अब नकल, मुआयना और तलाश के लिए रजिस्ट्री कार्यालय नहीं जाना होगा। घर बैठकर कंप्यूटर की स्कीन में यह रिकार्ड देखा जा सकेगा।
जिला मुख्यालय सहित तहसील स्तर पर स्थापित रजिस्ट्री कार्यालय आनलाइन हो चुके हैं। अब इनके रिकार्ड को भी आनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। सब रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र यादव ने बताया कि जिले के सभी रजिस्ट्री कार्यालय आनलाइन हो चुके हैं। पुराने रिकार्ड को अपलोड किया जा रहा है।
फिलहाल यह प्रक्रिया 1990 से अपनाई जा रही है। जिले की सभी तहसील और मुख्यालय स्थित रिकार्ड अपलोड हो रहा है। हालांकि 2013 से अब तक यह रिकार्ड आनलाइन होने के बाद अपलोड है।
सब रजिस्ट्रार ने बताया कि यह रिकार्ड अपलोड होने के बाद नकल, मुआयना और तलाश के लिए किसी को रजिस्ट्री कार्यालय नहीं आना होगा। साथ ही आनलाइन व्यवस्था से रिकार्ड की छाया प्रति भी निकाली जा सकेगी। रजिस्ट्री विभाग ने जिले को इस कार्य के लिए 44 लाख रुपए प्रदान किए हैं।
अब नकल, मुआयना और तलाश के लिए रजिस्ट्री कार्यालय नहीं जाना होगा। घर बैठकर कंप्यूटर की स्कीन में यह रिकार्ड देखा जा सकेगा।
जिला मुख्यालय सहित तहसील स्तर पर स्थापित रजिस्ट्री कार्यालय आनलाइन हो चुके हैं। अब इनके रिकार्ड को भी आनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। सब रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र यादव ने बताया कि जिले के सभी रजिस्ट्री कार्यालय आनलाइन हो चुके हैं। पुराने रिकार्ड को अपलोड किया जा रहा है।
फिलहाल यह प्रक्रिया 1990 से अपनाई जा रही है। जिले की सभी तहसील और मुख्यालय स्थित रिकार्ड अपलोड हो रहा है। हालांकि 2013 से अब तक यह रिकार्ड आनलाइन होने के बाद अपलोड है।
सब रजिस्ट्रार ने बताया कि यह रिकार्ड अपलोड होने के बाद नकल, मुआयना और तलाश के लिए किसी को रजिस्ट्री कार्यालय नहीं आना होगा। साथ ही आनलाइन व्यवस्था से रिकार्ड की छाया प्रति भी निकाली जा सकेगी। रजिस्ट्री विभाग ने जिले को इस कार्य के लिए 44 लाख रुपए प्रदान किए हैं।