लेकिन इस बार काम का दायरा और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गए हैं। रोजाना की रिपोर्टिंग, मौके पर जाकर सत्यापन और अचानक निरीक्षणों की वजह से लेखपालों के पास कार्यालय के कार्यों के लिए पर्याप्त समय नहीं बच पा रहा।
राजस्व विभाग में भूलेख से जुड़े कार्य सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। भूमि सीमांकन, खतौनी संशोधन, नक्शा सुधार जैसे कार्य लेखपालों की रिपोर्ट के बिना संभव नहीं होते। सहज जन सेवा केंद्र संचालित करने वाले राजकुमार ने बताया कि प्रमाण पत्र में रिपोर्ट लगने में पहले से देरी हो रही है, जिससे आवेदकों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
हाटा तहसील के लेखपाल रामेंद्र तिवारी ने बताया कि एसआईआर में लेखपालों की ड्यूटी लगाई है। इससे हम लोगों का मूल कार्य काफी हद तक प्रभावित हो रहा है। कसया प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में पूरा दिन लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार समेत एसडीएम स्वयं एसआईआर की समीक्षा और ससमय पूरा कराने को लेकर काफी जोर रहे हैं तो वहीं तहसील में लोग राजस्व से संबंधित कार्यों के लिए चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं।
तहसील में सोमवार को पड़ताल किया गया तो राजस्व कर्मचारी और अधिकारी सभी लोग क्षेत्र में एसआईआर का सत्यापन कराने में जुटे हुए थे। तहसील में एक सप्ताह के अंदर जाति 698 और आय के लिए 753 आवेदन लंबित पड़े हैं। निवास प्रमाण पत्र के लिए 853 आवेदन लंबित हैं। किसानों के धान विक्रय के लिए किए गए आवेदन में केवल दो लंबित पड़े हुए हैं।
तमकुहीराज प्रतिनिधि के अनुसार तहसील स्तर पर कार्य को गति देने के लिए तमकुहीराज तहसील में तैनात करीब 60 लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई, जो रिसीव फार्म के डिजिटल कार्य के अलावा प्रगति रिपोर्ट की निगरानी भी कर रहे हैं। तहसील में आए सेवरही निवासी अमित सिंह ने बताया चार दिन पूर्व आय-निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन राजस्वकर्मियों के व्यस्त होने के कारण अभी तक प्रमाण पत्र नहीं मिल सका है। सरया निवासी आशुतोष पांडेय ने बताया धारा 24 के तहत जमीन की पैमाइश के लिए एसडीएम कोर्ट से आदेश हुआ है लेकिन हल्का लेखपाल एसआईआर के कार्य में व्यस्तता का हवाला दे रहे हैं।
कोट
पोर्टल की निगरानी होती है। सीएम डैश बोर्ड की समीक्षा भी होती है, इसमें राजस्वकर्मियों को तय समय के अंदर प्रमाण पत्रों को जारी करने और प्राथमिकता के आधार पर धान खरीद का सत्यापन के लिए निर्देश दिया गया है। आवेदनों का निस्तारण तय समय के अंदर करा दिया जाएगा।
-वैभव मिश्रा, एडीएम प्रशासन