कबरई(महोबा)। लोकार्पण के महज डेढ़ माह बाद ही कबरई बांध की दीवारों में दरारें आ गई हैं। बांध के फाटकों के ऊपर तटबंध पर बनाई गई दोनों तरफ की दीवारें फट गईं हैं। इससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। बांध की दीवारें फटने के परिणाम स्वरूप भविष्य में पानी के रिसाव व बाढ़ की आशंका से स्थानीय लोग भयभीत हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को जिला मुख्यालय आकर 2655.35 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई अर्जुन सहायक परियोजना जनता को समर्पित की थी। किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शासन की ओर से अर्जुन बांध से लहचूरा बांध व लहचूरा से कबरई बांध को जोड़ने का कार्य किया गया है। 2055 हेक्टेयर क्षेत्र में बांध तैयार किए गए हैं। निर्माण के कुछ ही समय के अंदर दीवारें फटने से लोगों को चिंता सताने लगी है। आशंका जताई जा रही है कि यदि बांध की दीवारें गिर गईं तो पानी के एकाएक तेज बहाव से कई गांवों के खेतों में पानी भर जाएगा। फसलों को भारी नुकसान होगा। साथ ही गांवों में पानी भरने से बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। इतनी भारी भरकम रकम से तैयार की गई परियोजना के कबरई बांध की दीवारें फटने का मसला चर्चा का विषय बना हुआ है।
जिम्मेदार बोले
कबरई बांध में दरारें पड़ने का मामला संज्ञान में नहीं है। अगर दरारें पड़ गईं तो मामले को लेकर कल ही सीडीओ और अधिशासी अभियंता को मौके पर भेजकर जांच करायी जाएगी।
-मनोज कुमार, जिलाधिकारी
कबरई(महोबा)। लोकार्पण के महज डेढ़ माह बाद ही कबरई बांध की दीवारों में दरारें आ गई हैं। बांध के फाटकों के ऊपर तटबंध पर बनाई गई दोनों तरफ की दीवारें फट गईं हैं। इससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। बांध की दीवारें फटने के परिणाम स्वरूप भविष्य में पानी के रिसाव व बाढ़ की आशंका से स्थानीय लोग भयभीत हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को जिला मुख्यालय आकर 2655.35 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई अर्जुन सहायक परियोजना जनता को समर्पित की थी। किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शासन की ओर से अर्जुन बांध से लहचूरा बांध व लहचूरा से कबरई बांध को जोड़ने का कार्य किया गया है। 2055 हेक्टेयर क्षेत्र में बांध तैयार किए गए हैं। निर्माण के कुछ ही समय के अंदर दीवारें फटने से लोगों को चिंता सताने लगी है। आशंका जताई जा रही है कि यदि बांध की दीवारें गिर गईं तो पानी के एकाएक तेज बहाव से कई गांवों के खेतों में पानी भर जाएगा। फसलों को भारी नुकसान होगा। साथ ही गांवों में पानी भरने से बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। इतनी भारी भरकम रकम से तैयार की गई परियोजना के कबरई बांध की दीवारें फटने का मसला चर्चा का विषय बना हुआ है।
जिम्मेदार बोले
कबरई बांध में दरारें पड़ने का मामला संज्ञान में नहीं है। अगर दरारें पड़ गईं तो मामले को लेकर कल ही सीडीओ और अधिशासी अभियंता को मौके पर भेजकर जांच करायी जाएगी।
-मनोज कुमार, जिलाधिकारी