यूपी के रुझानों में बीजेपी एक बार फिर बाजी मारती नजर आ रही हैं, वहीं सपा ने भी पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करते हुए सीटों की सैंचुरी लगा दी है। बुंदेलखंड के यूपी से लगे इलाके भी चुनाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहे। कानपुर, झांसी, ललित पुर जैसे जिले बुंदेलखंड इलाके के अंतर्गत आते हैं। इन इलाकों के ज्यादातर जगहों पर भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी पर भारी पड़ रही है। हालांकि इस चुनाव में दोपहर बाद के रुझानों से समाजवादी पार्टी का ग्राफ भी काफी हद तक सुधरा है लेकिन बहुमत की ओर तो भाजपा ही बढ़ रही है।
इधर ललितपुर सदर से भाजपा प्रत्याशी रामरत्ना कुशवाहा चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट पर लगातार उतार-चढ़ाव लगा रहा है। 1989 से 1996 तक चार विधानसभा चुनावों में भाजपा से अरविंद कुमार लगातार विधायक चुने गए। 2002 में कांग्रेस से बीरेंद्र सिंह बुंदेला चुनाव जीते और 2007 में बसपा से इंजीनियर नाथूराम कुशवाह विधायक बने। 2012 में बसपा से रमेश चंद्र कुशवाह और 2017 में भाजपा के रामरतन कुशवाह विधायक चुने गए।
यूपी के रुझानों में बीजेपी एक बार फिर बाजी मारती नजर आ रही हैं, वहीं सपा ने भी पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करते हुए सीटों की सैंचुरी लगा दी है। बुंदेलखंड के यूपी से लगे इलाके भी चुनाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहे। कानपुर, झांसी, ललित पुर जैसे जिले बुंदेलखंड इलाके के अंतर्गत आते हैं। इन इलाकों के ज्यादातर जगहों पर भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी पर भारी पड़ रही है। हालांकि इस चुनाव में दोपहर बाद के रुझानों से समाजवादी पार्टी का ग्राफ भी काफी हद तक सुधरा है लेकिन बहुमत की ओर तो भाजपा ही बढ़ रही है।
इधर ललितपुर सदर से भाजपा प्रत्याशी रामरत्ना कुशवाहा चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट पर लगातार उतार-चढ़ाव लगा रहा है। 1989 से 1996 तक चार विधानसभा चुनावों में भाजपा से अरविंद कुमार लगातार विधायक चुने गए। 2002 में कांग्रेस से बीरेंद्र सिंह बुंदेला चुनाव जीते और 2007 में बसपा से इंजीनियर नाथूराम कुशवाह विधायक बने। 2012 में बसपा से रमेश चंद्र कुशवाह और 2017 में भाजपा के रामरतन कुशवाह विधायक चुने गए।